देश की पहली शीतकालीन कार्य योजना बिहार में बनेगी
आपदा प्रबंधन प्राधिकरण व आईआईपीएच, गांधीनगर के सहयोग से बनेगी कार्य योजना
प्राधिकरण और आईआईटी, पटना के सहयोग से विकसित किए जा रहे वियरेबल इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस
शीतलहर कार्य योजना पर कार्यशाला का आयोजन
पटना: बिहार राज्य आपदा प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ. उदय कान्त ने सभी हितधारकों को नव तकनीक के माध्यम से स्थित लहर से बचाव के लिए कार्य करने की योजना पर बल दिया. उन्होंने कहा की ठंड और गर्मी की वजह से लोग नहीं मरते. लोग मरते हैं संसाधनों के अभाव की वजह से. यह जानना ज्यादा जरूरी है कि संसाधनों की कमी से आखिर मौत कैसे होती है? मौसम में जो जरूरी परिवर्तन हो रहे हैं उसके अनुसार हमारी तैयारी भी होनी चाहिए और उसके लिए सभी को मिलकर एक प्लान जरूर बनना चाहिए. शीतलहर आने पर क्या करें इसकी तैयारी, होती है जबकि जरूरत है कि शीतलहर आने से पहले हम क्या करें उसके बारे में अपना प्लान बनाएं.
उन्होंने पारंपरिक तरीकों के साथ-साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग के जरिये इस क्षेत्र में कार्य करने की आवश्यकता जताई. उपाध्यक्ष डॉ. उदय कान्त ने कहा कि संसाधनों के अभाव और तैयारी की कमी से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है जिसके लिए समयपूर्व तैयारी पर खास ध्यान देना चाहिए. बिहार राज आपदा प्रबंधन प्राधिकरण व इंडियन इंस्टीट्यूट आफ पब्लिक हेल्थ गांधीनगर के तत्वाधान में शीतलहर कार्य योजना पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन होटल पनास, पटना में किया गया.
शीतलहर से बचाव और कार्य योजना कार्यान्वयन के सापेक्ष बृहद चर्चा के साथ प्राधिकरण के प्रयास से यूनिसेफ, बिहार राज प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड, समाज कल्याण विभाग, सूचना एवं प्रसारण विभाग, शिक्षा विभाग, ऊर्जा विभाग, जीविका और स्वास्तिक के प्रतिनिधियों सहित एन कॉलेज पटना के 20 से अधिक छात्र इस मौके पर उपस्थित रहे. इस कार्यक्रम में शीतलहर के बचाव हेतु समूह गतिविधियों के माध्यम से परिचर्चा का आयोजन किया गया. जिसमें बिहार में शीत लहर से बचाव के लिए क्या किया जाए इस पर मेधोमंथन के द्वारा जानकारी इकट्ठा की गई.
कार्यक्रम का स्वागत वक्तव्य देते हुए सचिव मीनेंद्र कुमार ने कहा कि बिहार में शीतलहर हर वर्ष अपना गहरा प्रभाव डालता है इस आपदा से बचाव के लिए नीतियों का निर्धारण वह इसका कार्यान्वयन बहुत जरूरी है, इसके लिए सभी हितधारकों को साथ आकर कार्य करना होगा.सदस्य पी. एन. राय ने संबोधित करते हुए कहा कि विभाग क्या करें यह निर्णय बहुत जरूरी है. प्राधिकरण आपको टेक्निकल सहायता प्रदान कर सकता है जिसमें शीत लहर में प्रभावी रूप से कार्य किया जा सकता है.
माननीय सदस्य मनीष कुमार वर्मा ने आपदा पूर्ण जानकारी देने वाले टूल की जानकारी देते हुए शीतलहर के क्षेत्र में भी इसी तरह कार्य करने पर बल दिया. डॉ अनिस सिन्हा और डॉक्टर एस. यसोबंत ने प्राधिकरण के सहयोग से शीतलहर से बचाव हेतु कार्य योजना के सापेक्ष जानकारी साझा की. मौसम सेवा केंद्र के डॉ सी एन प्रभु ने शीतलहर और मौसम के बदलते स्वरूप पर प्रजेंटेशन के माध्यम से प्रस्तुति दी. एस. एन. जायसवाल ने जलवायु परिवर्तन वायु प्रदूषण पर अपने विचार साझा किया. प्राधिकरण के सदस्य मनीष कुमार वर्मा ने प्राधिकरण और आईआईटी, पटना के सहयोग से विकसित किए जा रहे वियरेबल इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की विस्तार से चर्चा की. इसकी मदद से आम जन तक आपदा पूर्व चेतावनी समय रहते दी जा सकेगी.
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान के पूर्व वरीय सलाहकार अनूप कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि बिहार पहला राज्य है, जो कोल्ड एक्शन प्लान बनाने जा रहा है. जलवायु परिवर्तन एक बड़ी समस्या के रूप में हमारे सामने है. मौसम का पैटर्न अचानक से बहुत तेजी से बदल रहा है. भयंकर शीतलहरी के दुष्परिणाम अत्यंत की घातक हैं, जो हमारी सेहत पर खतरनाक असर डालते हैं. इस कार्यक्रम में मंच का संचालन प्राधिकरण के वरीय सलहकार डॉक्टर अनिल कुमार ने किया.
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