‘आरा’ में खुलेगा ‘लड़कियों के लिए मदरसा’
अहमदिया सलफिया की 27वीं वर्षगांठ पर मदरसे के उप सचिव ने जताई इच्छा
आरा,26 फरवरी. मिल्की मोहल्ला स्थित अहमदिया सलफिया कि 27वीं वर्षगांठ रविवार को मनाई गई. कार्यक्रम की अध्यक्षता जामिया सलफिया (मर्कजी दारुल ऊलूम) वाराणसी के मौलाना मोहम्मद यूनुस मदनी ने की. मंच संचालन प्रधानाध्यापक मौलाना कमालुद्दीन फैजी ने ने किया. तिलावत कुरान मजीद के बाद छात्रों ने हम्द एवं नात सुनाएं. छात्रों ने इसलामी एवं इसलाही शीर्षक पर हिंदी,उर्दू,अंग्रेजी एवं भोजपुरी भाषा में तकरीर पेश किए. मदरसे के उपसचिव अनवर अली आरवि ने कहा कि मैं लड़कियों के लिए एक मदरसा मदरसा खोलना चाहता हूं जहां धर्म के साथ-साथ दुनिया के सभी शिक्षाओं को ग्रहण कर समाज की सेवा की जा सके. मदरसा के सहायक प्रबंधक अनवर अली ने आये रईसों को सिपासनामा (धन्यवाद) पेश किया. उन्होंने मदरसा के सर्वाेच्च प्रबंधक जनाब मौलाना हाफिज अबू नासिर रजाउल हसन आरवी के पधारने पर उन्हें धन्यवाद देते हुए सभी सदस्यगण, शुभचिंतक, श्रोतागण, एवं सभा में उपस्थित लोगों की सेवाओं एवं अतिथियों के आगमन पर उनका स्वागत किया एवं उन्हें धन्यवाद दिया.
इस मौके पर मौलाना अब्दुस्समी मदनी ने अपने संबोधन में कहा कि मौलाना अबू मोहम्मद इब्राहीम आरवी ने इस मदरसा की नींव डाली थीं जिसे विश्वविद्यालय का स्थान प्राप्त था, जहां महान विद्वान लोग आते एवं धार्मिक समस्याओं का समाधान पाते थे. उन्होंने विद्यार्थीयों से कहा कि जिस कार्य में आप लोग लगे हुए है वह साधारण कार्य नहीं है शिक्षा कठिन परिश्रम के बिना प्राप्त नहीं होता. किसी शिक्षण संस्था में प्रवेश प्राप्त कर लेने अथवा किसी संस्था में ठहरने की व्यवस्था हो जाने से शिक्षा प्राप्त नहीं होता, शिक्षा संघर्ष से प्राप्त होता है. उन्होंने उच्च साहस की विशेषता उत्पन्न करने को कहा जिससे किसी भी क्षेत्र में विजय प्राप्त किया जा सके. उन्होंने छात्रों को आशिर्वाद देते हुए अबू मोहम्मद इब्राहीम आरवी द्वारा शिक्षा के लिए लगाए हुए इस वृक्ष को उनके लिए सदक-ए-जारिया बनाने के लिए प्रेरित किया. इस मौके पर जामिया सलफिया वाराणसी के शिक्षक मौलाना यूनुस मदनी साहब ने भी पर खुशी प्रकट किया और विद्यार्थीयों को कठिन पश्रिम के लिए प्रेरित किया.
मौलाना अबू नासिर रजाउल हसन आरवी रईस मदरसा अहमदिया सलफिया आरा ने जलसा में प्रस्तुत सभी बंधुओं को मुबारकबाद दिया और शिक्षा की रौशनी फैलाने वाले इस मदरसा को दान करने के लिए प्रेरित किया. मौलाना यूनुस मदनी साहब ने कहा कि मदरसा अहमदिया सलफिया,आरा को बनाने वाले हाफिज़ अबुमाहम्मद इब्राहीम आरवी इसी शहर से उठे और इस्लाम धर्म की शिक्षा फैलाने के लिए कमर बस्ता हुए. आज उसी परिश्रम का नतीजा है कि मदरसा तरक्की कर रहा है. आरा से ही शिक्षा की अलख जगी जो बनारस तक गई.
प्रतियोगिता में प्रथम,द्वितीय एवं तीसरी श्रेणी पाने वाले छात्रों को पुस्तक एवं नकद राशि और सर्टिफिकेट भी दिया गया. उपसचिव ने बताया कि मदरसा हमारे पूर्वजों की यादगार यूनिवर्सिटी है. जनाब आरवी साहब ने दान देने वाले सभी लोगों का शुक्रिया अदा किया और कहा कि यह आप लोगों के नेक दान का रिजल्ट है. बताते चलें कि लगभग 300 छात्रों को आवासीय शिक्षा देने वाले इस मदरसे को कोई सरकारी मदद नही मिलती है. लोगों द्वारा आपसी सहयोग और यहां से निकले छात्रों द्वारा दिये गए दान दे यहां विद्यार्थियों के शिक्षा की व्यवस्था सुचारू रूप से चलती है जो अपने आप मे एक मिशाल है.
आरा से ओ पी पांडेय की रिपोर्ट