पटना।। सरकारी स्कूलों में गर्मी की छुट्टी के बाद नया टाइम टेबल न सिर्फ शिक्षकों बल्कि बच्चों के लिए भी मुसीबत का सबक बन गया है. सुबह 6:00 से दोपहर 1:30 तक की टाइमिंग शिक्षा विभाग ने शिक्षकों के लिए तय की है. सुबह 6:00 बजे स्कूल पहुंचने की कोशिश में कई शिक्षकों के साथ गंभीर हादसा हो गया. वही दोपहर सुबह 6 से दोपहर 12:00 बजे तक स्कूल में रहने के आदेश की वजह से बच्चे भूखे ही स्कूल पहुंचने को मजबूर हैं. भीषण गर्मी की वजह से उनकी तबीयत बिगड़ रही है. इसके विरोध में राज्य भर के शिक्षकों ने आज ट्विटर पर #reviseschooltime नाम से अभियान चलाया जो टॉप पर ट्रेंड कर रहा था. पिछले साल तक गर्मी के समय स्कूलों की टाइमिंग सुबह 6:30 से 11:30 तक होती थी. शिक्षक पुरानी व्यवस्था लागू करने की मांग कर रहे हैं.
शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों से भी नाराजगी
शिक्षकों ने है उन तमाम विधान पर्षदों के खिलाफ भी मोर्चा खोल दिया है जो शिक्षकों के मत से चुने जाते हैं लेकिन शिक्षकों की परेशानी के बावजूद अब तक चुप बैठे हैं.
शिक्षक संघ की चेतावनी
शिक्षा विभाग के तानाशाही रवैया के विरुद्ध राज्य भर के शिक्षक दिनांक 24 मई को काली पट्टी बांधकर करेंगे काम
इसके बावजूद भी अगर सरकार अपने तुगलकी फरमानों को वापस नहीं लेती तो होगी राज्यभर के स्कूलों में तालाबंदी- बृजनंदन शर्मा
पटना।। बिहार सरकार शिक्षा विभाग के तानाशाही रवैया के विरुद्ध राजभर के शिक्षकों ने बड़ा आंदोलन करने का मन बना लिया है. इस संदर्भ में बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के राज्य अध्यक्ष बृजनंदन शर्मा ने मुख्यमंत्री बिहार को पत्र लिखकर कहा है कि जिस तरह से शिक्षा विभाग द्वारा लगातार शिक्षकों के विरुद्ध तुगलकी फरमान जारी किया जा रहा है उससे ऐसा प्रतीत होता है कि विभाग के आला अधिकारी ने पूरी तरह मानसिक संतुलन को दिया है विद्यालय संचालन हेतु पूर्व से बनाई गई नियमावली की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं जिससे राज्य भर में शिक्षा जगत में अराजकता का माहौल बनता जा रहा है.
उन्होंने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री को उपर्युक्त संदर्भ में कई मर्तबा पत्र दिया गया है पर अब तक उनके द्वारा अपने स्तर से कोई समुचित कार्रवाई नहीं की गई जो दुखद है.
कनीय लोगों द्वारा चाहे विद्यालय के निरीक्षण का मामला हो ग्रीष्म अवकाश में भी विद्यालय के खोलने का मामला हो चाहे विद्यालय संचालन का समय 9:00 से 5:00 तक करने का मामला हो या फिर वर्तमान में ग्रीष्म अवकाश समाप्त होने के उपरांत विद्यालय का समय प्रातः 6:00 बजे से 12:00 तक करने एवं शिक्षक के लिए 1:30 बजे तक विद्यालय में रहने की बाध्यता तथा विद्यालय संचालन के लिए निर्धारित समय के उपरांत प्रधानाध्यापकों को वीसी के लिए जाने की बाध्यता का मामला हो, सक्षमता परीक्षा देने वाले शिक्षकों को भी जबरन स्थानांतरण का मामला हो, सरकार चुपचाप बैठी है. शिक्षा विभाग में लूटपाट मचा है हर बात की जानकारी समय-समय पर पत्र लिखकर सरकार को दी जा रही है. इसके बावजूद सरकार के कान पर जूं नहीं रेंग रहा है जो शिक्षा जगत के लिए शिक्षा विभाग एवं सरकार द्वारा किया जा रहा एक अशोभनीय कृत है जिसे शिक्षक किसी कीमत पर बर्दाश्त करने की स्थिति में नहीं है.
बृजनंदन शर्मा ने कहा कि अगर यथाशीघ्र मुख्यमंत्री बिहार अपने स्तर से हस्ताक्षर कर उपर्युक्त मामलों से संबंधित जितने भी पत्र अब तक निकल गए हैं उसे निरस्त नहीं करवाते हैं तो राज्य भर के शिक्षक बड़े आंदोलन करने को बाध्य हो जाएंगे. आगामी 24 मई 2024 को राजभर के सभी शिक्षक काली पट्टी बांधकर विद्यालय में अपना काम निपटाएंगे और सरकार को बड़े आंदोलन के घोषणा से पूर्व अल्टीमेटम देंगे. इसके बावजूद भी अगर राज्य सरकार शिक्षा विभाग के इस मनमानी को रोकने में कामयाब नहीं होती तो मजबूरन राजभर के सभी विद्यालयों में पूर्ण तालाबंदी की घोषणा कर दी जाएगी
जिससे बिहार के शिक्षा व्यवस्था को जो नुकसान होगा उसकी सारी जिम्मेदारी बिहार सरकार की होगी.
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