पटना।। एक बार फिर बिहार के राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर ने शिक्षा विभाग के कार्यकलापों पर सवाल उठाते हुए बिहार सरकार से तुरंत कार्रवाई करने को कहा है. पिछले दिनों बिहार के एक पूर्व एमएलसी का पेंशन रोके जाने और अन्य लोगों पर कार्रवाई की बात को लेकर राजभवन की ओर से बिहार के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी को पत्र भेजा गया है, जिसमें बिहार का शैक्षणिक माहौल खराब करने का आरोप लगाते हुए तुरंत एक्शन लेने को कहा गया है.
राजभवन ने शिक्षा विभाग के आदेशों को असंवैधानिक बताते हुए कड़ी आपत्ति दर्ज की है. बिहार में शिक्षा विभाग द्वारा लगातार जारी किए जा रहे विवादित आदेशों को लेकर राज्यपाल आर विश्वनाथ अर्लेकर ने शिक्षा विभाग के द्वारा कई आदेशों को बिहार की शिक्षा व्यवस्था के लिए खतरनाक बताते हुए उसे रद्द करने की सिफारिश की है. राजभवन ने इन आदेशों को असंवैधानिक और विश्वविद्यालय अधिनियम के खिलाफ बताया है. राज्यपाल ने प्रधान सचिव रॉबर्ट एल चोंग्थु ने मुख्य सचिव आमिर सुबहानी को पत्र लिखा है
बता दें कि केके पाठक के निर्देश पर शिक्षा विभाग ने एम एल सी का वेतन रोकने सहित अन्य कार्रवाई की है. उसको लेकर राजभवन की ओर से मुख्य सचिव को पत्र लिखकर असंवैधानिकऔर अलोकतांत्रिक बताया है. राजभवन ने यहां तक कहा कि इन आदेशों से ऐसा प्रतीत होता है कि शिक्षा विभाग राज्य के शैक्षणिक माहौल को बर्बाद करना चाहता है.
बीते 19 दिसंबर को बिहार के 15 विधान पार्षदों ने राज्यपाल से मिलकर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक की शिकायत की थी. शिकायत करने वालों में सबसे ज्यादा विधान पार्षद सत्तापक्ष के ही थे. विधान पार्षदों ने कहा था कि केके पाठक अब विधान पार्षदों पर भी कार्रवाई कर रहे हैं. माना जा रहा है कि विधान पार्षदों की शिकायत मिलने के बाद राजभवन ने मुख्य सचिव को इस बारे में एक्शन लेने को कहा है.
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