राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद आज सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री को आड़े हाथों लेते हुए पोस्ट किया है कि प्रधानमंत्री मोदी जी राहुल गांधी के सामने छोटे दिखाई देने लगे हैं. शिव की नगरी व कबीर और तुलसी की कर्मभूमि बनारस में PM ने अपने को राहुल से बहुत बौना साबित किया. पवित्र नगरी काशी बनारस में मोदी ने राहुल गाँधी की जी भर के खिल्ली उड़ाई. दूसरी ओर राहुल की जौनपुर की बड़ी सभा में जब नरेंद्र मोदी मुर्दाबाद के नारे लगने लगे तो राहुल गाँधी ने उन्हें रोका और सही कहा विरोध विचारों का है. हम उन्हें लड़कर हराएँगे. लेकिन वे हमारे PM हैं, उनका मुर्दाबाद हम नहीं कहेंगे. बताओ यहाँ बड़ा कौन हुआ और बना?
क्या प्रधानमंत्री जैसे गरिमामयी पद पर बैठे व्यक्ति को ताली ठोक-ठोककर किसी की नकल उतारना, खिल्ली उड़ाना कहीं से भी शोभा देता है? प्रधानमंत्री की बड़ी विचित्र एक्टिंग कर राजनीति का स्तर गिरा रहे है और इनकी देखा-देखी इनके छूटमैये नेताओं का तो कहना ही क्या. विपक्षी भी अपनी गरिमा का ध्यान रखते है लेकिन इन लोगों की स्तरहीनता का कोई जवाब नहीं. जनाब ऐसे काम ही क्यों करते हो जिससे कि असुरक्षा का बोध होता है. अगर आपकी नजर में आप जो कर रहे हो वह अच्छा और सच्चा है तो फिर असुरक्षा, हीनता और डर किस बात का? Let the people decide, but don’t let the dignity of chair fall so low that people start disrespecting PM.
दूसरा जब भाजपाई कुनबा अपने ही खोदे गये खड्डे में गिरता है तो इन्हें पाकिस्तान शिद्दत से याद आता है. भाजपाई, पाकिस्तान से अपने सम्बंध स्पष्ट करे. ये जब फँसते है और डरावनी हार सामने दिखाई देती है तो इन्हें दुश्मन देश पाकिस्तान रूपी पतवार याद आती है.
मोदी के पाकिस्तान से क्या रहस्यमयी ताल्लुकात है बताये? जब मर्जी वहां जहाज उतार देते है, ISI को देश में एयरबेस की जाँच के लिए बुलाते है और जब फँसते है तो उसे याद करते है. बिहार में करारी हार सामने देख पाकिस्तान के नाम पर छाती पीट रहे थे. बिहार की महान जनता ने ऐसी पटखनी दी अब तक होश नहीं आया है.