जय श्री महाकाल
*अथ पंचांगम्*
*दिनाँक -: 09/01/2018,मंगलवार*
माघ , कृष्ण पक्ष
अष्ठमी
“”””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)
तिथि————-अष्टमी16:14:49 तक
पक्ष—————————–कृष्ण
नक्षत्र————–चित्रा27:04:10
योग————–सुकर्मा29:12:01
करण————कौलव16:14:49
करण————-तैतुल28:45:09
वार————————-मंगलवार
माह——————————माघ
चन्द्र राशि——–कन्या14:19:38
चन्द्र राशि ———————-तुला
सूर्य राशि ————————धनु
रितु निरयन———————हेमंत
रितु सायन——————–शिशिर
सायन———————-उत्तरायण
संवत्सर———————हेम्लम्बी
संवत्सर (उत्तर)———–साधारण
विक्रम संवत—————–2074
विक्रम संवत (कर्तक)——-2074
शाका संवत——————1939
सूर्योदय—————–07:12:27
सूर्यास्त——————17:40:18
दिन काल—————10:27:51
रात्री काल————–13:32:11
चंद्रास्त——————12:27:31
चंद्रोदय——————25:14:08
लग्न—-धनु 24°38′ , 264°38′
सूर्य नक्षत्र——————पूर्वाषाढा
चन्द्र नक्षत्र———————-चित्रा
नक्षत्र पाया———————रजत
*पद, चरण*
पे—-चित्रा 08:01:09
पो—-चित्रा 14:19:38
रा—-चित्रा 20:40:40
री—चित्रा 27:04:10
*ग्रह गोचर*
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
=======================
सूर्य=धनु 24°38 ‘पू o षा o, 4 ढा
चन्द्र=कन्या 26 ° 13’ चित्रा ‘ 1 पे
बुध=धनु 03 ° 10 ‘ मूल ‘ 1 ये
शुक्र=धनु 24 ° 49’ पू o षा o 4 ढा
मंगल=तुला 24 ° 11 ‘विशाखा ‘2 तू
गुरु=तुला 22 ° 14 ‘ विशाखा , 2 तू
शनि=धनु 08 ° 14’ मूल ‘3 भा
राहू=कर्क 22 ° 36 ‘आश्लेषा , 2 डू
केतु=मकर 22 ° 36 ‘ श्रवण, 4 खो
*शुभा$शुभ मुहूर्त*
राहू काल 15:03 – 16:22अशुभ
यम घंटा 09:49 – 11:08अशुभ
गुली काल 12:26 – 13:45अशुभ
अभिजित 12:05 -12:47शुभ
दूर मुहूर्त 09:18 – 09:59अशुभ
दूर मुहूर्त 23:05 – 23:47अशुभ
चोघडिया, दिन
रोग 07:12 – 08:31अशुभ
उद्वेग 08:31 – 09:49अशुभ
चाल 09:49 – 11:08शुभ
लाभ 11:08 – 12:26शुभ
अमृत 12:26 – 13:45शुभ
काल 13:45 – 15:03अशुभ
शुभ 15:03 – 16:22शुभ
रोग 16:22 – 17:40अशुभ
चोघडिया, रात
काल 17:40 – 19:22अशुभ
लाभ 19:22 – 21:03शुभ
उद्वेग 21:03 – 22:45अशुभ
शुभ 22:45 – 24:26*शुभ
अमृत 24:26* – 26:08*शुभ
चाल 26:08* – 27:49*शुभ
रोग 27:49* – 29:31*अशुभ
काल 29:31* – 31:13*अशुभ
होरा, दिन
मंगल 07:12 – 08:05
सूर्य 08:05 – 08:57
शुक्र 08:57 – 09:49
बुध 09:49 – 10:42
चन्द्र 10:42 – 11:34
शनि 11:34 – 12:26
बृहस्पति 12:26 – 13:19
मंगल 13:19 – 14:11
सूर्य 14:11 – 15:03
शुक्र 15:03 – 15:56
बुध 15:56 – 16:48
चन्द्र 16:48 – 17:40
होरा, रात
शनि 17:40 – 18:48
बृहस्पति 18:48 – 19:56
मंगल 19:56 – 21:03
सूर्य 21:03 – 22:11
शुक्र 22:11 – 23:19
बुध 23:19 – 24:26
चन्द्र 24:26* – 25:34
शनि 25:34* – 26:42
बृहस्पति 26:42* – 27:49
मंगल 27:49* – 28:57
सूर्य 28:57* – 30:05
शुक्र 30:05* – 31:13
*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
*दिशा शूल ज्ञान——-उत्तर*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा गुड़ खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
*अग्नि वास ज्ञान -:*
15 + 8 + 3 + 1= 27 ÷ 4 = 3शेष
पृथ्वी पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l
*शिव वास एवं फल -:*
23 + 23 + 5 = 51 ÷ 7 = 2 शेष
गौरि संनिधौ = शुभ कारक
*शुभ विचार*
साधुभ्यस्ते निवर्तन्ते पुत्रामित्राणि बान्धवाः ।
ये च तैः सह गन्तारस्तध्दर्मात्सुकृतं कुलम् ।।
।।चा o नी o।।
पुत्र , मित्र, सगे सम्बन्धी साधुओं को देखकर दूर भागते है, लेकिन जो लोग साधुओं का अनुशरण करते है उनमे भक्ति जागृत होती है और उनके उस पुण्य से उनका सारा कुल धन्य हो जाता है
*सुभाषितानि*
गीता -: गुणत्रयविभाग योगअo-16
उदासीनवदासीनो गुणैर्यो न विचाल्यते ।,
गुणा वर्तन्त इत्येव योऽवतिष्ठति नेङ्गते ॥,
जो साक्षी के सदृश स्थित हुआ गुणों द्वारा विचलित नहीं किया जा सकता और गुण ही गुणों में बरतते (त्रिगुणमयी माया से उत्पन्न हुए अन्तःकरण सहित इन्द्रियों का अपने-अपने विषयों में विचरना ही ‘गुणों का गुणों में बरतना’ है) हैं- ऐसा समझता हुआ जो सच्चिदानन्दघन परमात्मा में एकीभाव से स्थित रहता है एवं उस स्थिति से कभी विचलित नहीं होता॥,23॥,
*दैनिक राशिफल*
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत्।।
🐏मेष
भूमि व भवन संबंधी योजना बनेगी। आर्थिक उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। आय के साधन बढ़ेंगे। शारीरिक कष्ट संभव है।
🐂वृष
पार्टी व पिकनिक का आनंद मिलेगा। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। धनार्जन होगा। शत्रु परास्त होंगे। प्रमाद न करें।
👫मिथुन
घर-परिवार की चिंता रहेगी। दौड़धूप अधिक होगी। वाणी पर नियंत्रण रखें। दु:खद समाचार मिल सकता है, धैर्य रखें।
🦀कर्क
प्रयास सफल रहेंगे। कार्यसिद्धि होगी। कार्य की प्रशंसा होगी। धनार्जन होगा। मेहनत अधिक, लाभ कम होगा। दांपत्य जीवन का समाधान निकलेगा।
🐅सिंह
शुभ समाचार मिलेंगे। मान बढ़ेगा। संतान पक्ष की चिंता रहेगी। शत्रु भय रहेगा। झंझटों में न पड़ें। प्रमाद न करें।
🙍🏻कन्या
भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। रोजगार मिलेगा। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। जोखिम न लें। यात्रा होगी।
⚖तुला
फालतू खर्च होगा। पुराना रोग उभर सकता है। विवाद से बचें। अपेक्षित कार्यों में विलंब होगा। जल्दबाजी न करें।
🦂वृश्चिक
बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। यात्रा लाभकारी रहेगी। लेन-देन में सावधानी रखें।
🏹धनु
राजकीय कोप भुगतना पड़ सकता है। जल्दबाजी न करें। विवाद से बचें। नई योजना बनेगी। कार्यसिद्धि होगी। लाभ होगा।
🐊मकर
पूजा-पाठ में मन लगेगा। राजकीय बाधा दूर होकर लाभ की स्थिति बनेगी। घर में तनाव रहेगा। विवाद न करें। आपके गुणों की प्रशंसा करेंगे।
🍯कुंभ
चोट, चोरी व विवाद आदि से हानि संभव है। लेन-देन में सावधानी रखें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें, धैर्य रखें।
🐟मीन
प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। कोर्ट व कचहरी में लाभ होगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। विवेक का प्रयोग करें। आपके द्वारा लिए गए निर्णय लाभप्रद रहेंगे।
🙏आपका दिन मंगलमय हो🙏
जय श्री महाकाल
ज्योतिषाचार्य एवं वैदिक कर्मकांड आचार्य