*सुप्रभात*
*जय श्री महाकाल*
*अथ पंचांगम्*
*दिनाँक -: 07/01/2018,रविवार*
माघ , कृष्ण पक्ष
षष्ठी
“”””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)
तिथि—————षष्ठी16:04:06 तक
पक्ष—————————–कृष्ण
नक्षत्र—उत्तराफाल्गुनी25:09:33
योग————सौभाग्य08:26:35
योग————–शोभन30:46:13
करण———–वाणिज16:04:06
करण———विष्टि भद्र27:49:19
वार—————————रविवार
माह——————————माघ
चन्द्र राशि——— सिंह07:12:50
चन्द्र राशि———————-कन्या
सूर्य राशि————————-धनु
रितु निरयन———————हेमंत
रितु सायन——————–शिशिर
निरयन——————-दक्षिणायन
सायन———————उत्तरायण
संवत्सर———————हेम्लम्बी
संवत्सर (उत्तर)———–साधारण
विक्रम संवत—————–2074
विक्रम संवत (कर्तक)——-2074
शाका संवत——————1939
सूर्योदय—————–07:12:15
सूर्यास्त——————17:38:47
दिन काल—————10:26:32
रात्री काल————–13:33:34
चंद्रास्त——————11:14:01
चंद्रोदय——————23:23:00
लग्न—-धनु 22°35′ , 262°35′
सूर्य नक्षत्र——————पूर्वाषाढा
चन्द्र नक्षत्र———–उत्तराफाल्गुनी
नक्षत्र पाया———————रजत
*पद, चरण*
टे—-उत्तराफाल्गुनी 07:12:52
टो—-उत्तराफाल्गुनी 13:08:50
पा—-उत्तराफाल्गुनी 19:07:45
पी—-उत्तराफाल्गुनी 25:09:33
*ग्रह गोचर*
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
=======================
सूर्य=धनु 22°35 ‘पू o षा o, 3 फा
चन्द्र=सिंह 29° 49’उ oफा o’ 1 टे
बुध=धनु 00 ° 33 ‘ ज्येष्ठा ‘ 1 ये
शुक्र=धनु 22 ° 09’ पू o षा o 3फा
मंगल=तुला 23 ° 51 ‘विशाखा ‘2 तू
गुरु=तुला 23 ° 54 ‘ विशाखा , 1ती
शनि=धनु 07 ° 54’ मूल ‘3 भा
राहू=कर्क 22 ° 36 ‘आश्लेषा , 2 डू
केतु=मकर 22 ° 36 ‘ श्रवण, 4 खो
*शुभा$शुभ मुहूर्त*
राहू काल 16:20 – 17:39अशुभ
यम घंटा 12:26 – 13:44अशुभ
गुली काल 15:02 – 16:20अशुभ
अभिजित 12:05 -12:46शुभ
दूर मुहूर्त 16:15 – 16:57अशुभ
चोघडिया, दिन
उद्वेग 07:12 – 08:31अशुभ
चाल 08:31 – 09:49शुभ
लाभ 09:49 – 11:07शुभ
अमृत 11:07 – 12:26शुभ
काल 12:26 – 13:44अशुभ
शुभ 13:44 – 15:02शुभ
रोग 15:02 – 16:20अशुभ
उद्वेग 16:20 – 17:39अशुभ
चोघडिया, रात
शुभ 17:39 – 19:20शुभ
अमृत 19:20 – 21:02शुभ
चाल 21:02 – 22:44शुभ
रोग 22:44 – 24:26*अशुभ
काल 24:26* – 26:07*अशुभ
लाभ 26:07* – 27:49*शुभ
उद्वेग 27:49* – 29:31*अशुभ
शुभ 29:31* – 31:12*शुभ
होरा, दिन
सूर्य 07:12 – 08:04
शुक्र 08:04 – 08:57
बुध 08:57 – 09:49
चन्द्र 09:49 – 10:41
शनि 10:41 – 11:33
बृहस्पति 11:33 – 12:26
मंगल 12:26 – 13:18
सूर्य 13:18 – 14:10
शुक्र 14:10 – 15:02
बुध 15:02 – 15:54
चन्द्र 15:54 – 16:47
शनि 16:47 – 17:39
होरा, रात
बृहस्पति 17:39 – 18:47
मंगल 18:47 – 19:54
सूर्य 19:54 – 21:02
शुक्र 21:02 – 22:10
बुध 22:10 – 23:18
चन्द्र 23:18 – 24:26
शनि 24:26* – 25:33
बृहस्पति 25:33* – 26:41
मंगल 26:41* – 27:49
सूर्य 27:49* – 28:57
शुक्र 28:57* – 30:05
बुध 30:05* – 31:12
*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
*दिशा शूल ज्ञान——-पश्चिम*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा चिरौजी खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
*अग्नि वास ज्ञान -:*
15 + 6 + 1 + 1= 23 ÷ 4 = 3शेष
पृथ्वी पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l
* शिव वास एवं फल -:*
21 + 21 + 5 = 47 ÷ 7 = 5 शेष
ज्ञानवेलायां= कष्ट कारक
*भद्रावास एवं फल -:*
सायं 16:04 से 27:55 तक
पाताल लोक = धन लाभ कारक
*विशेष जानकारी*
*सर्वार्थ सिद्धि एवं अमृत सिद्धि योग रात्रि 25:10 से
*शुभ विचार*
कोऽतिभारः समर्थानां किं दूरं व्यवसायिनाम्।
को विदेशः सुविद्यानां कः परः प्रियवादिनाम् ।।
।।चा o नी o।।
शक्तिशाली लोगों के लिए कौनसा कार्य कठिन है ? व्यापारिओं के लिए कौनसा जगह दूर है, विद्वानों के लिए कोई देश विदेश नहीं है, मधुभाषियों का कोई शत्रु नहीं.
*सुभाषितानि*
गीता -: गुणत्रयविभाग योगअo-16
कैर्लिङ्गैस्त्रीन्गुणानेतानतीतो भवति प्रभो ।,
किमाचारः कथं चैतांस्त्रीन्गुणानतिवर्तते ॥,
अर्जुन बोले- इन तीनों गुणों से अतीत पुरुष किन-किन लक्षणों से युक्त होता है और किस प्रकार के आचरणों वाला होता है तथा हे प्रभो! मनुष्य किस उपाय से इन तीनों गुणों से अतीत होता है?॥,21॥,
*दैनिक राशिफल*
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत्।।
🐏मेष
स्वादिष्ट भोजन का आनंद मिलेगा। रचनात्मक कार्य पूर्ण व सफल रहेंगे। चिंता रहेगी। धनार्जन होगा। जल्दबाजी न करें।
🐂वृष
वाणी पर नियंत्रण रखें, जोखिम न उठाएं। शोक समाचार मिल सकता है। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा, धैर्य रखें।
👫मिथुन
मेहनत का फल मिलेगा। प्रतिष्ठा वृद्धि होगी। परिवार के किसी सदस्य के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। धनार्जन होगा।
🦀कर्क
उत्साहवर्धक सूचना मिलेगी। पुराने मित्र व संबंधियों से मुलाकात होगी। प्रसन्नता रहेगी। मान बढ़ेगा। विवाद न करें।
🐅सिंह
भेंट व उपहार की प्राप्ति होगी। बेरोजगारी दूर होगी, प्रयास करें। यात्रा से लाभ होगा। प्रसन्नता रहेगी। धनलाभ होगा।
🙍🏻कन्या
स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। व्ययवृद्धि से तनाव रहेगा। दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं। व्यवसाय ठीक चलेगा। कोई रुका काम बनने से प्रसन्नता होगी।
⚖तुला
डूबी हुई रकम प्राप्त हो सकती है। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। यात्रा सफल रहेगी। स्वास्थ्य का ध्यान रखें, लाभ होगा।
🦂वृश्चिक
योजना में परिवर्तन संभव है। कार्यस्थल पर सुधार होगा। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। धनार्जन होगा। जोखिम न लें। व्यापार में अच्छा लाभ पाएंगे।
🏹धनु
तंत्र-मंत्र में रुचि रहेगी। राजकीय बाधा दूर होगी। शारीरिक कष्ट संभव है। व्यवसाय ठीक चलेगा। लाभदायी योजनाएं बनेगी
🐊मकर
वाहन व मशीनरी आदि के प्रयोग में सावधानी रखें। जल्दबाजी से बचें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। नए व्यवसाय के लिए लोन लेंगे।
🍯कुंभ
प्रतिद्वंद्वी शांत रहेंगे। ऐश्वर्य के साधन प्राप्त होंगे। राजकीय बाधा दूर होकर लाभ होगा। घर में मांगलिक कार्यों की चर्चा होगी। प्रसन्नता रहेगी।
🐟मीन
संपत्ति की खरीद-फरोख्त संभव है। आय में वृद्धि होगी। रोजगार मिलेगा। दूसरों के झगड़ों में न पड़ें। धनलाभ के साधन बनते रहेंगे।
🙏आपका दिन मंगलमय हो🙏
जय श्री महाकाल
ज्योतिषाचार्य एवं वैदिक कर्मकांड आचार्य