धरोहरों को बचाने एवं उन्हें पुनर्जीवित करने में बड़ा प्लेटफार्म है सरस मेला




29 दिसम्बर तक चलेगा सरस मेला

12 दिनों में लगभग 12 करोड़ 47 लाख 72 हजार रुपये के उत्पादों एवं व्यंजनों की खरीद– बिक्री

शिल्प, कलाकृतियाँ , लोक कला एवं देशी व्यंजनों की बड़े पैमाने पर खरीद-बिक्री

पटना- सरस मेला अब समापन की ओर अग्रसर है। 15 दिसंबर 2023 से जारी बिहार सरस मेला का 29 दिसंबर को समापन होना है।लिहाजा लोग जमकर खरीददारी कर रहे हैं। मेला में लोग अपनी संस्कृति, शिल्प, लोक कला , परंपरा एवं देशी स्वाद से रूबरू होने के लिए प्रतिदिन पधार रहे हैं। मेला 15 दिनों का है. 12 दिन में 8 लाख से अधिक लोग आए . ग्रामीण शिल्प,संस्कृति एवं लोक कला और देशी व्यंजनों के प्रति लोगों को आकर्षण इस बात का प्रमाण है कि लोग अपने पूरानी संस्कृति एवं परंपरा की ओर लौट रहे हैं. लिहाजा बिहार सरस मेला अपने धरोहरों को बचाने एवं उन्हें पुनर्जीवित करने में बड़ा प्लेटफार्म और माध्यम बना है ।बिहार सरस मेला बिहार ग्रामीण जीविकोपार्जन समिति (जीविका ) द्वारा आयोजित है. बिहार सरस मेला में बिहार समेत 22 राज्यों की स्वयं सहायता समूह से जुडी महिलायें हस्तशिल्प को लेकर 5 सौ से अधिक स्टॉल्स परउपस्थित हैं.

बिहार के सभी 38 जिला से 191 स्वयं सहायता समूह से जुडी ग्रामीण महिलाएं अपने-अपने क्षेत्र की संस्कृति, लोक कला,कलाकृतियाँ एवं देशी व्यंजनों को लेकर उपस्थित हैं । जहाँ स्टॉल धारक के साथ ही आगंतुक भी एक दुसरे के शिल्प , स्वाद, संस्कृति से परिचित हो रहे हैं. अन्य 22 जिलों से 66 स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिला उद्यमी भी हस्तशिल्प को लेकर उपस्थित हैं. 151 स्वरोजगारी भी विभिन्न स्टॉल पर उत्पादों को लेकर प्रस्तुत हैं. विभिन्न विभागों, संस्थानों एवं बैंको के 50 स्टॉल से विभिन्न योजनाओं  की जानकारी दी जा रही है. इसके साथ ही विभिन्न जिलों से उप विकास आयुक्त के माध्यम से आई महिला उद्यमी 50 स्टॉल पर भी हस्तशिल्प,कलाकृतियाँ एवं व्यंजनों की खरी-बिक्री कर रही हैं.

12 दिनों में लगभग 12 करोड़ 47 लाख 72 हजार रुपये के उत्पादों एवं व्यंजनों की खरीद – बिक्री हुई है. बिहार सरस मेला के आयोजन के 12 वे दिन 26 सितम्बर मंगलवार को 1 करोड़ 18 लाख 43 हजार रुपये के उत्पादों एवं व्यंजनों की खरीद-बिक्री हुई है । सरस मेला में सुसज्जित सभी स्टॉल पर उपलब्ध शिल्प, कलाकृतियाँ , लोक कला एवं देशी व्यंजनों की बड़े पैमाने पर खरीद-बिक्री हो रही है.

कई स्टॉल ऐसे हैं जहाँ प्रतिदिन 50 से 60 हजार रुपये से ज्यादा के उत्पादों एवं व्यंजनों की खरीद-बिक्री हो रही है. ओड़िसा के कटक जिला अंतर्गत बक्सी बाज़ार से आई हाजी अली स्वयं सहायता समूह की सदस्य आलिया बेगम ने अपने स्टॉल से अब तक 6 लाख रुपये से ज्यादा केपरिधानों की बिक्री की हैं. उनके स्टॉल से कॉटन, सिल्क एवं चंदेरी से बनी हुई सूट, साडी, दुपट्टा, कुर्ती मैटेरियल , चादर, तकिया कवर, सोफे कवर , आदि की बिक्री हो रही हैl सरस मेला में कैशलेश खरीददारी की व्यवस्था है.विभिन्न स्टॉल्स पर उपस्थित ग्रामीण परिवेश से बाहर निकलकर राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने वाली जीविका दीदियाँ बिहार में महिला सशक्तिकरण एवं स्वावलंबन की झलक प्रदर्शित कर रही हैं.सरस मेला के अन्य आकर्षणों में जीविका दीदियों द्वारा संचालित दीदी की रसोई, जीविका शिल्पग्राम एवं जीविका मधु ग्राम का स्टॉल है.

महिला विकास निगम और बिहार महिला उद्योग संघ के स्टॉल भी सुसज्जित हैं. बिहार जीविका द्वारा संचालित सतत जीविकोपार्जन योजना के स्टॉल से गरीबी उन्मूलन एवं स्वरोजगार के लिए किये जा रहे कार्यों की प्रदर्शनी एवं गरीबी रेखा से बाहर निकलकर सूक्ष्म उद्धमी के तौर पर पहचान बना रही जीविका दीदियों द्वारा गढ़े गए उत्पादों की बिक्री हो रही है.संध्या समय में सांस्कृतिक कार्यक्रम के तहत मुख्य मंच पर गायक शक्ति सिंह द्वारा “संदेशे आते हैं और दिल दिया है जान भी देंगे” की प्रस्तुति ने दर्शकों की वह वाही लुटी.

इससे पूर्व दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना अंतर्गत जीविका द्वारा रोजगार एवं प्रशिक्षण विषय पर लघु की प्रस्तुति की गई. नाटक में जीविका से संबद्ध स्वयं सहायता समूह की बैठक का क्रियान्वयन एवं गाँव के बेरोजगार युवक-युवतियों को रोजगार एवं मार्गदर्शन हेतु संचार बनाने की कला को प्रदर्शित किया गया. उसके बाद डान बास्को स्कुल की छात्राओं ने नागपुरी एवं क्लासिकल नृत्य की प्रस्तुति दी. छात्र-छात्राओं द्वारा होटल प्रबंधक को लेकर रैम्प वॉल्क भी पेश किया गया. प्रस्तुति देने वाले छात्र-छात्राओं में मुस्कान, सरिता, चांदनी, श्रुति, सीता एवं हिमाचल आदि रही. नुक्कड़ नाटक के तहत महिला एवं बाल विकास के तत्वाधान में प्रहरी संस्था के कलाकारों द्वारा द्वारा बाल विवाह एवं दहेज़ प्रथा उन्मूलन के साथ ही सामजिक कुरीतियों के निवारण हेतु दर्शकों को जागरूक किया.

सेमिनार हॉल में जीविका से संबद्ध महिला किसान उत्पादक कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के बीच एक्सपोजर परिभ्रमण कार्यक्रम के तहत जिलों में चल रही गतिविधियों पर चर्चा हुई. इस कार्यक्रम में बिहार के विभिन्न जिलो से आई महिला किसान उत्पादक कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने शिरकत की. इस कार्यक्रम के समन्वयक श्री देवेश कुमार, परियोजना प्रबंधक- मार्केटिंग एंड इनोवेशन,जीविका रहे. इसके बाद अटल इनोवेशन मिशन द्वारा स्टार्टअप ओ लेकर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया.फन ज़ोन, फ़ूड जोन , पालना घर एवं बाइस्कोप के प्रति आगंतुकों का आकर्षण बना हुआ है. सरस मेला परिसर में विभिन्न स्थानों पर बने सेल्फी ज़ोन पर लोग अपने परिजनों के साथ फोटोग्राफी कर रहे हैं.

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By pnc

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