एम्स, पटना में ईएनटी पर आधारित दो दिवसयी कार्यशाला संपन्न
विशेषज्ञों ने एम्स में शव पर ईएनटी की नई तकनीक पर आधारित मशीन से किया गया सर्जरी
देश के नामचीन ईएनटी विशेषज्ञ पहुंचे
फुलवारीशरीफ, पटना (अजित की रिपोर्ट) । एम्स, पटना में ईएनटी विभाग की ओर से शनिवार और रविवार को दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन हुआ जिसमें देश के नामचीन ईएनटी विशेषज्ञों ने भाग लिया.
ईएनटी की विभागाध्यक्ष प्रो0डा0 क्रांति भावना ने कार्यशाला के पहले दिन कहा कि एम्स, पटना में अब लेजर और काॅबलेंस मशीन से नाक, गले और कान की सजर्री शुरू होगी. उन्होने कहा कि ईएनटी के ओपीडी में प्रतिदिन 200 मरीज आते हैं. 10 से 15 मरीज ऐसे होते है जिनको भर्ती करना पडता है. डा0 भावना ने कहा काॅबलेंस ऐसी मशीन है जिसमें सर्जरी के दौरान एक बूंद खून नहीं निकलता है. दस लोगों का नाक, गले और कान का लाइव सजर्री किया गया जिसके के दौरान मौजुद विशेषज्ञों ने प्रश्न भी पूछा. सर्जरी कर रहे डाक्टरों ने उनका उत्तर भी दिया. जयपुर से आये डा0 सतीश जैन ने दूरबीन से नाक की छोटी हड्डी का सफलतापूर्वक लाइव सर्जरी किया और सर्जरी के समय बरतने वाली सावधानियों को भी बताया. पीजीआई, चंडीगढ के डा0 रमनदीप विर्क ने लेजर के माध्यम से गले के टॉन्सिल का सफलतापूर्वक सर्जरी किया. पीजीआई, चंडीगढ के ही डा0 अमित गोयल ने नई विधि से नाक की सुर्गेरी की. इसके अलावे लखनउ से आये डा0 अमीत केसरी, जयपुर एम्स से आये डा0 मोहनीश ग्रोवर, भुनेश्वर एम्स के डा0 प्रीतम एनएमसीएच केडा चंद्रशेखर , डा अश्वनी वर्मा, और सरिता मिश्रा समेत मौजुद थे ।इस से पूर्व निदेशक एम्स डा0 पी के सिहं ने कार्यशाला का उदघाटन करते हुये कहा कि इस तरह के कार्यशाला से मेडिकल छात्र एवं छात्राओं के साथ जूनियर और सीनियर रेजीडेंसी को भी लाभ होगा.
कार्यशाला के दूसरे दिन यानी रविवार को देश के नामचीन विशेषज्ञों का वैज्ञानिक सत्र हुआ जिसमें ऑपरेशन के बाद विशेषज्ञों ने अपनी राय रखी. कार्यशाला के दूसरे दिन शव पर नाक, गले व कान की छोटी हडडी का सफलतापूर्वक की सर्जरी की गयी. उन्होंने बताया कि कान में पर्दा फटने व चोट लगने पर कम सुनाई देने लगता है. इसके साथ पर्दा फटने को किस तरह से लेजर के माध्यम से सर्जरी की जाती है और क्या-क्या सावधानी बरती जाती है, ये भी बताया गया.