महिला ने कहा दूध बेचकर कमाया
शादी के लिए गाय और भैंस बेचकर पैसे जुटाये
18 लड़कियां है शादी करने के लिए
मिली जानकारी के अनुसार सत्ताधारी सरकार के एक विधायक के हैं पैसे
जन-धन अकाउंट के खुलने के बाद लोगों को विश्वास था कि सरकार सबके अकाउंट में लाखों रूपये डालेगी. ऐसा हुआ तो नहीं पर भोजपुर जिले में एक धन-जन अकाउंट में 40 लाख रुपये क्या आये कि इनकम टैक्स विभाग के रेड अलर्ट से लेकर प्रदेश तक यह खबर जंगल में आग की तरह फैल गयी. दरअसल ये कहानी है एक ऐसे महिला की जिसने दूध और गाय बेचकर जमा किये 40 लाख रुपये. लेकिन जब ये पैसे खाते में डाले गए तो खाता सील हो गया. क्या है पूरा मामला आइये जानते है…
टाऊन थाना के नेहरू नगर की रहने वाली सितारा देवी के धन-जन खाते में 40 लाख आते ही इनकम टैक्स विभाग के कण खड़े कर दिए है. बैंक ने सितारा देवी का खाता सील कर दिया है.आयकर विभाग ने जिले के लगभग 10 हजार हाई प्रोफाइल खाते खंगाले हैं जिनपर गिद्ध सी नजर लगी हुई हैं. ये वैसे खाते हैं जो कभी इनकम टैक्स नही चुकाते थे. वही 150 ऐसे खाते भी हैं जिनमे 9 नवम्बर के बाद 50 लाख से 7 करोड़ तक के ट्रांजेक्शन हुए हैं.
जब खाते के सील होने से मची खलबली के बाद पटना नाउ ने सितारा देवी के घर जाकर 40 लाख रूपये के बारे में पुछा तो सितारा देवी ने कहा कि उनकी 5 खुद की बेटियाँ हैं जिनके शादी के लिए उन्होंने बहुत दिनों से पैसे बचा कर रखा था. उनका सयुंक्त परिवार है जिसमे उनके पति के भाई और अन्य सदस्य भी साथ ही रहते हैं. उनकी बेटीयाँ और भतीजियां मिलाकर कुल 18 लड़कियां हैं जिनकी शादी के लिए गाय और भैंस बेचकर उन्होंने पैसे जुटाये थे. उनका पुस्तैनी खटाल है जिसमें लगभग 20 गाय हैं और दूध बेचकर भी कुछ पैसों को इक्कट्ठा किया था. इन पैसो को उन्होंने अपने देना बैंक के खातों में डाल तो दिया लेकिन अब वो सील हो गया है.
वहीँ उनके देवर संजय यादव भी गाय खरीद बिक्री की ही बात बताते हैं. उनका कहना है कि खाता बंद हो जाने से उनके खाने के लाले पड़ गए हैं.इधर ज्ञात सूत्रों से ये जानकारी मिली कि सितारा देवी के परिवार का जमीन खरीद बिक्री का भी धंधा है जो एक सत्ताधारी सरकार के विधायक की देखरेख में चलता है. इधर इस बात को लेकर पूरे जिले में चर्चा ये है कि ये 40 लाख रुपये सत्ताधारी विधायक के ही हैं जिसे उन्होंने सितारा देवी को काला धन से सफ़ेद करने के लिए दिया था.
बालू के हैं ये पैसे
सूत्रों से मिली जानकारी इस बात की ओर भी इशारा करते हैं कि कहीं ये बालू घाटों की अवैध कमाई वाला पैसा तो नहीं क्योंकि सत्ताधारी विधायक बालू का कारोबार भी करते हैं .
रिपोर्ट आरा से ओपी पाण्डेय