‘आवारा मीडिया’ पुस्तक ने आते हीं मचा दी सनसनी

पुस्तक में खोले हैं सोशल मीडिया के कई राज

हमें खुद अपनी अंतरात्मा के अंदर झांकने की आवश्यकता




3 दशक पुराने पत्रकारीय जीवन के अनुभवों को पुस्तक में समेटा

मीडिया व समाज से जुड़े सार्थक विमर्शों को पुस्तक में स्थान

लोग तो करीब हुए लेकिन दूरियां बहुत बढ़ी

सोशल मीडिया हमारे जीवन में अब ऐसे रच बस गया है जिसे हम अब नजरअंदाज भी नहीं कर सकते है। डिजिटल क्रांति और सोशल मीडिया के प्रत्येक सकारात्मक और नकारात्मक पहलुओं से अवगत कराती वरिष्ठ पत्रकार राकेश प्रवीर की पुस्तक ‘आवारा मीडिया’ ने अब सनसनी मचा दी है। इस पुस्तक का विमोचन बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने की। वे वसंत पंचमी के शुभ अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार राकेश प्रवीर द्वारा लिखित एवं स्वत्व प्रकाशन द्वारा प्रकाशित पुस्तक ‘आवारा मीडिया’ का बिहार सांस्कृतिक विद्यापीठ, पटना में विमोचन करने के बाद समारोह को संबोधित कर रहे थे। जो भी सोशल मीडिया का थोड़ा—बहुत उपयोग करता है, उसे एक बार यह पुस्तक पढ़ना चाहिए।

शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि आए दिन ऐसी खबरें आती हैं, जिससे पता चलता है कि सोशल मीडिया ने अफवाहों को फैलाया है। तकनीक को दोष देने की बजाय हमें खुद अपनी अंतरात्मा के अंदर झांकने की आवश्यकता है। कई बार यह भी होता है कि हम जाने अनजाने में ही सोशल मीडिया पर कुछ ऐसी हरकत कर देते हैं, जिससे बाद में हमारे अलावा अन्य लोगों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि उन्हें खुशी है कि इस सूक्ष्म में लेकिन गंभीर विषय को भी ‘आवारा मीडिया’ नामक पुस्तक में बड़े ही सरल ढंग से विश्लेषण किया गया है।

इस पुस्तक की विषयवस्तु और लेखन शैली के आधार पर प्रतीत होता है कि समाज अध्ययन से जुड़े हरेक विद्यार्थी और शोधार्थी के लिए यह पुस्तक महत्वपूर्ण साबित होगी, विशेषकर पत्रकारिता एवं जनसंचार के क्षेत्र में काम करने वाले पेशेवरों और उस क्षेत्र में अध्ययन कर रहे छात्र-छात्राओं के लिए इस पुस्तक में अत्यंत ही उपयोगी सामग्री दी गई है।

आवारा मीडिया के लेखक राकेश प्रवीर

विमोचन समारोह को संबोधित करते हुए पुस्तक के लेखक राकेश प्रवीर ने बताया कि अपने 3 दशक पुराने पत्रकारीय जीवन के अनुभवों को समेटकर यह पुस्तक लिखी गई है। यह पुस्तक हर उस व्यक्ति के लिए जो सोशल मीडिया का उपयोग करता है और जाने—अनजाने में उसके दुष्प्रभावों को झेलता है, के लिए एक उपकरण का काम करेगी। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया ने दूर बैठे लोगों को नि:संदेह आपस में जोड़ा है। लेकिन, यह भी उतना ही सच है कि इस सोशल मीडिया ने अनेक अफवाहों व दुश्वारियों को भी जन्म दिया है। इसके लिए तकनीक नहीं, बल्कि इसके यूजर दोषी हैं।

स्वत्व प्रकाशन के कृष्णकांत ओझा ने कहा कि प्रकाशन का उद्देश्य है कि मीडिया व समाज से जुड़े सार्थक विमर्शों को पुस्तक के रूप में सामने लाया जाए और इसी के ध्येय के साथ ‘आवारा मीडिया’ छपकर आई है। उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया ने हमारे जीवन पर क्या—क्या प्रभाव डाले हैं? फेक न्यूज़ के संकट की पहचान कैसे करें? सोशल मीडिया का सही उपयोग कैसे करें? सोशल साइट्स का उपयोग करते समय कैसी सावधानी रखें? इन तमाम प्रश्नों के उत्तर वरिष्ठ पत्रकार राकेश प्रवीर की नई पुस्तक ‘आवारा मीडिया’ में मिलेंगे।

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By pnc

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