चिकित्सा से जुड़े प्राचीन ग्रन्थों की लगी विशाल प्रदर्शनी

क्या जानते हैं जैन सिद्धान्त भवन के बारे में !

आरा, 21 मई 2024. आरा हमेशा से कला, साहित्य या इतिहास की बात आते ही सबके न सिर्फ जेहन में बल्कि सामने मानो खड़ा हो जाता है. शहर ने इतिहास के गर्भ से पता नही कितने चीजों को अपने पास रखा और कितनों के बदलते स्वरूप को वर्तमान तक देखा. उन्ही में से एक है यहाँ का ऐतिहासिक धरोहर न सिर्फ एक धरोहर है बल्कि उसके अंदर रखे हजरों किताबें प्राचीन इतिहास के पुख्ता सबूत हैं जो समय के धूल खाने के बाद भी अपनी मौजूदगी आने वाली पीढ़ियों के लिए रखा है. हम बात कर रहे हैं ऐतिहासिक जैन सिद्धान्त भवन की.




जिला मुख्यालय के जेल रोड में स्थित ऐतिहासिक जैन सिद्धान्त भवन के विशाल सभागार में चिकित्सकीय एव आयुर्वेदिक प्राचीन ग्रंथो की भव्य प्रर्दशनी का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का विधिवत उद्‌घाटन आयुष मंत्रालय ,भारत सरकार के केंद्रीय आयुर्वेद विज्ञान अनुसंधान परिषद के क्षेत्र विशेषज्ञ डॉ० दीलिप कुमार कर ने दीप प्रज्जवलित कर किया.

बतातें चलें कि सैकड़ो वर्ष पुराने इस जैन लाइब्रेरी में चिकित्सकीय एवं आयुर्वेदिक ग्रंथो के साथ- साथ ज्योतिष, व्याकरण, तन्त्र-मंत्र, गणित, धार्मिक ग्रंथो एव प्राचीन शोध-पत्रिकाओं का विशाल संग्रह है.

देश-विदेश से हजारों पर्यटक एंव शोधार्थी प्रति वर्ष यहां आकर इस पुस्तकालय का उपयोग करते है. इस पुस्तकालय में राष्ट्रीय पाण्डु‌लिपी मिशन, सांस्कृतिक मंत्रालय भारत सरकार के अन्तर्गत पाण्डुलिपि संसाधन केंद्र एंव पाण्डुलिपि संरक्षण केन्द्र की स्थापना कई वर्ष पूर्व की गयी थी जहाँ सैकड़ो दुलर्भ ग्रंथो का वैज्ञानिक विधि से संरक्षण एव मरम्मत किया जा रहा है.

उद्‌घाटनकर्ता डा. दिलीप कर ने जैन सिद्धान्त भवन में संग्रहित एव संरक्षित आयुर्वेदिक ग्रंथो की भूरी-भूरी प्रशंसा की. उन्होंने लाईब्रेरी के संस्थापक बाबु देव कुमार के प्रति आभार प्रगट किया. लाईब्रेरी के रख-रखाव से वे काफी प्रभावित हुए.शहर के बीचों-बीच स्थित लाईब्रेरी के विशाल भवन एंव यहाँ संग्रहित विभिन्न विषयों के दुलर्भ पुस्तकों को सुव्यवस्थित तरीके से रखे जाने एंव संरक्षण के द्वारा संरक्षण किए जाने की भी उन्होंने सराहना की.

आगत-अतिथियों का स्वागत संस्था के सचिव प्रशांत कुमार जैन ने अंगवस्त्र से किया. इस अवसर पर उन्होंने लाईब्रेरी द्वारा किए जा रहे कार्यों एंव संग्रह के बारे में उपस्थित लोगों को विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने बताया कि यह लाइवेरी वीर कुंवर सिंह विश्व विद्यालय से संबंध है तथा शोधार्थी इसका लाभ ले रहे हैं.

इस अवसर पर पटना आयुर्वेद कॉलेज के अधिकारी, अखिलेश्वर प्रसाद, इषिता तिवारी, सुमन कुमारी, अखिलेश कुमार, दिपक जैन, रवि कुमार, आदि उपस्थित थे.

PNCB

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