जय श्री महाकाल
*अथ पंचांगम्*
*दिनाँक -: 30/12/2017,शनिवार*
पौष , शुक्ल पक्ष
द्वादशी
“”””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)
तिथि————द्वादशी18:55:11 तक
पक्ष—————————-शुक्ल
नक्षत्र———-कृत्तिका20:38:06
योग—————साघ्य18:06:40
करण—————भाव08:28:50
करण————-बालव18:55:11
करण————कौलव29:14:38
वार————————–शनिवार
माह——————————पौष
चन्द्र राशि——————— वृषभ
सूर्य राशि————————-धनु
रितु निरयन———————हेमंत
रितु सायन——————–शिशिर
निरयन——————-दक्षिणायन
सायन———————उत्तरायण
संवत्सर———————हेम्लम्बी
संवत्सर (उत्तर)———–साधारण
विक्रम संवत—————–2074
विक्रम संवत (कर्तक)——-2074
शाका
सूर्योदय—————–07:10:30
सूर्यास्त——————17:33:10
दिन काल—————10:22:39
रात्री काल————–13:37:38
चंद्रोदय——————15:08:31
चंद्रास्त——————28:51:07
लग्न— धनु 14°26′ , 254°26′
सूर्य नक्षत्र——————पूर्वाषाढा
चन्द्र नक्षत्र——————कृत्तिका
नक्षत्र पाया———————लोहा
*पद, चरण*
ई—-कृत्तिका 09:51:05
उ—-कृत्तिका 15:15:30
ए—-कृत्तिका 20:38:06
ओ—-रोहिणी 25:59:01
*ग्रह गोचर*
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
=======================
सूर्य=धनु 14°25 ‘पू o षा o, 1 भू
चन्द्र=वृषभ 01 ° 41’ कृतिका 2 ई
बुध=वृश्चिक 22 ° 08 ‘ ज्येष्ठा ‘2 या
शुक्र=धनु 12 ° 00’ मूल 4 भी
मंगल=तुला 18 ° 57 ‘स्वाति ‘4 ता
गुरु=तुला 22 ° 33 ‘ विशाखा , 1ती
शनि=धनु 07 ° 07’ मूल ‘3 भा
राहू=कर्क 22 ° 58 ‘आश्लेषा , 2 डू
केतु=मकर 22 ° 58 ‘ श्रवण, 4 खो
*शुभा$शुभ मुहूर्त*
राहू काल 09:46 – 11:04अशुभ
यम घंटा 13:40 – 14:58अशुभ
गुली काल 07:11 – 08:28अशुभ
अभिजित 12:01 -12:43शुभ
दूर मुहूर्त 08:34 – 09:15अशुभ
चोघडिया, दिन
काल 07:11 – 08:28अशुभ
शुभ 08:28 – 09:46शुभ
रोग 09:46 – 11:04अशुभ
उद्वेग 11:04 – 12:22अशुभ
चाल 12:22 – 13:40शुभ
लाभ 13:40 – 14:58शुभ
अमृत 14:58 – 16:15शुभ
काल 16:15 – 17:33अशुभ
चोघडिया, रात
लाभ 17:33 – 19:15शुभ
उद्वेग 19:15 – 20:58अशुभ
शुभ 20:58 – 22:40शुभ
अमृत 22:40 – 24:22*शुभ
चाल 24:22* – 26:04*शुभ
रोग 26:04* – 27:46*अशुभ
काल 27:46* – 29:29*अशुभ
लाभ 29:29* – 31:11*शुभ
होरा, दिन
शनि 07:11 – 08:02
बृहस्पति 08:02 – 08:54
मंगल 08:54 – 09:46
सूर्य 09:46 – 10:38
शुक्र 10:38 – 11:30
बुध 11:30 – 12:22
चन्द्र 12:22 – 13:14
शनि 13:14 – 14:06
बृहस्पति 14:06 – 14:58
मंगल 14:58 – 15:49
सूर्य 15:49 – 16:41
शु्क्र 16:41 – 17:33
होरा, रात
बुध 17:33 – 18:41
चन्द्र 18:41 – 19:49
शनि 19:49 – 20:58
बृहस्पति 20:58 – 22:06
मंगल 22:06 – 23:14
सूर्य 23:14 – 24:22
शुक्र 24:22* – 25:30
बुध 25:30* – 26:38
चन्द्र 26:38* – 27:46
शनि 27:46* – 28:55
बृहस्पति 28:55* – 30:03
मंगल 30:03* – 31:11
*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
*दिशा शूल ज्ञान——-पूर्व*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो लोंग अथवा कालीमिर्च खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
*अग्नि वास ज्ञान -:*
12 + 7 + 1= 20 ÷ 4 = 0 शेष
पृथ्वी पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l
*शिव वास एवं फल -:*
12 + 12 + 5 =29 ÷ 7 = 1 शेष
कैलाश वास = शुभ कारक
* विशेष जानकारी *
* प्रदोष व्रत (शिव पूजन)
*सर्वार्थ सिद्धि एवं अमृत सिद्धि योग 20:36 से
*शुभ विचार*
एदतर्थं कुलोनानां नृपाः कुर्वन्ति संग्रहम् ।
आदिमध्यावसानेषु न स्यजन्ति च ते नृपम् ।।
।।चाo नी o।।
राजा लोग अपने आस पास अच्छे कुल के लोगो को इसलिए रखते है क्योंकि ऐसे लोग ना आरम्भ मे, ना बीच मे और ना ही अंत मे साथ छोड़कर जाते है.
*सुभाषितानि*
गीता -: गुणत्रयविभाग योगअo-16
अप्रकाशोऽप्रवृत्तिश्च प्रमादो मोह एव च ।,
तमस्येतानि जायन्ते विवृद्धे कुरुनन्दन ॥,
हे अर्जुन! तमोगुण के बढ़ने पर अन्तःकरण और इंन्द्रियों में अप्रकाश, कर्तव्य-कर्मों में अप्रवृत्ति और प्रमाद अर्थात व्यर्थ चेष्टा और निद्रादि अन्तःकरण की मोहिनी वृत्तियाँ – ये सब ही उत्पन्न होते हैं॥,13॥,
*दैनिक राशिफल*
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत्।।
🐏मेष
यात्रा, नौकरी व निवेश मनोनुकूल रहेंगे। भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। भेंट व उपहार की प्राप्ति होगी। प्रमाद न करें।
🐂वृष
विवाद को बढ़ावा न दें। कुसगंति से बचें। व्ययवृद्धि से तनाव रहेगा। दूसरों से अपेक्षा न करें। जोखिम न लें। स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही न करें।
👫मिथुन
यात्रा मनोरंजक रहेगी। रुका हुआ धन प्राप्त होगा। घर-परिवार की चिंता रहेगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। व्यापार अच्छा चलेगा।
🦀कर्क
कार्यस्थल पर परिवर्तन संभव है। योजना फलीभूत होगी। प्रतिष्ठा वृद्धि होगी। धनलाभ होगा। प्रमाद न करें। आर्थिक अनुकूलता रहेगी।
🐅सिंह
कानूनी अड़चन दूर होगी। अध्यात्म में रुचि रहेगी। घर-परिवार की चिंता रहेगी। व्यवसाय में वृद्धि होगी। परिवार में प्रसन्नता का वातावरण रहेगा।
🙍🏻कन्या
जल्दबाजी से हानि होगी। पुराना रोग उभर सकता है। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। विवाद न करें।
⚖तुला
कानूनी बाधा दूर होगी। जीवनसाथी का सहयोग मिलेगा। धन प्राप्ति सुगम होगी। पुराने मित्र व संबंधी से मुलाकात होगी।
🦂वृश्चिक
संपत्ति के कार्य लाभ देंगे। परीक्षा व साक्षात्कार में सफलता मिलेगी। धनलाभ होगा। जोखिम न उठाएं। कार्यपद्धति में विश्वसनीयता बनाएं रखें।
🏹धनु
स्वादिष्ट भोजन का आनंद मिलेगा। यात्रा मनोरंजक रहेगी। रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। अस्वस्थता रह सकती है। सहयोगी मदद नहीं करेंगे।
🐊मकर
बुरी सूचना मिलने से क्लेश संभव है। वाणी पर नियंत्रण रखें। पुराना रोग उभर सकता है। भागदौड़ रहेगी। सोचे काम समय पर नहीं हो पाएंगे।
🍯कुंभ
प्रतिष्ठा बढ़ेगी। मेहनत का फल मिलेगा। प्रतिद्वंद्वी शांत रहेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। प्रमाद न करें। संतान के व्यवहार से कष्ट होगा।
🐟मीन
कुबुद्धि हावी रहेगी। कुसंगति से बचें। उत्साहवर्धक सूचना मिलेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। मान बढ़ेगा। रुका धन मिलने से धन संग्रह होगा।
🙏आपका दिन मंगलमय हो🙏
जय श्री महाकाल
साभार – पंडित श्री अजय दूबे
ज्योतिषाचार्य एवं वैदिक कर्मकांड आचार्य
महाकालेश्वर, उज्जैन
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