*शुभ प्रभात*
*जय श्री महाकाल*
*अथ पंचांगम्*
*दिनाँक -: 27/12/2017,बुधवार*
पौष , शुक्ल पक्ष
नवमी
“”””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)
तिथि————-नवमी25:54:53 तक
पक्ष—————————–शुक्ल
नक्षत्र————–रेवती25:36:26
योग—————परिघ27:31:08
करण————-बालव14:25:46
करण————कौलव25:54:53
वार—————————बुधवार
माह——————————पौष
चन्द्र राशि———-मीन25:36:26
चन्द्र राशि————————मेष
सूर्य राशि————————-धनु
रितु निरयन——————–हेमंत
रितु सायन——————–शिशिर
आयन———————उत्तरायण
संवत्सर———————हेम्लम्बी
संवत्सर (उत्तर)———–साधारण
विक्रम संवत—————–2074
विक्रम संवत (कर्तक)——2074
शाका संवत—————–1939
सूर्योदय—————–07:09:27
सूर्यास्त——————17:31:17
दिन काल—————10:21:49
रात्री काल————–13:38:32
चंद्रोदय——————12:59:44
चंद्रास्त——————25:39:55
लग्न–धनु 11°23′ , 251°23′
सूर्य नक्षत्र————————मूल
चन्द्र नक्षत्र———————रेवती
नक्षत्र पाया———————स्वर्ण
*पद, चरण*
दे—-रेवती 07:48:55
दो—-रेवती 13:47:48
च—-रेवती 19:43:38
ची—-रेवती 25:36:26
* ग्रह गोचर *
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
=======================
सूर्य=धनु 11 ° 23 ‘ मूल , 4 भी
चन्द्र=मीन 19 ° 38’ रेवती 1 दू
बुध=वृश्चिक 20 ° 44 ‘ ज्येष्ठा ‘2 या
शुक्र=धनु 08 ° 56’ मूल 3 रो
मंगल=तुला 16 ° 27 ‘स्वाति ‘4 ता
गुरु=तुला 21 ° 51′ विशाखा , 1ती
शनि=धनु 06 ° 37’ मूल ‘2 यो
राहू=कर्क 23 ° 21 ‘आश्लेषा , 3 डे
केतु=मकर 23 ° 21 ‘धनिष्ठा, 1 गा
*शुभा$शुभ मुहूर्त*
राहू काल 12:20 – 13:38अशुभ
यम घंटा 08:27 – 09:45अशुभ
गुली काल 11:03 – 12:20अशुभ
अभिजित 11:59 -12:41अशुभ
दूर मुहूर्त 11:59 – 12:41अशुभ
गंड मूल अहोरात्र अशुभ
पंचक07:09 – 25:36*अशुभ
चोघडिया, दिन
लाभ 07:09 – 08:27शुभ
अमृत 08:27 – 09:45शुभ
काल 09:45 – 11:03अशुभ
शुभ 11:03 – 12:20शुभ
रोग 12:20 – 13:38अशुभ
उद्वेग 13:38 – 14:56अशुभ
चाल 14:56 – 16:14शुभ
लाभ 16:14 – 17:31शुभ
चोघडिया, रात
उद्वेग 17:31 – 19:14अशुभ
शुभ 19:14 – 20:56शुभ
अमृत 20:56 – 22:38शुभ
चाल 22:38 – 24:21*शुभ
रोग 24:21* – 26:03*अशुभ
काल26:03* – 27:45*अशुभ
लाभ 27:45* – 29:28*शुभ
उद्वेग 29:28* – 31:10*अशुभ
होरा, दिन
मंगल 07:09 – 08:01
सूर्य 08:01 – 08:53
शु्क्र 08:53 – 09:44
बुध 09:44 – 10:36
चन्द्र 10:36 – 11:28
शनि 11:28 – 12:20
बृहस्पति 12:20 – 13:12
मंगल 13:12 – 14:03
सूर्य 14:03 – 14:55
शुक्र 14:55 – 15:47
बुध 15:47 – 16:39
चन्द्र 16:39 – 17:31
होरा, रात
शनि 17:31 – 18:39
बृहस्पति 18:39 – 19:47
मंगल 19:47 – 20:55
सूर्य 20:55 – 22:04
शुक्र 22:04 – 23:12
बुध 23:12 – 24:20
चन्द्र 24:20* – 25:28
शनि 25:28* – 26:37
बृहस्पति 26:37* – 27:45
मंगल 27:45* – 28:53
सूर्य 28:53* – 30:01
शुक्र 30:01* – 31:09
*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
*दिशा शूल ज्ञान——-उत्तर*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो पान अथवा पिस्ता खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
*अग्नि वास ज्ञान -:*
9 + 4 + 1= 14 ÷ 4 = 2 शेष
आकाश पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l
* शिव वास एवं फल -:*
9 + 9 + 5 = 23 ÷ 7 =
2 शेष
गौरि संन्निधौ = शुभ कारक
* विशेष जानकारी *
*नारायण देवाचार्य पाटोत्सव
* श्रीहरि जयन्ती
*शुभ विचार*
कान्ता वियोगः स्वजनापमानि ।
ऋणस्य शेषं कुनृपस्य सेवा ।।
दरिद्रभावो विषमा सभा च ।
विनाग्निना ते प्रदहन्ति कायम् ।।
।।चा o नी o।।
पत्नी का वियोग होना, आपने ही लोगो से बे-इजजत होना, बचा हुआ ऋण, दुष्ट राजा की सेवा करना, गरीबी एवं दरिद्रों की सभा – ये छह बातें शरीर को बिना अग्नि के ही जला देती हैं।
*सुभाषितानि*
गीता -: गुणत्रयविभाग योगअo-16
रजस्तमश्चाभिभूय सत्त्वं भवति भारत ।,
रजः सत्त्वं तमश्चैव तमः सत्त्वं रजस्तथा ॥,
हे अर्जुन! रजोगुण और तमोगुण को दबाकर सत्त्वगुण, सत्त्वगुण और तमोगुण को दबाकर रजोगुण, वैसे ही सत्त्वगुण और रजोगुण को दबाकर तमोगुण होता है अर्थात बढ़ता है॥,10॥,
*दैनिक राशिफल*
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत्।।
🐏मेष
अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। वाणी पर नियंत्रण रखें। दूसरों से अपेक्षा न करें। चिंता रहेगी। स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
🐂वृष
लेनदारी वसूल होगी। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। लाभ के अवसर प्राप्त होंगे। विरोधी सक्रिय रहेंगे। पठन-पाठन में रुचि बढ़ेगी।
👫मिथुन
आर्थिक उन्नति के लिए योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। चिंता रहेगी। विवाद से बचें। आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी।
🦀कर्क
भागदौड़ रहेगी। शत्रु परास्त होंगे। धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। कोर्ट व कचहरी में अनकूलता रहेगी। धनार्जन होगा। रुका पैसा मिलेगा।
🐅सिंह
चोट, चोरी व विवाद से हानि संभव है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। पुराना रोग उभर सकता है। धैर्य रखें। दूसरों से न उलझें।
🙍🏻कन्या
रोग व चोट से बचें। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। कानूनी अड़चन दूर होगी। प्रसन्नता रहेगी। धनार्जन होगा। सुखद यात्रा हो सकती है।
⚖तुला
शारीरिक कष्ट संभव है। बेचैनी रहेगी। भूमि व भवन के कार्य सफल रहेंगे। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। लाभ होगा। कठिन कार्य भी आसानी से बनेंगे।
🦂वृश्चिक
पार्टी व पिकनिक का आनंद मिलेगा। विवाद न करें। राजभय रहेगा। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। व्यापार अच्छा चलेगा।
🏹धनु
जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। भागदौड़ रहेगी। दु:खद समाचार मिल सकता है। विवाद न करें। तनाव रहेगा। नए संबंधों के प्रति सतर्क रहें।
🐊मकर
प्रयास सफल रहेंगे। मान-सम्मान मिलेगा। धनागम होगा। शारीरिक कष्ट संभव है। विवाद से क्लेश होगा। रुका काम होने से आत्मविश्वास बढ़ेगा।
🍯कुंभ
मान बढ़ेगा। शुभ समाचार प्राप्त होंगे। पुराने मित्र व संबंधियों से मुलाकात होगी। पुराना रोग उभर सकता है। व्यवसाय लाभप्रद रहेगा।
🐟मीन
रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। भेंट व उपहार की प्राप्ति होगी। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। लाभ बढ़ेगा। मान-सम्मान मिलेगा।
🙏आपका दिन मंगलमय हो🙏
जय श्री महाकाल
ज्योतिषाचार्य एवं वैदिक कर्मकांड आचार्य