प्रगति यात्रा के दूसरे चरण में वैशाली जिले को 276 करोड़ 80 लाख रुपये की सौगात
पटना।। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज प्रगति यात्रा के क्रम में वैशाली जिला को 276 करोड़ 80 लाख रुपये की सौगात दी. मुख्यमंत्री ने रिमोट के माध्यम से 344 विकासात्मक योजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया. इसके अंतर्गत 113 करोड़ 37 लाख रुपये की लागत से 118 योजनाओं का उद्घाटन तथा 163 करोड़ 43 लाख रुपये की लागत से 226 योजनाओं का शिलान्यास शामिल है.
प्रगति यात्रा के क्रम में मुख्यमंत्री ने वैशाली जिले के पटेढ़ी बेलसर प्रखंड स्थित नगवां ग्राम पंचायत में जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत सौंदर्गीकृत कराए गए पोखर का मुआयना किया एवं पोखर में मछली का जीरा छोड़ा. वैशाली जिले में जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत निर्मित 11 जलाशयों को जीविका संपोषित ग्राम संगठनों को अगले पांच वर्षों के लिए निःशुल्क आवंटित किया गया. साथ ही इन जलाशयों के रखरखाव हेतु संबंधित ग्राम संगठनों को प्रारंभिक राशि 31 लाख 50 हजार रूपये की स्वीकृति पत्र एवं जीविका पोषण ई-रिक्शा की चाबी मुख्यमंत्री ने जीविका दीदियों को प्रदान किया.
प्रगति यात्रा के क्रम में जीविका दीदियों के साथ संवाद कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शामिल हुए. जीविका दीदियों ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया एवं संवाद कार्यक्रम में उन्हें अपने अनुभव तथा समस्याओं से अवगत कराया. मुख्यमंत्री ने कहा कि आपकी जो भी समस्याएं और आवश्यकताएं हैं उसको पूर्ण किया जाएगा। पूरे बिहार में जीविका दीदियां काफी अच्छा काम कर रही हैं। स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को जीविका दीदी नाम हमने ही दिया, इसे भूलियेगा मत। इससे प्रेरित होकर उस समय की केंद्र सरकार ने देश भर में इसका नाम आजीविका किया.
‘दो बार गलती हुई, अब आगे नहीं‘
बिहार में राजनीतिक बयानबाजी पर पूछे गये सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि हमको इससे कोई लेना-देना नहीं है. हम शुरु से काम ही कर रहे हैं. हमारी पार्टी के लोगों ने दो बार गलती कर दी, अब आगे से ऐसा नहीं होगा. हमलोग मिलकर काम कर रहे हैं. श्रद्धेय स्व अटल बिहारी वाजपेयी जी ने ही हमें मुख्यमंत्री बनाया था. वे मुझे काफी मानते थे. वही चाहते थे कि हम बिहार के मुख्यमंत्री बने.
इसके पश्चात् मुख्यमंत्री ने वाया नदी में गाद की समस्या के मद्देनजर मौना पुल से वाया नदी का स्थल निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान मैप के माध्यम से जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने वाया नदी के प्रवाह क्षेत्र एवं उसके वर्तमान स्थिति के संबंध में मुख्यमंत्री को अवगत कराया. इस दौरान अधिकारियों को निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वाया नदी में गाद की समस्या को दूर कराने के लिए इसकी उड़ाही कराइये. इस नदी के दोनों तरफ इसके बांध को ऊंचा कराकर उसे सुदृढ कराएं, ताकि नदी में ठीक ढंग से जल प्रवाहित हो सके.
इसके पश्चात् मुख्यमंत्री ने राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, महनार का शिलापट्ट अनावरण कर उद्घाटन किया. उद्घाटन के बाद मुख्यमंत्री ने नवनिर्मित राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान का निरीक्षण कर डिस्पेंसरी, प्रधानाचार्य कक्ष, आई०एम०सी० अध्यक्ष कक्ष, उप प्रधानाचार्य कक्ष का जायजा लिया एवं विद्यार्थियों को दी जाने वाली सुविधाओं तथा छात्रावास के संबंध में अधिकारियों से जानकारी ली. आई०टी०आई० प्रांगण में मुख्यमंत्री ने पौधारोपण भी किया.
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा, जल संसाधन सह संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, विधायक वीणा सिंह, विधायक सिद्धार्थ पटेल, विधान पार्षद गुलाम गौस, जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा, मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा, पुलिस महानिदेशक विनय कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ एस सिद्धार्थ, श्रम संसाधन विभाग के सचिव दीपक आनंद, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, तिरहुत प्रमंडल के आयुक्त सरवनन एम, पुलिस महानिरीक्षक सुरक्षा अमृत राज, पुलिस उप महानिरीक्षक तिरहुत प्रक्षेत्र चंदन कुमार कुशवाहा, वैशाली जिला के जिलाधिकारी यशपाल मीणा, पुलिस अधीक्षक ललित मोहन शर्मा सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति एवं वरीय अधिकारी उपस्थित थे.
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