नागी नकटी की तरह नरोदा और सिमुलतला डैम भी होंगे विकसित

नागी पक्षी महोत्सव में बोले मंत्री प्रेम कुमार

जमुई।। प्रवासी पक्षियों के संरक्षण एवं संर्वधन हेतु आयोजित नागी पक्षी महोत्सव, 2024 का दूसरा दिन नागी पक्षी आश्रयणी में आयोजित किया गया. महोत्सव के दूसरे दिन पक्षी रेस, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता, पक्षी विशेषज्ञों का संबोधन एवं साझा, पक्षी एवं पर्यावरण से संबंधित चलचित्र का प्रर्दशन किया गया. इसके साथ स्कूल के बच्चों तथा स्थानीय कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम पक्षी सेमिनार, बोरा दौड़, चम्मच गोली दौड़ आदि विभिन्न कार्यक्रम जमुई वन प्रमंडल द्वारा आयोजित किया गया. प्रथम दिवस की तरह दूसरे दिन भी नागी पक्षी महोत्सव का लुत्फ उठाने भारी संख्या में पक्षी प्रेमी, पर्यटक और स्थानीय लोगों का, विशेष कर बच्चे का जमावड़ा लगा रहा.




पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, बिहार सरकार द्वारा नागी पक्षी आश्रयणी में आयोजित तीन दिवसीय राज्य पक्षी महोत्सव “नागी पक्षी महोत्सव 2024” का ई – उद्घाटन विभाग के मंत्री डॉ प्रेम कुमार द्वारा किया गया. मंत्री महोत्सव के दूसरे दिन भी जुड़े रहे तथा सभी कार्यक्रमों की नियमित समीक्षा उनके द्वारा की गई और आवश्यक निर्देश भी दिए गए.

इससे पूर्व मंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अपने संबोधन में कहा कि बिहार की धरती प्राकृतिक सौंदर्य, वनस्पतियों और जैव विवधताओं से परिपूर्ण बिहार राज्य का कुल क्षेत्रफल लगभग 94,163 वर्ग किमी है, जो देश के भौगौलिक क्षेत्रफल का 2.86 प्रतिशत है. गंगा, गंडक, कोसी, सोन जैसी नदियों एवं सैकड़ों की संख्या में झील और तालाब से आच्छादित बिहार की भूमि न केवल मनुष्य को अपितु पेड़ पौधों, वन्यजीवों एवं पक्षियों को भी अदभुत आश्रय देती है.

उन्होंने कहा कि राज्य में ईको-पर्यटन की अपार संभावनाएँ है. नागी नकटी पक्षी आश्रयणी उनमें से एक है. इस क्षेत्र को विश्व के पर्यटन मानचित्र पर लाने तथा स्थानीय लोगों को पक्षी संरक्षण से जोड़ने के उद्देश्य से नागी पक्षी महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है.

‘जमुई के नागी नकटी पक्षी आश्रयणी को आने वाले समय में ईको-पर्यटन के दृष्टिकोण से और विकसित किया जायेगा. आने वाले समय में जमुई के अन्य स्थल जैसे नरोदा जल प्रपात, सिमुलतल्ला, गरही डैम क्षेत्र आदि को भी पर्यटन के दृष्टिकोण से विकसित करने की योजना है.

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