पटना।। बिहार में इस वर्ष 4.68 करोड़ पौधारोपण का लक्ष्य है. दरअसल बिहार राज्य के भौगोलिक क्षेत्रफल का लगभग 15 प्रतिशत हरित आवरण से अच्छादित है. चतुर्थ कृषि रोड मैप में इसे बढ़ाकर 17 प्रतिशत किये जाने का लक्ष्य है. इसी लक्ष्य को लेकर पौधारोपण अभियान की समीक्षा वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रेम कुमार ने अरण्य भवन में की.
बैठक में वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत विभाग के द्वारा वन एवं वन से बाहर भूमि पर व्यापक पैमाने पर वृक्षारोपण कराया जा रहा है. किसानों के माध्यम से कृषि वानिकी के तहत पौधारोपण एवं जीविका दीदियों के सहयोग से उनकी भूमि पर पौधारोपण किया जा रहा है. चतुर्थ कृषि रोड मैप के अंतर्गत वर्ष 2023-28 के अवधि में 20 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य है. वर्ष 2024-25 में 4.68 करोड़ पौधारोपण के लक्ष्य के विरूद्ध अभी तक 3.89 करोड़ पौधे लगाये जा चुके हैं.
वर्ष 2024-25 में कृषि वानिकी अन्य प्रजाति योजना अंतर्गत अभी तक किसानों के द्वारा 41.5 लाख के लक्ष्य के विरूद्ध 32.57 लाख पौधों का रोपण किया जा चुका है. वहीं जीविका दीदियों के द्वारा 80.34 लाख पौधों के रोपण के लक्ष्य के विरूद्ध 75.24 लाख पौधों का रोपण किया गया है. मनरेगा द्वारा 177.49 लाख पौधों के रोपण के लक्ष्य के विरूद्ध 199.62 लाख पौधों का रोपण तथा उद्यान निदेशालय द्वारा 9.31 लाख पौधों के रोपण के लक्ष्य के विरूद्ध 8.12 लाख पौधों का रोपण किया जा चुका है.
पौधों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये राज्य में 246 विभागीय पौधशालायें स्थापित है, जिनकी उत्पादन क्षमता 8 करोड़ से अधिक है. इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री निजी पौधशाला योजना के अंतर्गत 192 किसान एवं 302 जीविका पौधशालायें स्थापित है, जहां से 1 करोड़ पौधे प्रति वर्ष उत्पादित होते है. किसानों / जीविका दीदियों से पौधशाला स्थापना हेतु आवेदन प्राप्त करने की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है.
मंत्री ने निदेश दिया कि बसंतकालीन वृक्षारोपण कराकर निधारित लक्ष्य की प्राप्ति सुनिश्चित की जाय. उत्तर बिहार की जलवायु बसंतकालीन वृक्षारोपण के लिये अनुकूल है. इसलिये उत्तर बिहार के जिलों में अधिकाधिक पौधे लगाने हेतु योजना प्रस्ताव तैयार किया जाय. वित्तीय वर्ष 2024-25 में कृषि वानिकी-पॉप्लर योजनान्तर्गत पॉप्लर पौधारोपण हेतु निर्धारित लक्ष्य की प्राप्ति के लिये कार्रवाई करने का निदेश भी दिया गया है.
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