साइबर सुरक्षा,कट्टरपंथ के उन्मूलन और आतंकवाद से मुकाबले के लिए ठोस कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है भारत
14वें आसियान-भारत सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने आतंकवाद के बढ़ते निर्यात पर गहरी चिंता जताई और कहा कि यह क्षेत्र की सुरक्षा पर मंडराने वाला एक साझा खतरा है. उन्होंने आतंकवाद से निपटने के लिए आसियान के सदस्य देशों से समन्वित प्रतिक्रिया देने की अपील की.यह भी कहा कि घृणा की विचारधारा के कारण बढ़ता कट्टरपंथ और अत्यधिक हिंसा का प्रसार सुरक्षा से जुड़े कुछ अन्य खतरे हैं.मोदी ने कहा कि यह खतरा स्थानीय, क्षेत्रीय और इसके साथ-साथ परिवर्तनशील है.आसियान के साथ हमारी साझेदारी विभिन्न स्तरों पर समन्वय और सहयोग के जरिए प्रतिक्रिया चाहती है. उन्होंने कहा कि बढ़ती पारंपरिक एवं गैर पारंपरिक चुनौतियों के मद्देनजर संबंधों में राजनीतिक सहयोग बेहद महत्वपूर्ण हो गया है.मोदी ने कहा कि हम साइबर सुरक्षा,कट्टरपंथ के उन्मूलन और आतंकवाद से मुकाबले के लिए ठोस कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध हैं .
प्रधानमंत्री ने कहा कि आसियान भारत की एक्ट ईस्ट नीति के केंद्र में है. उन्होंने विभिन्न देशों के प्रमुखों के 10 सदस्यीय समूह से कह कि हमारा जुड़ाव क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समद्धि लाने वाली हमारी साझा प्राथमिकताओं से संचालित है.उन्होंने कहा कि संपर्क को बढ़ाना आसियान के साथ भारत की साझेदारी के केंद्र में है. लाओस के प्रधानमंत्री थोंगलोउन सिसोउलिथ ने भारत की एक्ट ईस्ट नीति और आसियान में भारत के योगदान की तारीफ की और उम्मीद जताई कि यह सम्मेलन भविष्य के लिए दिशा उपलब्ध कराएगा.