आज भी “बेड़ियों” में जहां बांधे जाते है लोग

By om prakash pandey Jun 15, 2018

मानवता को शर्मसार करती हैवानियत
15 हजार के लिए 3 महीने तक बेड़ियों में जकड़ी बिहार की एक बेटी

Special report




आरा, 15 जून. अबतक आपने इतिहास के पन्नो और आजादी में जंग में अंग्रेजो द्वारा स्वतंत्रता की लड़ाई के लिए अमर सेनानियों के बेड़ियों में बंधने के किस्से सुनी होगी, लेकिन क्या हकीकत में ऐसा कभी देखा है? नही न..? लेकिन आजादी के बाद भी इसतरह का क्रूर व्यवहार भोजपुर जिले में प्रकाश में आया है. भोजपुर के बिहियां में एक 16 वर्षीय बेटी 3 महीने तक बेड़ियों में जकड़ी रही….वो भी मात्र 15 हजार रुपये के लिए.

बिहिया थाना के टिपुरा कॉलोनी के निवासी लंबू खरवार की बेटी अंजनी को, उसी मुहल्ले में पिछले 3 महीने से कर्ज अदा नही करने के कारण सूदखोर के पी खरवार ने बेड़ियों में जकड़ कर रखा. मजेदार बात यह कि अंजनी को उसके घर से महज कुछ की दूरी पर सूदखोर ने 3 महीने तक बेड़ियों में बंधक बना कर रखा लेकिन किसी को खबर तक नही हुई ! मिली जानकारी के जानकारी के अनुसार अंजनी के पिता लम्बू खरवार ने अपने सह ग्रामीण केपी खरवार से 15 हजार कर्ज लिया था. गरीबी के कारण उसे लौटा नही पा रहा था. इधर कर्ज वसूली का दबाव बढ़ने पर वह अपनी पत्नी व एक पुत्र को लेकर कही भाग गया. जबकि केपी खरवार और उसकी पत्नी आरती देवी ने उसकी 16 वर्षीय बेटी अंजनी कुमारी को कर्ज वसूली के बदले बंधक बना लिया. जिसके बाद पिछले तीन माह से नाबालिक बंधक थी. अंजनी के अनुसार दिनभर काम कराने के बाद रात में उसे लोहे की जंजीर में जकड़ कर रखा जाता था. रात में महज एक टाइम का खाना दिया जाता था. विरोध करने पर उसपर गर्म पानी फेंका जाता था. इतना ही नही इन तीन महीनों में उसके 5 बार बाल काट दिया गया और तरह-तरह से प्रताड़ित गया. हकीकत का पता लोगों को तब चला जब जंजीरों में जकड़ी अंजनी हैवान के पी खरवार के अनगिनत हैवानियत को सहने के बाद भी बुधवार की रात को उसके चंगुल से भाग निकली. बेड़ियों की जकड़ और ताले में जकड़ी इस साहसी बेटी ने लगभग 400 गज रेंग कर टिपुरा गॉंव पहुंची सुबह वृहस्पतिवार को पहुंची. जहाँ उसे इस हालात में देख ग्रामीणों दंग रह गए. उनकी आंखों में अत्याचारी के लिए खून उतर आया लेकिन भूखी प्यासी इस साहसी बेटी के लिए उन्होंने पहले भोजन मुहैया कराया और फिर नगर पंचायत अध्यक्ष दीपक आलोक को सूचना दी. तीन महीनों से जुल्म सहते हुए अंजनी की मानसिक रूप से टूट चुकी है. वह 3 माह बाद जब खुले आसमान में आई तो भी ढंग से न खा सकी और न पानी ही पी सकी.

सूचना मिलते ही पंचायत अध्यक्ष कई वार्ड पार्षदों के साथ टिपुरा गॉंव पहुंचे और फिर पुलिस को सूचना दी. पुलिस नाबालिग को थाने लाई जहां उसके बेड़ियों और ताले को तोड़ा गया. इधर मौका देख आरोपी केपी खरवार व सह आरोपी उसकी पत्नी आरती देवी घर से फरार हो गए.

हैवान सूदखोर के पी खरवार ने अंजनी को बेड़ियों में जकड़ने के लिए उसी कॉलोनी निवासी लोहार राम भरण शर्मा को घर बुलाकर उसके पैरों के नाम की बेड़ी बनवाई थी. पुलिस ने किशोरी को जकड़ कर रखने के लिए जंजीर बनाने वाले कारीगर को तत्काल गिरफ्तार कर लिया.

मज़े की बात तो ये है कि पीड़ित अंजली की बहन टीना उसी कॉलोनी में रहती है मगर कर्ज देने वाले के पी खारवार के आतंक से अपनी बहन को देखने तक नही गई. अब पुलिस को उसके परिजन की तलाश है ताकि अंजनी अपने परिवार के साथ जा सके. ASP मंजीत कुमार के अनुसार पुलिस ने अंजनी का बयान दर्ज कर लिया है और पुलिस आरोपियों के गिरफ्तारी के लगातार छपेमारी कर रही है. जल्द ही आरोपियों के पकड़े जाने की उम्मीद है. अंजनी के पिता ने कर्ज लिया था जिसे उसका भाई चुकाता था. आधा कर्ज चुकाने के बाद भी जब सूदखोर साहूकार ने दबाव बनाना शुरू किया तो अंजनी का पिता लंबू खरवार भाग गया. पिता के भाग जाने के बाद उसके भाई ने भी आना छोड़ दिया. कुछ दिन पहले माँ भी घर छोड़ कर चली गई. फिलहाल पुलिस जंजीरों की जकड़न से आजाद हुई अंजनी के परिवार को खोज रही है. अब देखना होगा कि हैवान की चंगुल से छूटने के बाद परिवार के पास बहादुर अंजनी कब पहुचती है.

आरा से ओ पी पांडेय की रिपोर्ट

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