प्रकाश पर्व पर पटना साहिब गुरूद्वारे की चमक देखते ही बन रही है. खासकर रात को रंग-बिरंगी रोशनी और चारों ओर गुरू के जयकारे से मानो पूरा पटना यहां उमड़ पड़ा है. देश ही नहीं विदेशों से भी एक लाख से ज्यादा श्रद्दालु यहां पहुंचने वाले हैं. प्रकाश पर्व का मुख्य आयोजन 3-5 जनवरी तक है, लेकिन काफी पहले से ही श्रद्धालु पटना पहुंचने लगे हैं. श्रद्धालुओं के लिए पटना में इंतजाम भी बेहतरीन किए गए हैं. चाहे ठहरने की व्यवस्था हो, दर्शन की, स्वास्थ्य की, सफाई या फिर सुरक्षा की, खाने-पीने की या फिर पटना घूमने की , हर चीज के लिए पटना जिला प्रशासन ने बेहतरीन इंतजाम किए हैं. हर स्तर पर श्रद्धालुओं की सुख-सुविधा का पूरा ख्याल रखा गया है. हर व्यवस्था की मॉनिटरिंग खुद पटना डीएम संजय कुमार अग्रवाल कर रहे हैं. शहर के अंदर और बाहर भी बड़ी संख्या में हेल्प डेस्क बनाए गए हैं ताकि बाहर से आने वाले सिख श्रद्धालुओं को किसी तरह की असुविधा ना हो. खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी कई बार निरीक्षण किया है और किसी भी तरह की ढिलाई ना बरतने के निर्देश दिए हैं.
गुरु गोविंद सिंह जी का जन्म 22 दिसंबर सन् 1666 ई. को पटना, बिहार में हुआ था. इनका मूल नाम ‘गोविंद राय’ था. गोविंद सिंह को सैन्य जीवन के प्रति लगाव अपने दादा गुरु हरगोविंद सिंह से मिला था और उन्हें महान बौद्धिक संपदा भी उत्तराधिकार में मिली थी. वह बहुभाषाविद थे, जिन्हें फ़ारसी अरबी, संस्कृत और अपनी मातृभाषा पंजाबी का ज्ञान था. उन्होंने सिक्ख क़ानून को सूत्रबद्ध किया, काव्य रचना की और सिक्ख ग्रंथ ‘दसम ग्रंथ’ (दसवां खंड) लिखकर प्रसिद्धि पाई. उन्होंने देश, धर्म और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए सिक्खों को संगठित कर सैनिक परिवेश में ढाला.दसवें गुरु गोविंद सिंह जी स्वयं एक ऐसे ही महापुरुष थे, जो उस युग की आतंकवादी शक्तियों का नाश करने तथा धर्म एवं न्याय की प्रतिष्ठा के लिए गुरु तेग बहादुर सिंह जी के यहाँ अवतरित हुए. इसी उद्देश्य को स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा था-मुझे परमेश्वर ने दुष्टों का नाश करने और धर्म की स्थापना करने के लिए भेजा है.
तस्वीरों में देखिये प्रकाश पर्व की छटा