सांसदों पर कार्रवाई तानाशाही रवैया – भोला यादव
विपक्षविहीन संसद देखना चाहती मोदी सरकार ? – कुमार गौरव
जल्द वापस हो निलंबन का निर्णय – उदय शंकर
गृह मंत्री से बयान का आग्रह कब से हुआ अपराध – प्रिंस राज
कांग्रेस के नेता शरीक नहीं, अलग से किया प्रदर्शन
संजय मिश्र,दरभंगा
सांसदों के एकमुश्त निलंबन से इंडिया का विपक्ष आग बबूला है. खफा इतना कि आई एन डी आई अलायंस के घटक दलों के नेताओं ने शुक्रवार 22 दिसंबर 2024 को देशव्यापी विरोध जता कर लोकतंत्र की रक्षा करने का संकल्प व्यक्त किया. बिहार में आरजेडी की अगुवाई में महागठबंधन के घटक दलों के नेताओं ने हुंकार भरी. दरभंगा में पोलो ग्राउंड से नेता और कार्यकर्ता प्रदर्शन करते हुए लहेरियासराय टावर स्थित गांधी प्रतिमा के पास जमा हुए.विरोध, आलोचना और विपक्ष के होने की इनने अहमियत बताई. पूर्व केंद्रीय मंत्री अली अशरफ फातमी ने कहा कि बिना इसके लोकतंत्र सूना सा है. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की विदाई चाहने वालों की जनता कर देगी विदाई.
लालू के खासमखास भोला यादव ने कहा कि सांसदों पर कार्रवाई तानाशाही रवैया का प्रदर्शन है. विपक्ष के साथ लोचपूर्ण संबंध की संसदीय परिपाटी से दूर जा रही है मोदी सरकार. असहनशील व्यवहार में लोकतांत्रिक मर्यादा का क्षरण के खतरे को समझे केंद्र सरकार.कुमार गौरव ने सवाल किया कि क्या विपक्षविहीन संसद देखना चाहती मोदी सरकार ? ऐसे में तो इंडिया कि संविधानिक व्यवस्था चरमरा जाएगी! उन्होंने याद दिलाया कि संसदीय व्यवस्था का सौंदर्य है विपक्ष.
आरजेडी जिलाध्यक्ष उदय शंकर यादव ने सभापति और स्पीकर से आग्रह किया कि कार्रवाई की जद में आए जनप्रतिनिधियों की सांसदी जल्द से जल्द लौटा कर गरिमामय वातावरण का निर्माण हो. उन्होंने सवाल किया कि 1200 करोड़ में बने नए संसद भवन की सुरक्षा पर सवाल खड़े किया जाना गुनाह है क्या? प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को सदन में सुरक्षा मे त्रुटि के लिए अपना जवाब देना था. लेकिन तुगलकी फरमान के जरिए एक-एक करके विपक्षी सांसदों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया. जिला अध्यक्ष उदय शंकर यादव ने समर्थकों की भीड़ को देख उत्साहित होकर शायराना अंदाज में बोला कि – मिट जायेगा ये तानाशाही का बीजेपी का ये रंग, देख ले बीजेपी के लोग, चल दिए हैं लोग अब इंडिया गठबंधन के संग. यास्मीन खातून और स्वाति देव ने भी निलंबन जल्द वापसी की वकालत की.
भाकपा(माले) नेता प्रिंस राज ने कहा कि गृह मंत्री से बयान का आग्रह कब से अपराध की श्रेणी में आ गया. संसद के भीतर हुए धुआं बम कांड पर गृह मंत्री से वक्तव्य की ही तो सांसद मांग कर रहे थे. असल में बीजेपी विपक्षमुक्त संसद और विरोध मुक्त सड़कें चाहती है. लेकिन वह अपने मंसूबे में कामयाब नहीं हो पाएगी.
कांग्रेस के नेताओं का इस पदयात्रा में शामिल नहीं होना चर्चा का विषय बना रहा. कांग्रेस नेता दयानन्द पासवान ने कहा कि दरभंगा महागठबंधन में समन्वय का अभाव रहा है. कांग्रेस पार्टी ने 146 सांसदों के निलंबन मामले पर एआईसीसी के निर्देश के अनुरूप विरोध और प्रदर्शन किया. जिलाधक्ष सीताराम चौधरी की अध्यक्षता में कांग्रेस वर्कर पार्टी ऑफिस से निकले और पैदल चलते हुए गांधी प्रतिमा तक पहुंचे. पार्टी नेताओं ने मोदी सरकार में लोकतंत्र पर खतरे के प्रति आगाह किया.