एटीएफ वैट घटाने के केंद्रीय मंत्री के आग्रह को बिहार सरकार ने किया अनसुना – सांसद
बिहार सरकार एयर टरबाइन फ्यूल पर देश में सर्वाधिक वैट लेती है
दरभंगा एयरपोर्ट से यात्री किराए पर केंद्र और राज्य में तकरार
संजय मिश्र.दरभंगा
एम्स के बाद अब दरभंगा एयरपोर्ट पर राजनेताओं में तकरार बढ़ गई है. इसके दो प्रमुख पात्र सामने हैं. नीतीश सरकार में नंबर 2 की हैसियत रखने वाले संजय झा और दरभंगा के सांसद गोपालजी ठाकुर. जेडीयू नेता संजय झा सिंचाई मंत्री हैं और सियासी गलियारों के संकेत के अनुसार वे दरभंगा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के आकांक्षी हैं. जबकि बीजेपी नेता गोपालजी ठाकुर सीटिंग एमपी हैं. गोपालजी को उम्मीद है कि बीजेपी साल 2024 लोकसभा चुनाव में उन्हें बरकरार रखेगी. दरभंगा पर पैनी नजर रखने वाले राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक एम्स निर्माण ठप होने के अलावा दरभंगा एयरपोर्ट से सफर करने में यात्री किराया बहुत ज्यादा होना मुद्दा बनेगा.
ये सही है कि देश के कई एयरपोर्ट की तुलना में त्योहारों के समय दरभंगा से विमान सेवा का लाभ लेना महंगा सौदा है. दरभंगा एयरपोर्ट की लोकेशन ऐसी है कि उस पर बिहार और नेपाल के करीब 20 जिले के निवासियों का बोझ पड़ता है. और इन इलाकों से सघन पलायन होता है. लेकिन सियासी रसाकस्सी के कारण किराया पर नियंत्रण के उपाय नहीं खोजे जाते. पलायन तो झटके में रुकने वाला नहीं. तो नाइट लैंडिंग फैसिलिटी की विकसित व्यवस्था और ए टी एफ पर लगने वाले वैट के जरिए किराया कम हो सकता है. बिहार सरकार से जुड़े लोग केंद्र पर ठीकरा फोड़ते हैं. चप्पल वाला हवाई जहाज पर चढ़ेगा जैसे पीएम मोदी के सपने का उपहास उड़ाते हैं. तो बीजेपी नीतीश सरकार द्वारा वसूले जाने वाले वैट की याद दिलाती है. महज 1 प्रतिशत वैट लेने की बात गठबंधन नेता करते हैं. खास इशारा संजय झा पर है. फिलहाल वैट को लेकर बयानबाजी तेजी से छिड़ी हुई है.
गुरुवार को दरभंगा सांसद गोपालजी ठाकुर ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बिहार सरकार पर आरोप लगाया कि नीतीश सरकार की गलत नीतियों के कारण यहां से विमान सेवा बेहद महंगी है. उन्होंने कहा है कि दरभंगा सहित बिहार के अन्य एयरपोर्ट पर एयर टरबाइन फ्यूल (एटीएफ) में राज्य सरकार की ओर से वसूले जा रहे सर्वाधिक वैट को लेकर गलत बयानी की जा रही है. उन्होंने कहा कि दरभंगा एयरपोर्ट से आरसीएस फ्लाइट के एटीएफ पर ही सिर्फ एक प्रतिशत वैट लगता है, बाकी सभी फ्लाइट पर एटीएफ में बिहार सरकार 29 प्रतिशत वैट वसूलती है. उन्होंने कहा कि आरसीएस फ्लाइट के तहत स्पाइसजेट की ओर से दरभंगा-दिल्ली, दरभंगा-बैंगलुरु, दरभंगा-मुंबई के बीच सिर्फ एक फ्लाइट की उड़ान पर एटीएफ में एक प्रतिशत वैट लगता है. बाकि इंडिगो सहित स्पाइसजेट के अन्य सभी फ्लाइट के एटीएफ पर राज्य सरकार 29% वैट वसूलती है.
सांसद गोपालजी ठाकुर ने कहा है कि केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बिहार सहित कई अन्य राज्यों से एटीएफ पर वैट कम करने का बारंबार आग्रह किया. लेकिन कई राज्य सरकारें इस अनुरोध के तहत रियायत देने को तैयार नहीं हैं. नतीजतन यात्री किराया कम नहीं हो पाता.
सांसद ने बताया है कि दिनांक 18 अक्टूबर 2022 को राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के नागरिक उड्डयन मंत्रियों के सम्मेलन में बिहार सहित कई राज्यों से एटीएफ पर वैट कम करने का अनुरोध किया गया था. सांसद ने तथ्यों को साझा करते हुए याद दिलाया है कि केंद्रीय मंत्री ने बिहार के मुख्यमंत्री को दिनांक 25 अगस्त 2021, 31 दिसंबर 2021 और 26 जून 2023 को पत्र के माध्यम से भी बिहार में एटीएफ पर वैट कम करने का विशेष आग्रह किया था.उन्होंने कहा है कि केंद्रीय मंत्री सिंधिया के लगातार अनुरोध के बाद हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, त्रिपुरा, अंडमान निकोबार द्वीप समूह, लद्दाख, जम्मू कश्मीर सहित कई अन्य राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों ने एटीएफ पर वैट को कम किया लेकिन बिहार सरकार अभी तक तैयार नहीं है.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार व उनके नेता भ्रामक बयानबाजी कर मिथिला वासियोंं को ठग रहे हैं. जबकि बिहार सरकार द्वारा दरभंगा सहित बिहार के सभी एयरपोर्ट से एटीएफ पर लगातार 29% वैट वसूला जा रहा है. यहां तक कि राज्य सरकार के नेता सोशल मीडिया व अन्य माध्यमों से अनर्गल बयानबाजी का सहारा लेते हुए पत्रकारों तक पर ओछी टिप्पणी करने का अभियान जारी रखे हैं.
सांसद गोपालजी ठाकुर ने भरोसा जताया है कि पीएम मोदी के नेतृत्व एवं विभागीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की कार्य कुशलता में दरभंगा एयरपोर्ट का सर्वांगीण विकास होगा. उन्होंने कहा कि लगभग 916 करोड़ की लागत से अत्याधुनिक दरभंगा एयरपोर्ट का निर्माण होगा. विभागीय प्रक्रिया अंतिम चरण में है. उन्होंने कहा कि सीमित संसाधन के वाबजूद दरभंगा एयरपोर्ट से 17 लाख यात्रियों ने हवाई सेवा का लाभ लिया है. लेकिन राज्य सरकार के जलन के कारण दरभंगा एयरपोर्ट के विस्तार में काफी विलंब हुआ है. उन्होंने कहा कि शिलान्यास के बाद भी 78 एकड़ जमीन देने में ही राज्य सरकार ने लगभग पांच वर्ष का समय लगाया.