3000 कॉलेज शिक्षकों की सेवा को जननायक ने किया था स्थाई

आरा,24 जनवरी(ओ पी पांडेय). फुटाब (बिहार राज्य विश्वविद्यालय शिक्षक महासंघ) के अध्यक्ष कन्हैया बहादुर सिन्हा ने जननायक कर्पूरी ठाकुर की 100 वीं जयंती के अवसर पर उन्हें मरणोपरांत” भारत रत्न” की उपाधि से सम्मान देने के केंद्र सरकार के निर्णय का स्वागत किया है.




उन्होंने कहा कि अपने मुख्य मंत्रित्व के दूसरे कार्यकाल में कर्पूरी ठाकुर ने अस्थाई शिक्षकों के 79 दिनों के धरना सत्याग्रह को समाप्त कराते हुए 19 नवंबर 1977 को लगभग 3000 कॉलेज शिक्षकों की सेवा स्थाई करने का एतिहासिक निर्णय लिया जिसमें उन्होंने कोई जाति विभेद नहीं किया. अस्थाई शिक्षकों के दर्द को कोई जमीनी नेता हीं समझ सकता था. उनके इस मानवीय कदम को वे शिक्षक जीवन के अंतिम सांस तक भी भूल नहीं सकेंगे.

श्री सिन्हा ने कहा कि उन शिक्षकों का नेतृत्व करने का सौभाग्य उन्हें प्राप्त हुआ था. उन्होंने उन सभी शिक्षकों की ओर से जननायक कर्पूरी ठाकुर को श्रद्धांजलि अर्पित किया.

बताते चलें कि बिहार के कुल 5 लोगों को भारत रत्न अब तक मिल चुका है. डॉक्टर विधान चंद्र राय, डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद, जयप्रकाश नारायण और बिस्मिल्लाह खान और ताजा मामला कर्पूरी ठाकुर का है.

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