मल्टी सर्विस सेंटर के तौर पर विकसित होंगे पैक्स, मिलेंगी तमाम सुविधाएं

पटना।। बिहार में पैक्सों को Common Service Centre के रूप में विकसित कर सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों और ग्रामीण जनता को 300 से अधिक प्रकार की सेवाएँ जैसे आधार कार्ड, जाति, आय, आवासीय प्रमाण पत्र, रेल, बस, हवाई टिकट से संबंधित सेवाएं ऑन-लाइन आवेदन के माध्यम से उपलब्ध कराने की तैयारी हो रही है. इसी तरह किसान समृद्धि केन्द्र के माध्यम से मिट्टी जाँच केन्द्र, वर्मी कम्पोस्ट खाद, बीज इत्यादि के उपलब्धता उचित दर पर इफको एवं कृभकों के माध्यम से पैक्सों में सुनिश्चित किया जा रहा है.

पैक्स में उपलब्ध होने वाली इन तमाम सुविधाओं को लेकर पटना के ऊर्जा ऑडिटोरियम में सहकारिता विभाग की ओर से कार्यशाला का आयोजन हुआ जिसमें सहकारिता मंत्री डॉ सुरेंद्र प्रसाद यादव और विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह समय तमाम अधिकारी भी मौजूद रहे.




इस बारे में सहकारिता विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने बताया कि सभी जिलों के सर्वश्रेष्ठ 05 पैक्सों के अध्यक्ष, प्रबंधक एवं कार्यकारिणी के दो सदस्यों को आमंत्रित किया गया. कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य पैक्सों में पारंपरिक व्यावसायिक गतिविधियों यथा खाद्यान्न अधिप्राप्ति एवं खाद व्यवसाय के अतिरिक्त बहुत सारी व्यावसायिक गतिविधियों के संबंध में प्रशिक्षण दिया गया. उन्होंने कहा कि सर्वप्रथम राज्य के सर्वश्रेष्ठ पैक्सों हेतु मुख्यालय स्तर पर कार्यशाला आयोजित किया गया है. दूसरे चरण में प्रमंडल स्तर पर पैक्सों के अध्यक्ष प्रबंधक एवं कार्यकारिणी के सदस्यों को प्रशिक्षित किया जायेगा तथा तीसरे चरण में जिला स्तर पर इसी तरह का कार्यशाला आयोजित कर पैक्स प्रतिनिधियों को बहुद्देशीय व्यावसायिक सस्था के रूप में विकसित करने हेतु प्रशिक्षित किया जाएगा.

कार्यशाला में पैक्सों को बहुद्देशीय व्यावसायिक संस्था के रूप में पैक्स प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण दिया गया. बदलते वैश्विक परिप्रेक्ष्य में पैक्स को अधिक से अधिक गतिशील बनाने एवं तकनीकी रूप से सक्षम बनाने हेतु पैक्स प्रतिनिधियों को जानकारी दी गई. दीपक कुमार सिंह ने बताया कि पैक्सों को Common Service Centre के रूप में विकसित करने के साथ व्यावसायिक विकास हेतु ग्रामीण क्षेत्रों में LPG Petrol एवं Diesel आउटलेट के रूप में Indian Oil, Bharat Petroleum एवं Hindustan Petroleum के सहयोग से पैक्सों को आरक्षण के तहत Distributorship देने का निर्णय लिया जा चुका है. इसके अतिरिक्त राज्य के 190 पैक्सों में जन औषधि केन्द्र की स्थापना की जा रही हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय स्तर पर जीवन रक्षक दवाओं की उपलब्धता उचित मूल्य पर सुनिश्चित किया जा सके.

उन्होंने कहा कि पैक्सों को Multi Service Center के रूप में विकसित करने हेतु मॉडल बाई-लॉज विकसित किया गया है, जिसे जल्द ही सभी पैक्सों को उपलब्ध कराया जाएगा. लेखांकन एवं समिति के कार्यों को पारदर्शी बनाने हेतु सभी पैक्सों में कम्प्यूटराईजेशन का कार्य किया जा रहा है. इसके माध्यम से पैक्सों का कार्य एवं सभी संचालित योजनाओं का उचित प्रबंधन एवं अनुश्रवण किया जा सकेगा. पैक्सों को जिला केन्द्रीय सहकारी बैंको के व्यावसायिक सहयोगी (Business Correspondent) के रूप में विकसित किये जाने हेतु आवश्यक कदम उठाये जा रहे है. ताकि स्थानीय स्तर पर बैंक में संचालित विभिन्न योजनाओं का लाभ हितधारकों तक पहुँचाया जा सके बैंको के कार्मिकों की नियुक्ति में पारदर्शिता लाने हेतु IBPS से प्रतियोगिता परीक्षा के आधार पर चयनित 31 सहायक प्रबंधकों को नियुक्ति पत्र दिया गया। इसके अतिरिक्त पैक्सों में किसान उत्पादक संगठन (FPO) का गठन राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (NCDC) के सहयोग से कराया जा रहा है. जिसका मुख्य उद्देश्य कृषि उत्पादन में समग्र वृद्धि करते हुए सदस्यों को अधिक से अधिक कृषि इनपुट का लाभ दिया जा सके एवं पैक्सों में व्यावसायिक गतिविधियों को मजबूत किया जा सके

उपस्थित सभी पैक्स प्रतिनिधियों को आपदा की स्थिति में फसल नुकसान की भरपाई के संबंध में राज्य सरकार द्वारा संचालित बिहार राज्य फसल सहायता योजना जानकारी दी गई. इस योजना के अन्तर्गत फसल की क्षति के आधार पर प्रति हेक्टेयर रू. 7500 एवं रु. 10,000 की दर से अधिकतम दो हेक्टेयर के लिए रू. 15,000 एवं रु. 20,000 क्षतिपूर्ति राशि देने का प्रावधान है.

कार्यशाला में सहकारिता विभाग से संबंधित विकसित किए गए Audit APP, CCIS APP. विभाग के पदाधिकारियों के कार्यों के मूल्याकन हेतु मूल्यांकन APP एवं किसानों को वित्तीय कार्यों में सुगमता लाने हेतु Merchant Banking QR Code APP का लोकार्पण किया गया.

pncb

By dnv md

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