सब कुछ ठीक नहीं चल रहा जदयू में

By pnc Jan 14, 2024 #All is not well in jdu




एक दिन में ही पलट लेते पार्टी नेता अपना निर्णय

दरभंगा यूनिट के वर्कर में छाई है भ्रम की स्थिति

किसी पार्टी वर्कर को हटाने का नहीं लिया निर्णय – गोपाल मंडल

संजय मिश्र,दरभंगा

जेडीयू नेता उहापोह की गिरफ्त में है. टॉप लेवल से लेकर जिला स्तर तक ये स्थिति बनी हुई है. नीतीश के पीएम मैटेरियल के राग की राह आसान नहीं देख पार्टी वर्कर का उत्साह वैसे ही मायूसी में तब्दील हुआ है. एक तरफ नीतीश कुमार का झारखंड दौरा पोस्टपोन होने की खबर उधर प्रदेश संगठन के नेताओं का अजीब सा फरमान. मामला पार्टी की दरभंगा यूनिट से जुड़ी हुई है.

प्रदेश महासचिव अब्दुल कय्यूम अंसारी दरभंगा के दो पार्टी वर्कर को जेडीयू की प्राथमिक सदस्यता से बर्खास्त किए जाने की सूचना वाला पत्र जारी करते हैं. अंसारी को दरभंगा जिले के संगठन का प्रभार मिला हुआ है. अपने पत्र में वे जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष के आदेश का हवाला दे रहे हैं. बर्खास्त किए गए दो नेताओं के नाम हैं पप्पू चौधरी और अनिल कुमार मिश्र. इन दोनों पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहने का आरोप लगाया गया है.

चौबीस घंटे में ही पार्टी अपने निर्णय से पलट जाती है. जेडीयू के प्रदेश महासचिव (मुख्यालय स्थापना) चंदन कुमार सिंह की प्रेस रिलीज जारी होती है जिसमें दोनों पीड़ित नेता की सदस्यता बहाल कर दी जाती है. इस पत्र में अब्दुल कय्यूम अंसारी के निर्णय को तत्काल प्रभाव से शून्य की मान्यता दी गई है. दिलचस्प है कि अंसारी के निर्णय को एकपक्षीय करार दिया गया है. चंदन कुमार सिंह ने अपने पत्र में कहा है कि दोनों नेताओं को अपना पक्ष रखने का मौका नहीं दिए जाना असंवैधानिक है. ध्यान देने की बात है कि महासचिव चंदन कुमार सिंह का पत्र पार्टी के अन्य महासचिव अब्दुल कय्यूम अंसारी को प्रेषित है.

पार्टी के इस असमंजस से जिले के जेडीयू कार्यकर्ता हतप्रभ हैं. उन्हें नहीं सूझ रहा ये क्या हो रहा. कोई इसे गुटबाजी बता रहा तो किसी को परदे के पीछे इलाके के बड़े नेताओं के वर्चस्व की कवायद नजर आ रही है. दूसरी तरफ गठबंधन संगबहिना आरजेडी ने शक्ति प्रदर्शन कर संकेत किया है कि दरभंगा लोक सभा सीट पर उनका दावा मजबूत है. सियासी गलियारों में हाल के कुछ वाकयों की चर्चा से भी इसे जोड़ा जा रहा है. साल 2023 के नवंबर महीने में जेडीयू जिला अध्यक्ष गोपाल मंडल के खिलाफ असंतोष भड़का. कई पार्टी नेताओं ने बैठक कर मौजूदा जिला अध्यक्ष को बदलने की मांग तक कर दी. उससे भी पहले साल 2023 के मई महीने में दरभंगा में आयोजित एक कार्यक्रम में तत्कालीन जेडीयू राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के सामने ही इलाके के दो स्वयंभू बड़े नेताओं के बीच की खट पट उजागर हो गई. दोनों नेताओं के उग्र समर्थक आमने सामने आ गए. मामला शांत करने के लिए ललन सिंह को मंच छोड़ कर नीचे कार्यकर्ताओं के बीच आ कर बैठना पड़ा.

अभी अभी जिला परिषद के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की कुर्सी गई है. वे अविश्वास प्रस्ताव नहीं झेल पाए. उपाध्यक्ष ललिता झा को जेडीयू का कट्टर समर्थक माना जाता है. लेकिन अंतर्कलह का स्वरूप देखिए कि ललिता झा की पराजय के पीछे .. अंतर्कथा की मानें तो एक और बड़े जेडीयू नेता का हाथ बताया जा रहा है.

दो पार्टी नेताओं को हटाने और रिइंस्टेट करने के संबंध में जब जेडीयू जिलाध्यक्ष गोपाल मंडल से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस प्रकरण से उनका कोई लेना देना नहीं है. न उन्होंने किसी को हटाया और न ही किसी की सदस्यता फिर से बहाल की है. इस प्रसंग में वे दूर दूर तक कहीं नहीं हैं. पार्टी के प्रदेश संगठन की ओर से जारी चार पत्र की महज उन्हें प्रतिलिपि मिली है. वो भी सूचनार्थ.

वे भले जो कहें.. जेडीयू के लिए राइटिंग ऑन द वॉल्स चिंता का सबब हैं.

By pnc

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