“भोजपुरी” भाषा-संस्कृति के “प्रवेश-द्वार” से हुआ “भोजपुरी कला-यात्रा” का आगाज
कोईलवर, 7 जुलाई. भोजपुरी भाषा-संस्कृति के प्रवेशद्वार कहे जाने वाले ऐतिहासिक स्थल कोईलवर के प्रखंड कृषि भवन में भोजपुरी भाषा को समर्पित संस्था ‘आखर’ द्वारा आयोजित तीन दिवसीय भोजपुरी कला यात्रा का उदघाटन शुक्रवार को सम्पन्न हुआ. भोजपुरी पेंटिंग के संरक्षण के उद्देश्य से आयोजित इस कार्यशाला-सह-प्रदर्शनी में विभिन्न विद्यालयों के 70 बच्चे भाग ले रहे हैं जिनको ख्याति प्राप्त कलाकार संजीव सिन्हा प्रशिक्षण देंगे.
उदघाटन संयुक्त रूप से प्रखंड कृषि पदाधिकारी राजेश चौधरी,थानाध्यक्ष कोईलवर पंकज सैनी,निदेशक पीएनबी ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण केंद्र भोजपुर राजकुमार सिंह,
वरीय साधनसेवी प्रखण्ड संसाधन केंद्र कोईलवर राजाराम प्रियदर्शी,पूर्व उपप्रमुख शशिकांत त्रिपाठी,कृषि समन्वयक प्रतिमा कुमारी द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के साथ आरम्भ हुआ. राजेश चौधरी ने अपने सम्बोधन में भाषा-संस्कृति को प्रोत्साहन देने वाले ऐसे कार्यक्रम को और भी ग्रामीण क्षेत्रों में आयोजित करने की आवश्यकता पर बल दिया. पंकज सैनी ने ऐसे रचनात्मक कार्यक्रम की सफलता के लिए प्रशासन द्वारा हरसम्भव सहायता की बात की. राजाराम प्रियदर्शी ने कहा कि कोईलवर से इस कार्यक्रम की शुरुआत होना गौरव की बात है और भोजपुरी भाषा के आंदोलन से जुड़े अपने अनुभवों को साझा किया. राजकुमार सिंह ने बच्चों एवं अभिभावकों को अपनी मातृभाषा में ही बात करने और प्राथमिक शिक्षा देने पर बल दिया . शशिकांत त्रिपाठी ने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से बच्चों में अपनी मातृभाषा के प्रति प्रेम जागृत होना स्वाभाविक है. प्रतिमा कुमारी ने सभी प्रतिभागियों एवं आखर परिवार को इस कार्यक्रम की सफलता हेतु शुभकामनाएं दी.
मुख्य प्रशिक्षक संजीव सिन्हा ने अतिथियों एवं प्रतिभागियों को भोजपुरी कला के इतिहास से परिचय करवाया. मंच संचालन आखर सदस्य दीपक कुमार गुप्ता ने किया.
उदघाटन समारोह में आखर सदस्य मनोज दूबे, अरविंद , नरेंद्र स्वामी , अमन श्रीवास्तव, रवि प्रकाश सूरज ने अपना बहुमूल्य सहयोग दिया. इस अवसर पर बड़ी संख्या में विभिन्न विद्यालयों के शिक्षक, प्रतिभागियों के अभिभावक और स्थानीय ग्रामीण उपस्थित थे. 8 जुलाई को कार्यशाला का समापन चित्रकला प्रदर्शनी , विचार गोष्ठी, और सम्मान समारोह के साथ सम्पन्न होगा.
कोईलवर से अमोद कुमार की रिपोर्ट