गिफ्ट दुकान और गोदाम में भीषण आग, करोड़ो की संपत्ति जलकर खाक
आग बुझाने में 13 घंटे जूझते रहे दमकल कर्मी
आरा, 4 अप्रैल. नगर थाना के अंतर्गत बिजली रोड स्थित मंगलवार को मोहिनी गिफ्ट दुकान और उसके गोदाम में भीषण आग लग गयी, जिसकी वजह से करोड़ों की संपत्ति जलकर खाक हो गई. बिजली रोड स्थित यह दुकान सिन्हा निवासी समाजसेवी कमला प्रसाद के बेटों, विनोद प्रसाद एवं मनोज शाह दो सगे भाइयों का था, जिसमें वे रहते भी थे. लगभग 2 साल पहले विनोद प्रसाद ने यह बिल्डिंग खरीदी थी.
बिचली रोड स्थित चार मंजिला इमारत जिसमें मनोज शाह और उनके भाई विनोद प्रसाद की गिफ्ट की दुकान थी. इस मकान में उनकी फैमिली भी रहती थी. चार मंजिला भवन के नीचे मार्केट था और ऊपर उनका दुकान एवं गोदाम. मंगलवार की सुबह लगभग 9.30 बजे दुकान खोलने के बाद अचानक से आसपास लोगों ने धुआं निकलते देखा सभी के हाथ पांव फूलने लगे. फिर क्या था आनन फानन में आज पड़ोसियों ने पानी से आग बुझाने की कोशिश जारी कर दी. तुरंत फायर ब्रिगेड और नगर थाने को फोन भी किया गया.
सूचना मिलते ही इंस्पेक्टर जयप्रकाश सिंह अपने दल बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और आग पर काबू पाने की कोशिश जारी हो गई. लेकिन आग चौथी मंजिल पर लगने के कारण वहां पहुंचना फायर ब्रिगेड कर्मियों के लिए मुश्किल हो रहा था. इस बीच घर में रखे सामान समेत महिलाओं और बच्चों को पड़ोसियों ने बाहर निकाला. चौथी मंजिल से आग की लपटों और धुंआ निकलते देख लोगों में हड़कंप मच गया. बिल्डिंग के आसपास के रहने वालों ने अपने घरों और दुकानों का समान खाली करना शुरू कर दिया. एक के बाद एक फायर ब्रिगेड की गाड़ियां आती रही आग को बुझाती रही लेकिन आग थोड़ी देर के बाद दमकल कर्मियों को छक्काती रही.
इस बीच गीधा गैस प्लांट से भी आग पर पर काबू पाने के लिए अग्निरोधी यंत्र मनाया गया जिससे आग पर काबू पाया गया. आग की तेज लपटों और गर्मी के कारण मकान बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया और कई जगह दरारें पड़ गई है. आग बुझाने के बाद भी रात के 11 बजे भी धुआं निकलते दिखा. लगभग 20 दमकल की गाड़ियां आग बुझाने में लगी थी.
बताया जाता है कि 2 वर्ष पहले भी इस मकान में लगी थी गिफ्ट दुकान के मालिक की माने तो 30 लाख से अधिक का नुकसान हुआ है लेकिन सूत्रों की माने तो या नुकसान 1 करोड़ से अधिक का है. आग लगने की वजह शॉट सर्किट बताया जा रहा है. गिफ्ट में अधिकतर प्लास्टिक के समान थे जिसकी वजह से आग बुझने का नाम नही ले रहा था.
आरा से सत्य प्रकाश सिंह और ओ पी पांडेय की रिपोर्ट