यूथ हॉस्टल एसोसिएशन वेबिनार के जरिये ब्लैक फंगस के बारे में फैला रहा है जागरूकता
वेबिनार में डॉक्टर ने बताया ब्लैक फंगस से बचने के तरीके
आरा,11 जून. ब्लैक फंगस को लेकर यूथ हॉस्टल एसोसिएशन, भोजपुर ईकाई ने तीन घंटे का वेबीनार आयोजित किया. जिसमें 50 से अधिक लोगों ने ब्लैक फंगस के बारे में एक्सपर्ट से जानकारी लिया. वेबिनार का संचालन व धन्यवाद ज्ञापन एसोसिएशन की चेयरमैन डा अर्चना सिंह ने किया.
वेबिgU in JJनार में मुख्य वक्ता एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष व वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डा एसके रुंगटा, डा दीपक, डा राजेश कुमार सिंंह थे. वेबीनार में 50 से ऊपर कई लोगों ने डा रुंगटा से ब्लैक फंगस बीमारी के बारे में सवाल पुछे जिसका जवाब देते हुए डा एसके रुंगटा ने कहा कि पिछले 1 वर्ष से ज्यादा से सभी लोग कोविड-19 की दहशत में रह रहे हैं. अब ब्लैक फंगस के रूप में एक नई आफत आ गई है. फंगस पुराने जमाने से वातावरण में है, पर ब्लैक फंगस यानी म्यूकर नामक फंगस का प्रकोप मानव शरीर पर आम नहीं था. कोविड-19 वायरस के इंफेक्शन के बाद शरीर की प्रतिरोधक क्षमता( इम्यूनिटी) कम हो जाती है और ऐसी स्थिति में अगर ब्लड शुगर बढ़ा हुआ हो, गंदा मास्क का प्रयोग हो रहा हो, लंबे समय तक एक ही पाइप से ऑक्सीजन दी जा रही हो या स्ट्राइड भी लिया जा रहा हो तो फंगस के प्रकोप की संभावना बढ़ जाती है.
एक सवाल के जवाब में उन्होने कहा कि शुरुआत में नाक के पास काले स्पॉट, फिर नाक में काली झिल्ली देखी जा सकती है. कभी-कभी नाक से हल्का रक्तस्राव भी हो सकता है. फिर बगल के एरिया में साइनस में भी इसका प्रकोप, सूजन सूनापन, दर्द के रूप में भी देखा जा सकता है. आगे बढ़ने पर आंखों में भी इसका प्रभाव हो सकता है. आंख में सूजन, लाली, आंख का बाहर की तरफ निकलना (प्रोप्टोसिस) देखा जा सकता है. पर यह सब बहुत कम प्रतिशत में ही होता है. फंगस से बचाव करना है, पर दहशत में नहीं रहना है,डरना नहीं है. इससे बचा जा सकता है.
बताए ये उपाय:
ब्लैक फंगस से बचने के लिए डॉ रूंगटा ने कहा कि
*) इसके लिए आसपास सफाई रखना है.
*) मिट्टी या पौधे को छूने पर हाथों को साबुन से जरूर धोएं.
*) बार-बार नाक, मुंह, आंख को उंगली से न छुएं.
*) मास्क प्रतिदिन नया या धुला हुआ पहने.
*) अपना टूथ ब्रश महीने में जरूर बदल दे.
*) कंघी जरूर साफ रखें.
*) तंबाकू , सिगरेट, शराब का सेवन बिलकुल खतरनाक है. इसलिए इससे बचें.
*) बार-बार हाथ धोते रहें.
*) स्टेरॉयड अपने मन से घर पर नहीं लें.
इन बातों पर ध्यान देने से फंगस से बचा जा सकता है. अपना रुमाल, तौलिया, बेडशीट साफ एवं अलग रखने की उन्होंने लोगों को सलाह दी. उन्होंने बताया कि फिर भी अगर फंगस का प्रकोप हो तो सरकार द्वारा प्रचुर मात्रा में एंफोटेरिसिन बी नामक दवा का प्रबंध कर दिया गया है, यह दवा आईजीआईएमएस, एम्स, पीएमसीएच , एनएमसीएच में उपलब्ध है. शीघ्र ही जिला अस्पतालों में इसकी उपलब्धता सुनिश्चित होने वाली है. सवाल पूछने वालों में विजय कुमार सिंह, आलोक अतुल्य, स्मिता आर्यन, रमेश कुमार सिंह, अनिल राज, डा एमएम द्विवेदी, रीता सिंह, प्रो मोहम्मद सैफ सहित 50 से ऊपर लोगों ने ब्लैक फंगस के बारे में जानकारी ली.
आरा से ओ पी पांडेय की रिपोर्ट