*शुभ प्रभात*
*जय श्री महाकाल*
🙏🙏🙏🙏
अथ पंचांगम्
*दिनाँक -: 29/12/2017,शुक्रवार*
पौष , शुक्ल पक्ष
एकादशी
“””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)
तिथि———एकादशी21:54:23 तक
पक्ष—————————-शुक्ल
नक्षत्र————भरणी22:56:08
योग—————सिद्ध21:46:29
करण———-वाणिज11:10:40
करण——–विष्टि भद्र21:54:23
वार————————–शुक्रवार
माह——————————पौष
चन्द्र राशि——– मेष 28:24:41
चन्द्र राशि——————– वृषभ
सूर्य राशि————————धनु
रितु निरयन———————हेमंत
रितु सायन——————–शिशिर
निरयन——————-दक्षिणायन
सायन———————-उत्तरायण
संवत्सर———————हेम्लम्बी
संवत्सर (उत्तर)———–साधारण
विक्रम संवत—————–2074
विक्रम संवत (कर्तक)——-2074
शाका संवत——————1939
सूर्योदय—————–07:10:11
सूर्यास्त——————17:32:32
दिन काल—————10:22:20
रात्री काल————–13:37:58
चंद्रोदय——————14:21:20
चंद्रास्त——————27:44:48
लग्न—धनु13°25′ , 253°25′
सूर्य नक्षत्र——————पूर्वाषाढा
चन्द्र नक्षत्र——————–भरणी
नक्षत्र पाया———————स्वर्ण
*पद, चरण*
लू—-भरणी 11:52:07
ले—-भरणी 17:25:14
लो—-भरणी 22:56:08
अ—-कृत्तिका 28:24:41
*ग्रह गोचर*
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
=======================
सूर्य=धनु 13°25 ‘पू o षा o, 1 भू
चन्द्र=मेष 17 ° 11’ भरणी 2 लू
बुध=वृश्चिक 21 ° 21 ‘ ज्येष्ठा ‘2 या
शुक्र=धनु 10 ° 49’ मूल 4 भी
मंगल=तुला 17 ° 37 ‘स्वाति ‘4 ता
गुरु=तुला 21 ° 51′ विशाखा , 1ती
शनि=धनु 06 ° 37’ मूल ‘2 यो
राहू=कर्क 23 ° 21 ‘आश्लेषा , 3 डे
केतु=मकर 23 ° 21 ‘धनिष्ठा, 1 गा
*शुभा$शुभ मुहूर्त*
राहू काल 11:04 – 12:21अशुभ
यम घंटा 14:57 – 16:15अशुभ
गुली काल 08:28 – 09:46अशुभ
अभिजित 12:01 -12:42शुभ
दूर मुहूर्त 09:15 – 09:56अशुभ
दूर मुहूर्त 12:42 – 13:24अशुभ
चोघडिया, दिन
चाल 07:10 – 08:28शुभ
लाभ 08:28 – 09:46शुभ
अमृत 09:46 – 11:04शुभ
काल 11:04 – 12:21अशुभ
शुभ 12:21 – 13:39शुभ
रोग 13:39 – 14:57अशुभ
उद्वेग 14:57 – 16:15अशुभ
चाल 16:15 – 17:33शुभ
चोघडिया, रात
रोग 17:33 – 19:15अशुभ
काल 19:15 – 20:57अशुभ
लाभ 20:57 – 22:39शुभ
उद्वेग 22:39 – 24:22*अशुभ
शुभ 24:22* – 26:04*शुभ
अमृत 26:04* – 27:46*शुभ
चाल 27:46* – 29:28*शुभ
रोग 29:28* – 31:11*अशुभ
होरा, दिन
शुक्र 07:10 – 08:02
बुध 08:02 – 08:54
चन्द्र 08:54 – 09:46
शनि 09:46 – 10:38
बृहस्पति 10:38 – 11:29
मंगल 11:29 – 12:21
सूर्य 12:21 – 13:13
शुक्र 13:13 – 14:05
बुध 14:05 – 14:57
चन्द्र 14:57 – 15:49
शनि 15:49 – 16:41
बृहस्पति 16:41 – 17:33
होरा, रात
मंगल 17:33 – 18:41
सूर्य 18:41 – 19:49
शु्क्र 19:49 – 20:57
बुध 20:57 – 22:05
चन्द्र 22:05 – 23:13
शनि 23:13 – 24:22
बृहस्पति 24:22* – 25:30
मंगल 25:30* – 26:38
सूर्य 26:38* – 27:46
शुक्र 27:46* – 28:54
बुध 28:54* – 30:02
चन्द्र 30:02* – 31:11
*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
*दिशा शूल ज्ञान——-पश्चिम*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
*अग्नि वास ज्ञान -:*
11 + 6 + 1= 18 ÷ 4 = 2शेष
आकाश पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l
* शिव वास एवं फल -:*
11 + 11 + 5 = 27 ÷ 7 = 6 शेष
क्रीड़ायां = शोक,दुःख कारक
*भद्रावास एवं फल -:*
प्रातः 11:06 से रात्रि 21:55 तक
स्वर्ग लोक = शुभ कारक
* विशेष जानकारी *
* पुत्रदा एकादशी व्रत (सर्वेषां)
* वैकुण्ठ मेला 29 से 6 जनवरी तक दर्शन (रंगजी मन्दिर)वृन्दावन
*शुभ विचार*
दुर्जनस्य च सर्पस्य वरं सर्पो न दुर्जनः ।
सर्पो दंशति काले तु दुर्जनस्तु पदे पदे ।।
।।चा o नी o।।
एक दुर्जन और एक सर्प मे यह अंतर है की साप तभी डंख मरेगा जब उसकी जान को खतरा हो लेकिन दुर्जन पग पग पर हानि पहुचने की कोशिश करेगा .
*सुभाषितानि*
गीता -: गुणत्रयविभाग योगअo-16
लोभः प्रवृत्तिरारम्भः कर्मणामशमः स्पृहा ।,
रजस्येतानि जायन्ते विवृद्धे भरतर्षभ ॥,
हे अर्जुन! रजोगुण के बढ़ने पर लोभ, प्रवृत्ति, स्वार्थबुद्धि से कर्मों का सकामभाव से आरम्भ, अशान्ति और विषय भोगों की लालसा- ये सब उत्पन्न होते हैं॥,12॥,
*दैनिक राशिफल*
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत्।।
🐏मेष
बेरोजगारी दूर करने का प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। अप्रत्याशित लाभ संभव है। जोखिम न लें।
🐂वृष
फालतू खर्च होगा। कुसंगति से हानि होगी। वाणी पर नियंत्रण रखें। चिंता तथा तनाव रहेंगे। धनलाभ कम होगा। व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा।
👫मिथुन
बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। दूसरों की नकल न करें।
🦀कर्क
नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। मान-सम्मान बढ़ेगा। धनलाभ होगा। शत्रु भय रहेगा। पत्नी से आश्वासन मिलेगा।
🐅सिंह
तंत्र-मंत्र में रुचि रहेगी। राजकीय बाधा दूर होगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। संतान पक्ष की चिंता रहेगी। कार्यों में विलंब से चिंता होगी।
🙍🏻कन्या
चोट, चोरी, विवाद व रोग आदि से हानि संभव है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। चिंता बनी रहेगी। पठन-पाठन में रुचि बढ़ेगी।
⚖तुला
प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। कोर्ट व कचहरी में अनुकूलता रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रसन्नता रहेगी। लाभ होगा। आलस्य न करें।
🦂वृश्चिक
राजभय रहेगा। जल्दबाजी न करें। वाणी पर नियंत्रण रखें। भूमि व भवन संबंधी बाधा दूर होगी। उन्नति होगी। कार्य के विस्तार की योजनाएं बनेंगी।
🏹धनु
विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। पार्टी व पिकनिक का आनंद मिलेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। कष्ट संभव है। आवास संबंधी समस्या हल होगी।
🐊मकर
पुराना रोग उभर सकता है। दु:खद समाचार प्राप्त होंगे। चिंता तथा तनाव रहेंगे। भागदौड़ रहेगी। विवाद न करें। सामाजिक ख्याति में अभिवृद्धि होगी।
🍯कुंभ
प्रयास सफल रहेंगे। मान-सम्मान मिलेगा। लाभ के अवसर बढ़ेंगे। शत्रु परास्त होंगे। कष्ट संभव है। लाभदायक समाचार मिलेंगे।
🐟मीन
शुभ समाचार मिलेंगे। स्वाभिमान बना रहेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। विवेक से कार्य करें। लाभ होगा। रोजगार में उन्नति की संभावना है।
🙏आपका दिन मंगलमय हो🙏
जय श्री महाकाल
साभार – पंडित श्री अजय दूबे
ज्योतिषाचार्य एवं वैदिक कर्मकांड आचार्य
महाकालेश्वर, उज्जैन
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