‘करब छठी माई बरत तोहार’ गीत में है लोक आस्था-अजीत कुमार अकेला

By pnc Nov 2, 2016

अनुराधा पौडवाल और रविन्द्र जैन के साथ की गायकी 

पांच हजार से अधिक गीत गा चुके है 




भोजपुरी के पारम्परिक लोक गायन में अजित कुमार अकेला ने जो मुकाम हासिल किया है उस मुकाम तक पहुँचने में उनका लम्बा संघर्ष और कड़ी मेहनत है जो आज वे लोगों के दिलों में राज करते हैं. कोई भी अवसर हो अवसर  हो उनके चाहने वाले हर समय कुछ नया सुनने को बेताब रहते हैं .बात पूर्वी ,झूमर,चैता या निर्गुण की हो तो अजीत कुमार अकेला ने अपने चाहनेवालों को कभी निराश नहीं किया है.सभी रसों के गीत उन्होंने गाये हैं. पांच हजार से अधिक भोजपुरी मगही और मैथिलि गीतों से अपने फन का जौहर दिखाने वाले अजीत कुमार अकेला का  एल्बम ‘करब छठ के बरतिया’ जिसे घर घर में लोग पसंद करते हैं . जिसके माध्यम से उन्होंने ने लोक आस्था का महान पर्व छठ के कई आयामों को अपने गीतों के जरिए प्रस्तुत किया है.अजीत अकेला लोक गायन में देश विदेश में अपनी गायकी से बिहार का नाम ऊँचा करते आये है . इसके लिए उन्हें दर्जनों पुरस्कार भी मिल चुके है .अनुराधा पौडवाल के साथ  छठ महिमा,हे छठी मैया, करब छठ  के बरतिया और बहंगी छठ मैया के जाए जैसे लोकप्रिय एल्बमों में छठ की पावनता भरे गीतों को पिरोया है.  इस बार उन्होंने  छठ पर्व के दो गीत गाये हैं ,दोनों ही गीत सुनने लायक बन पड़े  है  आप भी सुनिए …

14875199_1740926122899441_1253607456_n 14885792_1739571963034857_503851170_n 14798950_1734213303570723_1101589771_n14914939_1740926139566106_1438320683_n 14937053_1740926126232774_1238532104_n

 

https://youtu.be/ZlgM1rxJuMs       

https://youtu.be/ZlgM1rxJuMs?t=125

By pnc

Related Post