पटना एम्स में जल्द ही नेत्र बैंक की स्थापना होगी : डॉ पॉल
फुलवारी शरीफ,(अजीत) : पटना एम्स में नेत्र बैंक की स्थापना होगी या घोषणा एम्स के निदेशक डॉक्टर गोपाल क्रुष्ण पाल ने शुक्रवार को एम्स में नेत्रदान को बढ़ावा देने के लिए आयोजित कार्यक्रम में कहीं . दरअसल, एम्स पटना के नेत्र विज्ञान विभाग द्वारा बुधवार को 38वें राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा (25 अगस्त 2023 से 8 सितंबर 2023) के दौरान आयोजित नेत्रदान जागरूकता कार्यक्रम चलाया गया.
एम्स निदेशक डॉ जी के पॉल ने बताया की नेत्रदान को बढ़ावा देने और आम जनता को नेत्रदान के महत्व के बारे में जागरूक करने के लिए एम्स पटना के नेत्र विज्ञान विभाग द्वारा ओपीडी फ़ोयर में एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. डॉ. पाल ने जरूरतमंद कॉर्नियल ब्लाइंड रोगियों के लिए प्रतीक्षा अवधि को कम करने के लिए नेत्र दान को सक्रिय रूप से बढ़ावा देने के लिए आम जनता को आगे आने की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने यह भी घोषणा की कि आम जनता के लाभ के लिए प्राथमिकता के आधार पर एम्स पटना में नेत्र बैंक की स्थापना की जाएगी.
इस जागरूकता कार्यक्रम में ट्रॉमा सर्जरी के एचओडी डॉ. अनिल कुमार के मार्गदर्शन में एक दिल छू लेने वाली नाटिका का मंचन किया गया, जिसे खूब सराहा गया. नेत्र दान की वर्तमान स्थिति और इसके मिथकों और उपचारों के बारे में एक जागरूकता वार्ता डॉ. प्रभाकर सिंह द्वारा दी गई. नेत्रदान को बढ़ावा देने के लिए और नेत्रदान से संबंधित मिथकों के निवारण के लिए नेत्र रोग विभाग के रे जिडन् स द्वारा बनाए गए पोस्टर और नारे प्रदर्शित किए गए जिसकी व्यापक रूप से सराहना की गई.
इस अवसर पर डीन (अकादमिक) प्रो. (डॉ.) उमेश कुमार भदानी, चिकित्सा अधीक्षक प्रो. (डॉ.) सीएम सिंह, डीन (परीक्षा) प्रो. (डॉ.) अनुप कुमार और उप निदेशक प्रशासन, नीलोत्पल बल ने भी नेत्रदान को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर अपने विचार व्यक्त किये. इस अवसर पर नेत्र रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अमीत राज ने नेत्रदान जागरूकता कार्यक्रम के दौरान आम जनता के बीच जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए विभाग द्वारा चलाए जा रहे निरंतर रोगी जागरूकता कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी.
इस कार्यक्रम का संचालन नेत्र रोग विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. अमित कुमार ने किया और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. सोनी सिन्हा ने किया. इस कार्यक्रम में नेत्र विभाग के डॉ. भवेश चंद्र साहा, एसोसिएट प्रोफेसर, डॉ. देव कांत, एसोसिएट प्रोफेसर, रेजिडेट्स और कर्मचारियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया.