25 वर्ष का हुआ संभावना, रजत जयंती पर 45 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन

45 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में कला सहित खेल के कई विधाओं का होगा प्रशिक्षण




वीर कुंवर सिंह विवि के कुलपति डाॅ.शैलेंद्र चतुर्वेदी और आचार्य धर्मेंद्र ने किया कार्यक्रम का उद्घाटन

आरा, 25 अक्टूबर. शहर के शुभ नारायण नगर मझौंवा स्थित शांति स्मृति संभावना आवासीय उच्च विद्यालय के 25 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में रजत जयंती समारोह का उद्घाटन आज संपन्न हुआ. रजत जयंती समारोह के अवसर पर 45 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ 24 अक्टूबर (गुरुवार) को विद्यालय के जुबली हॉल में संपन्न हुआ. कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि के रूप में वीर कुँअर सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ शैलेन्द्र चतुर्वेदी
विशिष्ट अतिथि के रूप में वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति आचार्य धर्मेन्द्र तिवारी, बतौर अतिथि प्रो० बलराम सिंह (सेवानिवृत, हेड ऑफ डिपार्टमेन्ट भौतिकी विज्ञान, एच.डी. जैन कॉलेज, आरा), प्रो० नरेन्द्र सिंह नीरज (सेवानिवृत, विभागाध्यक्ष, हिन्दी वीर कुँअर सिंह विश्वविद्यालय, आरा), ले० कर्नल (रि०) राणा प्रताप सिंह, कार्यक्रम अध्यक्ष प्रो० कन्हैया बहादुर सिन्हा (कार्यकारी अध्यक्ष बिहार राज्य विश्वविद्यालय शिक्षक महासंघ), विद्यालय के निदेशक डॉ० कुमार द्विजेन्द्र और प्राचार्या डॉ० अर्चना कुमारी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया.

विद्यालय की प्राचार्या डॉ अर्चना सिंह ने इस मौके पर अपने संबोधन में कहा कि विद्यालय 2021 में ही 25वी सालगिरह में प्रवेश कर चुका था लेकिन उस वक्त दुनिया कोविड जैसी महामारी से लड़ रही थी जिसके कारण हम जश्न नही मना पाए. लेकिन अब वह समय आ गया है जब हम इस जश्न के लिए तैयार हैं. उन्होंने आये सारे अतिथियों का स्वागत किया. उन्होंने इस मौके पर अपने दो गुरुओं प्रोफेसर बलराम सिंह और प्रोफेसर नरेंद्र सिंह नीरज का जिक्र करते हुए कहा कि मुझे यहाँ तक पहुंचने में इनका हमेशा मार्गदर्शन मिला है. उन्होंने कहा कि रजत वर्ष के इस मौके पर जो प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित हो रही है ऐसी कोई विधा नही है जिसे इन 45 दिनों में नही सिखाया जाएगा. प्रबंधन ने यह विचार किया है कि हर बच्चे के अंदर छिपी जो भी प्रतिभा है उसे बाहर लाया जाए.

उन्होंने विद्यालय के स्थापना काल का जिक्र करते हुए बताया कि 1996 में 5 बच्चे और 3 शिक्षक से आज 2500 बच्चें और 165 शिक्षक तक पहुंचने का सफर तय किया है. विद्यालय 2009 में CBSC से अनुबंधित हुआ. अपने विद्यालय के एक छात्र की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि 2023 में हमारे स्कूल के छात्र आर्यन ने पूरे शाहाबाद में पहला और बिहार में दूसरा स्थान प्राप्त किया था. हमारे स्कूल के बच्चों का चाहे वे 10th के हों या 12 th के हों सभी अच्छा रिज़ल्ट लाते है. खेल में भी बच्चों ने जिले में अच्छा प्रदर्शन किया है. 10 बच्चे में से 6 बच्चे खेल में कामयाबी पाने वाले हमारे ही स्कूल के बच्चे हैं. उन्होंने कहा कि अभी तो मापी है सिर्फ मुट्ठी भर जमीं पूरा आसमान बाकी है.

उद्घाटन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. शैलेंद्र चतुर्वेदी ने बच्चों को सम्बोधित करते हुए कहा कि सम्भावना के प्रांगण में अपने सम्भावना को तलाशते हुए आया हूँ. उन्होंने रजत वर्ष की बधाई सभी को दी. उन्होने कहा कि सम्भावना की संभावनाओं पर चर्चा के लिए मुझे बुलाया गया है. बच्चों से उन्होंने कहा कि तुम बच्चों भाग्यशाली हो और यह जगह इतिहास बनाने वाले, और इतिहास लिखने वालों का रहा है. सारे दुनिया के छात्र अपनी सम्भावनाओं को तलाशने यही पर आए. सम्भावनाओं को तलाशने के लिए बिहार से अच्छी जगह नही है. मैं शैलेन्द्र चतुर्वेदी भी अपनी सम्भावना तलाशने इसी बिहार में आया और यहाँ आने के बाद ऐसा रच बस गया कि मेरे जेहन से इस जिले का नाम कभी नही मिट सकतां है.

बातों ही बातों में उन्होंने विवि के किसी चीज की सम्भावना को तलाशने वाले प्रोफेसर के बी सिन्हा का जिक्र किया और कहा कि इस बात को बताते हुए मुझे कोई परहेज नहीं है. उन्होंने कहा कि यहाँ आने से पूर्व इस विद्यालय के बारे में कोई लिटरेचर मुझे नही दिया गया लेकिन इसकी सम्भावना भी यहाँ आकर मैने तलाश ली. 40 % बच्चों का 90% से ऊपर आना यह साबित करता है कि शिक्षक से लेकर प्रबंधन तक की कितनी जिम्मेवारी है शिक्षा के प्रति. उन्होंने कहा कि यह वह अरण्य क्षेत्र है जहाँ भगवान राम को भी आना पड़ा था. उन्होंने कहा कि बच्चों की जीत से ही गुरु का नाम होता है. गुरु की लड़ाई शिष्य ही लड़ता है. उसकी जीत के साथ ही गुरु की जीत होती है. किसी काल मे बिहार से ही सबकुछ होता था अब पुनः इसी जगह से फिर से फिर से दुनिया भर में ज्ञान की संभावना जगी है.

इस मौके पर विशिष्ट अतिथि के रूप में पूर्व कुलपति, वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय आचार्य धर्मेंद्र ने वर्तमान VC को सम्बोधित करते हुए कहा कि अध्यात्म, विज्ञान और कला पर आपने इतना कुछ कह दिया कि अब बोलने को कुछ बाकी नही रह गया. उन्होंने संस्थान के स्थापना काल की बात याद करते हुए कहा कि उस समय भी मैं इस विद्यालय में आया था और मुझे खुशी है कि रजत वर्ष में भी यहाँ खड़ा हूँ. 25 वर्षों तक किसी संस्थान का खड़ा रहना मामूली बात नही है. मुझे खुशी है इस बात की मैं ऐसे संघर्षशील बेटी का बाप हूँ जो मंच सम्भालते वक्त लक्ष्मी स्वरूपा और संघर्ष के वक्त रानी लक्ष्मीबाई बन जाती है. उन्होंने उपस्थित बच्चों को सम्बोधित करते हुए कहा कि भारत के इतने सारे विभूतियों को देखने का मौका मिलेगा यह नही मालूम था. नम्बर में टॉप करना बड़ी बात नही है लेकिन नम्बर में नम्बर वन लाने के बाद भी शालीनता जो यहाँ के बच्चों में देखता हूँ वह अद्भुत है. इस स्कूल के बच्चे शिक्षा के साथ, कला, खेल और सभी विधाओं में अद्भुत प्रदर्शन कर रहे हैं जो एक नई सम्भावना व्यक्त करते हैं.

वही अतिथि के रूप में आये प्रो. बलराम सिंह ने कहा कि ईश्वर से यही कामना करता हूँ कि अपने अंदर निष्ठा, कर्तव्य, मेहनत, और सम्भावना अपनी सम्भावना तलाशने में पूरी शक्ति के साथ पूरी निष्ठा के साथ तत्पर रहेगा. इस विद्यालय के स्थापना काल से रजत वर्ष तक का साक्षी हूँ. कभी सोचा नही था कि रजत वर्ष का साक्षी रहूँगा. उन्होंने कहा कि माना कि तुमने पा ली है एवरेस्ट की उचाईयां लेकिन देख अभी ऊपर अभी आकाश बाकी है. सारी भौतिक उपलब्धियों के बाद भी आज हमारे अंदर से चरित्र गायब हो रही है. पानी बिजली, जॉब आदि की समस्या के बावजूद जो सबसे बड़ी समस्या है वह है चरित्र निर्माण की समस्या. इस समस्या का निदान सिर्फ विद्यालय ही कर सकता है और इसकी संभावना, संभावना जैसे विद्यालय से ही है.

वही अतिथि डॉ नीरज सिंह ने विद्यालय को इस मुकाम तक पहुंचने के लिए बधाई देते हुए कहा कि इस विद्यालय को शिक्षा से लेकर कला के सभी विधाओं के लोगो का प्रेम प्राप्त है. उन्होंने विद्यालय की प्राचार्या और अपनी छात्रा के बारे में बताते हुए कहा कि इस शहर की पहली स्कूटर और बाइक चलाने वाली लड़की है अर्चना. शुरुआती दिनों से ही वक्ता के रूप में भी बहुत अच्छी थी. बस हमने थोड़ा बहुत गाइड किया. इस विद्यालय के लिए अर्चना का संघर्ष 5 से 2500 की संख्या में पहुंचने का एक साधना है. ऐसे ही नही हुई है इतनी उपलब्धियां. उन्होंने 1947, 1974 और 1990 तीन लड़ाइयों का जिक्र करते हुए कहा कि हमने 3 लड़ाईया लड़ी जिसमें 1990 के शिक्षा वाली लड़ाई में अर्चना ने मेरे साथ काफी काम किया.कभी मैं स्कूटर पे उसे और कभी वो मेरे स्कूटर पे शिक्षा अभियान के लिए गाँव-गाँव तक गए. आज इस मुकाम पर देखकर सुखद अनुभूति हो रही है.

कार्यक्रम की अध्यक्षता बिहार राज्य विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के कार्यकारी अध्यक्ष प्रो. कन्हैया बहादुर सिन्हा ने किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि 90- 91% के चक्कर मे नही पड़ना है ये चक्कर मे डालने वाले अभिभावक हैं. अभिभावकों को इसपर सोचना होगा. बच्चों के अंदर कुछ न कुछ तो है उसे आगे बढ़ाने का काम करें. देश में कला, विज्ञान और कॉमर्स पढ़ने वालों का प्रतिशत अलग-अलग है. नई शिक्षा नीति ने यह मौका दिया है कि आप हर क्षेत्र में अपना हुनर दिखाइए. फिजिक्स और केमेस्ट्री में बच्चों को नही बांधे. एटॉमिक रियक्टर और एटॉमिक रियेक्शन की बात करते हुए उन्होंने कहा कि ऊर्जा को संचित करना है उपयोग करना है न कि बर्बाद करना है.

विद्यालय के निदेशक डॉ. कुमार द्विजेंद्र ने कहा कि 45 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर को लेकर रुप-रेखा तय कर ली गई है. विद्यालय के सभी शिक्षक-शिक्षिका एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारी रजत जयंती समारोह को सफल बनाने में लगे हुए हैं. उन्होंने बच्चों से कहा कि मोबाइल से दूर रहो तो ही शिक्षा ग्रहण कर पाओगे. आमने सामने बैठकर पढ़ने वाला ही शिक्षा तुम्हे कामयाब बनाएगा. हम चाहते हैं कि बच्चे कला, लेखन, खेल, नाटक, गायन सभी विधाओं में भाग लें. 45 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन विद्यालय परिसर में ही किया जाएगा जिसमें विभिन्न विधाओं कला एवं शिल्प प्रशिक्षण, साहित्य, संस्कृति, योग-व्यायाम एवं खेलकूद के कई नामी लोगों का आगमन होगा.

इस मौके पर विद्यालय की छात्राओं रितिका सिंह,वेदिका, प्रियांशी सिंह,मिनाक्षी पाण्डेय, श्रेया, पलक सिंह, रिया, सुहानी दूबे, अन्नया केशरी, सौम्या सिंह ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया. स्वागत गीत के साथ ही कार्तिक मास सुहाया है,दिन खुशी का आया है,रजत जयंती का शुभ दिन आया है गीत भी प्रस्तुत किया जिसे विद्यालय के रजत जयंती समारोह के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया था.

प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन 24अक्टूबर (गुरुवार) से प्रारम्भ हुआ जो आगामी 45 दिनों तक चलेगा. इस 45 दिनों के प्रशिक्षण अवधि में बीच-बीच में अलग-अलग विधाओं के प्रशिक्षण का शुभारंभ किया जाएगा. विभिन्न विधाओं के प्रशिक्षण की शुरुआत और समय निम्न हैं:

कला एवं शिल्प
चित्र कला- दिनांक – 25.10.2024 (शुक्रवार) से प्रारम्भ
समय:
जूनियर (PREP. to Std.-V)- 9:30 बजे से 11:30 बजे तक
सिनियर (Std.-VI to Std. – XII) – 01:00 बजे से 03:00 बजे तक

मूर्तिकला – दिनांक-12.11.2024 (मंगलवार) से प्रारम्भ
समय :
जूनियर (PREP. to Std.-V) – 9:30 बजे से 11:30 बजे तक
सिनियर (Std.-VI to Std. – XII) – 01:00 बजे से 03:00 बजे तक

हस्तकला – दिनांक-12.11.2024 (मंगलवार) से प्रारम्भ
समय:
जूनियर (PREP. to Std.-V) – 9:30 बजे से 11:30 बजे तक
सिनियर (Std.-VI to Std. – XII) – 01:00 बजे से 03:00 बजे तक

छापा कला- दिनांक-16.11.2024 (शनिवार) से प्रारम्भ
समय :
जूनियर (PREP. to Std.-V) – 9:30 बजे से 11:30 बजे तक
सिनियर (Std.-VI to Std. – XII) – 11:30 बजे से 12:30 बजे तक

साहित्य :
कविता (लेखन व वाचन) दिनांक- 18.11.2024 (सोमवार) से प्रारम्भ

समय:
जूनियर (PREP. to Std.-V) – 9:30 बजे से 11:30 बजे तक
सिनियर (Std.-VI to Std. – XII) – 01:00 बजे से 03:00 बजे तक

कहानी (लेखन) – दिनांक 18.11.2024 (सोमवार) से प्रारम्भ
समय:
जूनियर (PREP. to Std.-V)-9:30 बजे से 11:30 बजे तक
सिनियर (Std.-VI to Std. – XII) – 01:00 बजे से 03:00 बजे तक

निबंध (लेखन) – दिनांक-18.11.2024 (सोमवार) से प्रारम्भ
समय:
जूनियर (PREP. to Std.-V) – 9:30 बजे से 11:30 बजे तक
सिनियर (Std.-VI to Std. – XII) – 01:00 बजे से 03:00 बजे तक

सांस्कृतिक:
कार्यशाला प्रारम्भ – दिनांक-25.10.2024 (शुक्रवार) से प्रतिदिन

नृत्य:
समय :
जूनियर (PREP. to Std.-V)-9:30 बजे से 11:30 बजे तक
सिनियर (Std.-VI to Std. – XII) – 01:00 बजे से 03:00 बजे तक

गायन:
समय:
जूनियर (PREP. to Std.-V)-9:30 बजे से 11:30 बजे तक
सिनियर (Std.-VI to Std. – XII) – 01:00 बजे से 03:00 बजे तक

वादन:
समय:
जूनियर (PREP. to Std.-V)-9:30 बजे से 11:30 बजे तक
सिनियर (Std.-VI to Std.- XII) – 01:00 बजे से 03:00 बजे तक

नाटक:
समय:
जूनियर (PREP. to Std.-V)-9:30 बजे से 11:30 बजे तक
सिनियर (Std.-VI to Std. – XII)- 01:00 बजे से 03:00 बजे तक

योग-व्यायाम:
कार्यशाला प्रारम्भ – दिनांक-25.10.2024 (शुक्रवार) से प्रतिदिन

योग, सूर्य-नमस्कार
समय:
जूनियर (PREP. to Std.-V)-8:30 बजे
सिनियर (Std.-VI to Std.- XII) – 09:30 बजे

प्राणायाम, मेडिटेशन:
समय:
जूनियर (PREP. to Std.-V)-8:30 बजे
सिनियर (Std.-VI to Std. – XII) – 09:30 बजे

अध्यात्म:
समय: जूनियर (PREP. to Std.-V)-8:30 बजे
सिनियर (Std.-VI to Std. – XII) – 09:30 बजे

खेल-कूद :
पूर्वाभ्यास प्रारंभ दिनांक- 12.11.2024 (मंगलवार) से प्रतिदिन
जुनियर (Class- PREP. to V)
जलेबी दौड़,मेंढ़क दौड़,बोरा दौड, दौड़ (50m), म्यूजिक चेयर, शतरंज,कबड्डी, खो-खो
समय : 09:00 बजे से

सिनियर (Class- Vlto XIl)
पूर्वाभ्यास प्रारंभ दिनांक-12.11.2024 (मंगलवार) से प्रतिदिन
दौड़ (100m, 200 m), गोला फेक, हाई-जम्प, लौंग-जम्प, जबलिंग थ्रो,शतरंज, कबड्डी,खो-खो, हैण्डबॉल
समय: 10:00 बजे से

विद्यालय के कला शिक्षक संजीव सिन्हा ने बताया कि दो दिवसीय रजत जयंती समारोह” दिसम्बर के अंतिम सप्ताह में आयोजित किया जाएगा. समारोह में सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ-साथ विभिन्न विधाओं में चयनित छात्र-छात्राओं को भी पुरस्कृत किया जाएगा. 45 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में भाग लेने वाले सभी छात्र-छात्राओं को मेडल और प्रमाण-पत्र प्रदान किया जाएगा. इस दौरान चित्रकला के प्रशिक्षण देने वाले सुरेश पांडेय, कमलेश कुंदन, विष्णु शंकर, नाटक के लिए ओ पी कश्यप, खेल के लिए कन्हैया सिंह, नृत्य प्रशिक्षक में कामिनी सिंह और चिंटू कुमार, संगीत शिक्षक धर्मेंद्र कुमार व अमितेश कुमार, स्मारिका समिति के ओ. पी पांडेय को मंच पर बुला सभी के बीच रु-ब-रु कराया गया.

लोगो(logo) का लोकार्पण

रजत वर्ष के इस मौके पर एक लोगो का भी लोकार्पण किया गया. जिसका लोकार्पण मुख्य अतिथि डॉ शैलेन्द्र चतुर्वेदी(कुलपति VKSU, आरा) और विशिष्ट अतिथि आचार्य धर्मेंद्र (पूर्व कुलपति,VKSU, आरा) ने किया.
लोगो का डिजाइन विद्यालय के ही कला शिक्षक संजीव सिन्हा ने डिजाइन किया है. यह लोगो भोजपुरी लोकचित्र पर आधारित है, जिसमें ज्ञान, विज्ञान, शिक्षा, खेल, अध्यात्म इन सभी को समाहित किया गया है. लाल, पीला, ब्लू और हरे रंग का इस्तेमाल किया गया है जिसे प्राकृतिक रंग माना जाता है. प्रकृति के लिए समर्पित और प्रकृति को मूल रूप में रखने के पक्षधर होने के नाते इन रंगों का संयोजन लोगो(logo) में करना एक संदेश भी है जिससे बच्चे या आनेवाली पीढ़ी भी इस जुड़ाव को महसूस कर सके.

कार्यक्रम का संचालन विद्यालय के ही कला शिक्षक ओ. पी. कश्यप ने किया. धन्यवाद ज्ञापन विद्यालय के निदेशक डॉ. कुमार द्विजेन्द्र ने किया. इस मौके पर विद्यालय उप प्राचार्य ऋषिकेश ओझा, रमन सिन्हा सहित सभी शिक्षक, शिक्षिकाएं व बच्चे उपस्थित थे.

pncb

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