उपलब्धि: बिहार के 48 पैक्स कम्प्यूटराइज्ड, मल्टी सर्विस सेंटर के तौर पर होगा काम

पटना।। बिहार के 48 पैक्स कंप्यूटराइज्ड हो गए हैं. अब ये सभी पैक्स मल्टी सर्विस सेंटर के तौर पर काम करेंगे. सहकारिता विभाग के मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य के नौ जिलों औरंगाबाद, अरवल, गया, कटिहार, मधेपुरा, पूर्णियाँ, सहरसा, रोहतास एवं सुपौल के 48 पैक्सों में कम्प्युटरीकरण व्यवस्था से कार्य का प्रारम्भ किया. पैक्स का कम्प्युटरीकरण एक केन्द्र प्रायोजित योजना है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य पंचायत स्तर पर गठित पैक्स का पूर्णतः कम्प्यूटरीकृत करके उनके कार्यों को सुगम एवं पारदर्शी बनाना है. इस प्रकार उनकी दक्षता एवं लाभ में वृद्धि करते हुए उन्हें मल्टी सर्विस सेन्टर के रूप में विकसित करना है.

इस अवसर पर मंत्री प्रेम कुमार ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य के 48 पैक्सों के अध्यक्ष एवं क्षेत्रीय प्रबंधकों के साथ-साथ राज्य अन्य पैक्सों के अध्यक्षों/प्रबंधको एवं सहकारिता विभाग के सभी पदाधिकारियों को संबोधित किया. मंत्री ने कहा कि राज्य के सभी पैक्सों को चरणबद्ध रूप से वित्तीय वर्ष 2026-27 तक कम्प्युटरीकृत कर दिया जाएगा. इसके लिए कुल 249.00 करोड़ रुपया का प्रावधान किया गया है, जिसमें केन्द्रांश 149.40 करोड़ रुपये एवं राज्यांश 99.60 करोड़ रुपये है. इस प्रकार योजना में 60 प्रतिशत केन्द्र सरकार द्वारा एवं 40 प्रतिशत व्यय राज्य सरकार के स्तर से किया जाना है.




मंत्री ने बताया कि पैक्स कम्प्युटरीकरण योजना के पहले चरण में राज्य के 4477 पैक्सा का चयन किया जा चुका है एवं इनमें कम्प्युटरीकरण की कार्रवाई की जा रही है. पुनः 1601 पैक्सों का चयन भी योजना के द्वितीय चरण हेतु कर लिया गया है. इस प्रकार अबतक पैक्स कम्प्युटरीकरण हेतु 6078 पैक्सों का चयन किया जा चुका है. मार्च 2024 तक चयनित पैक्सों में हार्ड वेयर स्थापित कर दिया जाएगा.

मंत्री ने बताया कि पैक्सों का कम्प्युटरीकरण का राज्य के विकास में दूरगामी प्रभाव पड़ेगा. इसके माध्यम से पैक्स अपने लेखाओं का संधारण दक्षतापूर्वक एवं वास्तविक समय (Real Time) में कर सकेंगे. साथ ही, पैक्स स्थानीय स्तर पर केन्द्रीय सहकारी बैंकों के जमा संग्रह अभिकर्ता (डिपोजिट मोबिलाईजेश एजेंट) के रूप में काम कर सकेंगे एवं ग्राहकों को बैंकिंग सुविधा प्रदान कर सकेंगे. इसका लाभ केन्द्रीय सहकारी बकों एवं पैक्सों के साथ-साथ स्थानीय लोगों को भी प्राप्त हो सकेंगा. सभी केन्द्रीय सहकारी बैंक पैक्सों के माध्यम से ग्रामीण जनता तक अपनी पहुँच बना सकेंगे. साथ ही, पैक्सों की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी एवं उनका व्यवसायिक विकास भी सम्भव हो सकेगा. साथ ही, इससे रोजगार के नये अवसर भी सृजित होंगे.

मंत्री प्रेम कुमार ने बताया कि पैक्सों में भारत सरकार की कई योजनाएँ संचालित की जा रही है. प्रधानमंत्री जन औषधि केन्द्र, प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केन्द्र, पैक्सों में कॉमन सर्विस सेन्टर पेट्रोल/डीजल आउटलेट, जैसी योजनाएँ पैक्सों में संचालित की जा रही है. कम्प्युटरीकरण के माध्यम से पैक्सों में ई-सेवाओं की बेहतर पहुँच के लिए पैक्सों में कॉमन सर्विस सेन्टर की स्थापना की जा रही है. इसके तहत पैक्स, ग्रामीण नागरिकों को बैंकिंग, बीमा, आधार नामांकन, स्वास्थ्य सेवाएँ एवं पैन कार्ड, आई.आर.सी.टी.सी. रेल, बस, हवाई टिकट, बुकिंग जैसे 300 से अधिक सेवाएँ प्रदान कर सकेंगे.

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव, सहकारिता विभाग, दीपक कुमार सिंह, निबंधक, सहयोग समितियां राजेश मीणा, विशेष सचिव, बिरेन्द्र यादव एवं नन्द किशोर, अपर सचिव, ऋचा कमल, अपर निबंधक, मनोज कमार सिंह, अजय कुमार अलंकार एवं अन्य विभागीय पदाधिकारी उपस्थित थे.

pncb

By dnv md

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