दुल्हनिया ढूंढने वाले को पांच हजार का इनाम
बिहार में दो फुट का अद्भुत घोड़ा मेले में आया
सोनपुर मेले की शान बना दो फीट का बादल
विश्व प्रसिद्ध सोनपुर का हरिहर क्षेत्र मेला मशहूर है. इस मेले में दो फुट के घोड़ा के लिए कोई 20 लाख तो कोई पांच सोने की चेन तक देने को तैयार है. लेकिन इसका मालिक इसे किसी को बेचना नहीं चाहता. उसका कहना है कि वो अपने दो फुट के घोड़े से बेइंतहा प्यार करता है, इसलिए इसे देख लो या छू लो, लेकिन खरीदने की मत सोचना. मेले में हर वर्ष कुछ ऐसा जरूर आता है जो कौतूहल का विषय बन जाता है. अब इसी कड़ी में सोनपुर मेला 2023 में दो फीट का घोड़ा ‘बादल’ लोगों को अपनी ओर जबरदस्त तरीके से आकर्षित कर रहा है.
इस बादल की चर्चा इतनी जबरदस्त है कि कोलकाता सहित अन्य जगहों से लोग बादल को देखने सोनपुर मेले में आ रहे हैं. लोग बादल से मिलने के बाद इसके साथ सेल्फी लेकर खुद को खुशनसीब महसूस कर रहे हैं. इस सब के पीछे कारण है बादल की अद्भुत साइज. अमूमन घोड़े लंबे चौड़े ही होते हैं, ऐसे घोड़ों की पूछ भी ज्यादा होती है. लेकिन ठीक इसके उलट बादल महज 2 फीट का है, जो लोगों की जिज्ञासा की वजह भी बना हुआ है. वजह ये है किस आज से पहले किसी ने दो फीट का ऐसा अद्भुत घोड़ा नहीं देखा था.
फिलहाल तो बादल सोनपुर मेले की शान बना हुआ है. बादल बिहार के सहरसा से सोनपुर पहुंचा है. इसके मालिक हैं भट्टन महतो. बादल के एक शौकीन ने तो इसकी कीमत 20 लाख रुपए और 5 सोने की चेन तक लगा दी. लेकिन बादल से प्यार करने वाले इसके मालिक ने बेचने से इनकार कर दिया. उनका कहना है कि वो बादल को प्रदर्शनी के लिए लाए हैं, ये बेचने के लिए है ही नहीं. इतना ही नहीं बादल के मालिक भट्टन महतो सोनपुर मेले में बादल की शादी के लिए एक घोड़ी की तलाश में जुट गए हैं. हालांकि उनकी तलाश अब तक अधूरी है. इस तलाश को पूरा करने वाले के लिए उन्होंने ₹5,000 का इनाम भी रखा है.
वहीँ आंध्र प्रदेश के काकीनाडा में एक वैद्य ने 14 साल के अथक परिश्रम के बाद पुंगनूर गाय में नस्ल सुधार किया है. पुंगनूर को सबसे छोटी गाय का दर्ज प्राप्त है. इस वैद्य ने नस्ल सुधार के बाद ढाई फीट की पुंगनूर गाय विकसित की है. इस गाय का नाम उन्होंने मिनिएचर पुंगनूर रखा है. वैसे पुंगनूर की सामान्य ऊंचाई तीन से पांच फीट के बीच होती है. जबकि मिनिएचर पुंगनूर की ऊंचाई ढाई फीट तक है. नस्ल सुधार के बाद तैयार इस ब्रीड को विकसित करने वाले वैद्य का नाम है डॉ. कृष्णम राजू. डॉ. राजू गौशाला चलाते हैं और इस गौशाला का नाम नाड़ीपति गोशाला है