हत्यारे ब्रजेश और हरेश मिश्रा को सश्रम उम्रकैद की हुई सजा
बिहार के चर्चित नेता को 8 साल बाद मिला न्याय
सगे भाई ब्रजेश मिश्रा और हरेश मिश्रा समेत 7 लोग हत्या के दोषी, 5 अन्य दोषियों को 10 साल की सजा
मुख्य गवाह की हत्या मामले में मिश्रा बंधुओं को एक माह पूर्व ही कोर्ट ने दिया था आजीवन कारावास
आरा, 22 अप्रैल( ओ पी पांडेय). कहा जाता है कि कानून के हाथ लम्बे होते हैं और उसके पंजे से कोई नही बच पाता है. लेकिन कानून के दाव और साक्ष्य के इस पेंच में फैसला आते-आते बहुत देरी हो जाता है तो निराशा और हताशा उम्मीदों के दिये को बुझा हौसले को पस्त कर देती है. बड़े-बड़े नामों में भी फैसले आने में काफी वक्त लग जाते हैं. हम बात कर रहे हैं आरा के बहुचर्चित नेता विशेश्वर ओझा हत्याकांड की जिन्हें 8 साल पहले सरेआम गोलियों से भून उनकी हत्या कर दी गयी थी.
भोजपुर के चर्चित विशेश्वर ओझा हत्याकांड में कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए इस कांड के किंग पिन मिश्रा बंधुओ को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. ADJ 8 की कोर्ट ने नामजद मुख्य आरोपी, सगे भाइयों हरेश मिश्रा व ब्रजेश मिश्रा को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही कोर्ट ने दोनों के ऊपर 85-85 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. वहीं अन्य पांच दोषियों को 10 साल की सजा के साथ उनपर 35 हजार रुपए की आर्थिक दंड भी लगाया है.
आरा सिविल कोर्ट में पिछले आठ सालों से चल रहे इस ह्त्याकांड के मामले में पिछले 9 अप्रैल को कोर्ट ने कांड में नामजद अभियुक्त ब्रजेश मिश्रा और हरेश मिश्रा समेत सात आरोपियों उमाकांत मिश्रा, टुन्नी मिश्रा, बसंत मिश्रा, हरेंद्र सिंह, पप्पू सिंह को दोषी करार दिया था जबकि साक्ष्य के अभाव में 6 आरोपियों को कोर्ट ने दोषमुक्त कर दिया था.
ब्रजेश मिश्रा और हरेश मिश्रा दोनों सगे भाई हैं, जिन्हें साक्ष्य के आधार पर कोर्ट ने इस हत्याकांड को अंजाम देने वाला मान उन्हें सजा सुनाई है. दोनों भाईयों ने अपने साथियों के साथ मिलकर भाजपा के तत्कालीन प्रदेश उपाध्यक्ष विशेश्वर ओझा को गोलियों से भून उनकी हत्या को अंजाम दिया था.
9 अप्रैल को अपना फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने 7 लोगों को उक्त हत्याकांड का दोषी माना था. आरा की ADJ-8 की कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए अभियुक्त ब्रजेश मिश्रा और हरेश मिश्रा समेत सात को दोषी ठहराया था, जिन्हें आज आजीवन सजा मुकर्रर कर दी गयी. वहीं, साक्ष्य के अभाव में पिछली बार ही छह को दोषमुक्त भी कर दिया गया.
मुख्य गवाह हत्याकांड में मिश्रा बंधुओं को आजीवन कारावास
जिला अभियोजन पदाधिकारी सह अपर लोक अभियोजक माणिक कुमार सिंह ने बताया कि मुख्य गवाह कमल किशोर मिश्रा की हत्या के मामले में मिश्रा बंधु ब्रजेश मिश्रा व उसके एक भाई के साथ-साथ उसके सहयोगी दोषी साबित हो चुके हैं. एडीजे -2 अखिलेश सिंह की अदालत ने पिछले महीने ही उन सभी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.
ये हैं दोषी
कोर्ट ने हरेश मिश्रा और उसके भाई ब्रजेश मिश्रा को हत्या, हत्या के प्रयास और आर्म्स एक्ट के मामले का दोषी पाया है. वहीं उमाकांत, टुनी, बसंत, पप्पू और हरेन्द्र सिंह को 307 IPC एवं 27 आर्म्स एक्ट में दोषी पाया है.
6 आरोपी हुए दोषमुक्त
कोर्ट ने इस कांड में आरोपी बनाये गये कुंदन, संतोष, विनोद, भृगु, मदन, बबलू को संदेह का लाभ देते हुए इन सभी 6 आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया.
8 साल पहले ऐसे हुई थी हत्या
शाहाबाद के बहुचर्चित समाजसेवी व नेता विशेश्वर ओझा की हत्या के 8 साल पुराने केस का पटाक्षेप हो गया. 12 फरवरी, 2016 की शाम अपराधियों ने विशेश्वर ओझा की हत्या कर दी थी. अपनी सफारी गाड़ी से ड्राइवर राकेश कुमार ओझा और चार अन्य समर्थकों के साथ वे बभनौली निवासी चंदेश्वर उपाध्याय के भतीजे की बारात में सम्मिलित होने परसोंडा टोला स्थित मृत्युंजय मिश्रा के गए थे. वहां से निकलने के बाद एक दूसरी गाड़ी उनके काफिले में शामिल हो गई. विशेश्वर ओझा के घर लौटने के दौरान सोनबरसा मैदान में मिश्रा बंधुओ ने अपने सहयोगियों के साथ उनकी गाड़ी को रोक लिया और ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी. इस फायरिंग में विशेश्वर ओझा एवं उनके ड्राइवर राकेश कुमार ओझा को गोली लगी और अस्पताल ले जाने के क्रम में ही उनकी मृत्य हो गयी. अस्पताल पहुंचने पर डाक्टरों ने उन्हें मृत बताया.
विशेश्वर ओझा उस समय भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष थे. विशेश्वर ओझा की हत्या के बाद प्रदेश की राजनीति में तूफान मच गया. राजनाथ ओझा के बयान पर शाहपुर थाना कांड संख्या- 48/2016 अंकित किया गया, जिसमें कुल सात नामजद एवं तीन-चार अन्य अज्ञात का जिक्र किया गया था. पुलिस ने अपनी जांच के बाद कुल 13 अभियुक्त के विरुद्ध न्यायालय में 2 आरोप पत्र समर्पित किये थे.
कोर्ट में चिकित्सकों की भी हुई थी गवाही
इस मामले के ट्रायल में शहर के तीन नामी चिकित्सकों की गवाही अभियोजन ने कराई. जिला अभियोजन पदाधिकारी सह अपर लोक अभियोजक माणिक कुमार सिंह ने बताया कि डॉक्टर कृपा शंकर चौबे की अध्यक्षता में एक तीन सदस्य मेडिकल टीम का गठन पोस्टमार्टम कराने के लिए किया गया था. जिस टीम ने पोस्टमार्टम किया था, उस टीम का नेतृत्व करने वाले डॉक्टर कृपा शंकर चौबे का इस कांड में साक्ष्य परीक्षण कराया गया. इसके अलावा शहर के विख्यात चिकित्सक डॉ. विकास सिंह की भी गवाही करायी गयी. जिनके यहां गोलियां निकाली गई थी. शाहपुर रेफरल अस्पताल में विशेश्वर ओझा का प्रथम इलाज करने वाले डॉक्टर रमाशंकर चौबे की भी इस कांड में गवाही करवाई गई. डॉ. रमाशंकर चौबे ने विशेश्वर ओझा के ड्राइवर रमाशंकर ओझा का इलाज भी किया था, जिसकी गोलियां निकल गई थी और इस संबंध में भी चिकित्सकों ने अपने साक्ष्य परीक्षण में जिक्र किया था.
गवाही देने वाले थे 10 लोग
विशेश्वर ओझा हत्याकांड में कुल 10 गवाह की गवाही अभियोजन की ओर से कराई गई. इसमें चार प्रत्यक्षदर्शी, तीन चिकित्सक, एक जांच अधिकारी, दो स्वतंत्र जब्ती सूची गवाह शामिल हैं.
जब मुख्य गवाह कमल किशोर मिश्रा की ही हो गयी हत्या
अपराधियों की घृष्टता और धौंस इसी से समझा जा सकता है कि इस कांड में मुख्य साजिशकर्ता और अभियुक्त ब्रजेश मिश्रा के मामले के ट्रायल के दौरान ही गवाही से पहले मुख्य गवाह व चश्मदीद कमल किशोर मिश्रा की हत्या 28 सितंबर, 2018 को अपराधियों ने कर दी. उसके बाद तो ऐसा लगा जैसे कोई भी डर के मारे गवाह नही बनेगा और गवाह के अभाव में यह केस बन्द हो जाएगा और न्याय अधूरा रह जाएगा. लेकिन बाद में जिला अभियोजन पदाधिकारी माणिक कुमार सिंह ने ट्रायल के दौरान कमल किशोर मिश्रा की गवाही और प्रति परीक्षण को उनकी हत्या के उपरांत प्रदर्श के रूप में अंकित कराया. जिसे न्यायालय ने बहस के दौरान साक्ष्य परीक्षण के तौर पर स्वीकार कर लिया और उसी के आधार पर को उक्त फैसला सुनाया गया.
कोर्ट के आये फैसले पर स्व. विशेश्वर ओझा के पुत्र राकेश ओझा ने खुशी जाहिर की है. उन्होंने पटना नाउ से बात करते हुए कहा कि कोर्ट के फैसले का हम सम्मान करते हैं. फैसला आने में देरी का कारण अपराधियों द्वारा गवाहों को डराने-धमकाने और उनकी हत्या तक जैसे संगीन अपराध कर्म है. केस को कई तरह से कमजोर करने की अपराधियों ने षड़यंत्र चला लेकिन सत्य आखिर सत्य होता है जो न्याय के कटघरे में सम्मान पाता ही है. उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो उच्च न्यायालय में भी अपराधियों के हाई पनिशमेंट के लिए रुख करेंगे.