पूर्वी क्षेत्रीय परिषद (ईजेडसी) की 26वीं बैठक
वर्ष 2010 से ही बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जा की माँग कर रहे हैं –नीतीश
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज (10 दिसंबर) पटना में पूर्वी क्षेत्रीय परिषद (ईजेडसी) की 26वीं बैठक की अध्यक्षता की. बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और अन्य सदस्य राज्यों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए.बैठक में कई छोटे मोटे अनाजों के लिए न्यूनतम मूल्य, बुनियादी ढांचे का निर्माण, जल बंटवारा आदि जैसे कई मुद्दों पर चर्चा की गई. पूर्वी क्षेत्रीय परिषद में बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और झारखंड राज्य शामिल हैं.यह पहली बार था कि अगस्त 2022 में जदयू द्वारा भारतीय जनता पार्टी (BJP) को पछाड़कर राज्य में ग्रैंड अलायंस (महागठबंधन) सरकार बनाने के बाद अमित शाह और नीतीश कुमार ने बिहार में मंच साझा किया.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज बिहार के पटना में पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की 26वीं बैठक की अध्यक्षता की. बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और ओडिशा, पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड के वरिष्ठ मंत्री शामिल हुए. बैठक में अंतर-राज्य परिषद सचिवालय के सचिव, सदस्य राज्यों के मुख्य सचिव, राज्य सरकारों और केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे. बिहार में कराए गए जाति आधारित सर्वे को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने संबोधन में कहा कि जब उनकी पार्टी बिहार में सत्ता में थी तो उन्होंने जाति आधारित सर्वे का समर्थन किया था. उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने भी विधेयक को मंजूरी दे दी है. उन्होंने कहा कि जाति सर्वेक्षण को लेकर कुछ मुद्दे हैं, उन्हें उम्मीद है कि राज्य सरकार उनका समाधान करेगी. गृह मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार का कभी भी जाति आधारित सर्वेक्षण में बाधा उत्पन्न करने का कोई इरादा नहीं था.
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि यह खुशी की बात है कि आज पूर्वी क्षेत्रीय परिषद् की 26वीं बैठक पटना में आयोजित हो रही है.इस बैठक में मैं केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह जी का अभिनंदन एवं स्वागत करता हूँ जो इस बैठक की अध्यक्षता कर रहे हैं. इस बैठक में आये हुये अन्य तीनों राज्यों के प्रतिनिधिगण तथा अन्य लोगों का स्वागत एवं अभिनंदन करता हूँ.हम वर्ष 2010 से ही बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जा की माँग कर रहे हैं. बिहार बहुत ही ऐतिहासिक राज्य है, लगातार विकास के बाद भी बिहार विकास के मापदंडों में राष्ट्रीय औसत से काफी नीचे है. बिहार, विशेष राज्य के दर्जे की सभी शर्तों को पूरा करता है. अब तो जाति आधारित गणना में गरीबी एवं पिछड़ेपन के आँकड़े भी इसका समर्थन करते हैं.हम उम्मीद करते हैं कि बिहार को विशेष राज्य के दर्जा देने के बारे में आप जरूर सोचेंगे.
PNCDESK