एनडीए सरकार के नये बजट में सब को खुश करने की कोशिश की गई है. नई आयकर व्यवस्था में पहले कर मुक्त आय 7 लाख रुपये थी, जिसमें 50 हजार की मानक कटौती को जोड़कर इसे 7.50 लाख रुपये तक किया गया था. अब इस बजट में नई व्यवस्था अपनाने वालों को और अधिक राहत देने के लिए मानक कटौती की सीमा बढ़ाकर 75 हजार रुपये कर दी गई है.
इसके साथ ही कर ढांचा में बदलाव भी किया गया है. इसके तहत अब तीन लाख रुपये तक कोई कर नहीं लगेगा. 3, लाख से 7 लाख रुपये तक 5 फीसदी कर देना होगा. पहले यह 10 फीसदी था. वहीं, 15 लाख से अधिक की आय पर 30 फीसदी की दर से कर देना होगा. नई आयकर व्यवस्था के तहत कर के नए स्लैब एक अप्रैल 2024 से प्रभावी होंगे. जबकि बजट में पुरानी कर व्यवस्था में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है, न ही कोई रियायत दी गई है. इससे पुरानी कर व्यवस्था चुनने वालों को मायूसी हाथ लगी है. उम्मीद की जा रही थी कि यहां भी मानक कटौती की सीमा बढ़ाई जा सकती है लेकिन इसे 50 हजार रुपये पर ही बरकरार रखा गया है. इसी तरह कर ढांचा में भी कोई बदलाव नहीं हुआ है.
बजट के प्रावधानों से साफ है कि सरकार भविष्य में नई कर व्यवस्था को ही मजबूती देना चाहती है. 7.75 लाख रुपये तक की आय पूरी तरह से टैक्स के दायरे से बाहर रखने से बड़ी संख्या में लोगों को फायदा पहुंचेगा.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण के दौरान कहा कि उनका मुख्य उद्देश्य रोजगार, स्किल डेवलपमेंट, छोटे उद्योग और मिडिल क्लास को राहत पहुंचाना है. यही वजह है कि सरकार ने स्टाफ को ट्रेनिंग देने वाली कंपनियों के लिए इंसेंटिव का ऐलान किया है. विदेशी कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टैक्स घटाया गया है. साथ ही उच्च शिक्षा के लिए सस्ते लोन और छोटे कारोबारियों की सहूलियत के लिए मुद्रा लोन को दोगुना कर दिया गया है. इसके अलावा न्यू टैक्स रिजीम में बदलाव भी किया गया है. वित्त मंत्री ने कहा कि इससे सैलरीड क्लास को सालाना 17,500 रुपये की बचत होगी. पेंशनर्स के लिए फैमिली पेंशन पर डिडक्शन बढ़ाकर 25 हजार रुपये किया गया है. इससे लगभग 4 करोड़ लोगों को लाभ होगा.
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