आरा में मो. रफी की याद में ‘तुम मुझे यूं भुला ना पाओगे…’कार्यक्रम आयोजित




व्यू प्वाइंट के तत्वावधान मशहूर पार्श्व गायक मो. रफी की याद में फिल्म संगीत का कार्यक्रम

फिल्म संगीत के क्षेत्र में उनके महत्वपूर्ण योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है:शमशाद प्रेम

नागरी प्रचारिणी सभागार में व्यू प्वाइंट के तत्वावधान मशहूर पार्श्व गायक मो. रफी की याद में फिल्म संगीत का कार्यक्रम ‘तुम मुझे यूं भुला ना पाओगे…आयोजित किया गया. इसमें लगभग डेढ़ दर्जन कलाकारों ने 30 गानों की प्रस्तुति की. कार्यक्रम का उद्घाटन गायक धर्मेन्द्र कुमार, रमेश कुमार, मो. अनवर अंसारी, इकबाल इल्मी, राजकुमार, गायिका अंजली भारदाज, और रजनी शाक्या ने दीप जलाकर और रफी साहब की तस्वीर माल्यार्पण कर किया.

धर्मेन्द्र कुमार ने तुम मुझे यूं भुला ना पाओगे… गीत से कार्यक्रम की शुरुआत की.तदोपरांत मनव्वर अंसारी ने ये दुनिया ये महफिल मेरे…, ऋषिका शमी ने अजी रूठकर अब कहां…, राजा राम शर्मा ने अंखियन संग अखियां…, रमेश कुमार ने दिल का सुना साज तराना…, मो. फैजान ने चलो रे डोली उठाओ…, शमशाद ने जल्दी-जल्दी चल रे कहरा…,अलका शरण ने न झटको जुल्फ से पानी… को बखूबी गाया। वहीं सुनीता पांडेप ने तेरा मेरा प्यार अमर…, रजनी शाक्या वे मेरे ढोलना सुन.. सृष्टि ने छाप तिलक सब छीनी रे…, अंजली भारद्वाज ने मेरे नसीब में तू है कि नहीं…, संजना सिंह ने हो यारा सिली-सिली बिरहा के…, नवीन पांडेय ने क्या हुआ तेरा वादा…, अम्बे शरण ने परदेसियों से न अखियां मिलाना…., राजकुमार ने तुझको पुकारे मेरा प्यार…, विवेक पांडेय ने चले थे साथ मिलकर चलेंगे…, प्रत्यक्षा ने तुम आए तो आया मुझे याद… गीत को गाया. वहीं युग्ल गीतो में नवीन पांडेय व सुनीता पांडेय ने झिलमिल सितारों का आंगन होगा…, अम्बे शरण व अलका शरण ने अपलम चपलम…, राजकुमार व संजना सिंह ने उड़े जब-जब जुल्फें…., ऋषिका शर्मा व पीहू शमी ने मन क्यों बहका रे बहका…, धर्मेन्द्र कुमार व अंजली भारद्वाज ने जन्म-जन्म का साथ है… की प्रस्तुति की.कार्यक्रम का समापन मेरे देश प्रेमियों…गीत से हुआ.

मंच संचालन करते हुए कार्यक्रम के संयोजक व पत्रकार शमशाद ‘प्रेम’ ने कहा कि रफी साहब के इंतकाल के 43 साल बाद भी करोड़ों लोग उनके चाहने वाले हैं. इस संख्या में इजाफा हो रहा है. यह बड़ी बात है। वे एक अच्छे फनकार ही नहीं, बल्क एक अच्छा गायक भी थे. फिल्म संगीत के क्षेत्र में उनके महत्वपूर्ण योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है. कार्यक्रम में मो. रफी को भारत रत्न की मांग को लेकर हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत की गई. इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार ज्ञानेंद्र सिन्हागुंजन, डॉ. विभा कुमारी, डॉ. सुनीता सिंह, डॉ. दिनेश प्रसाद सिन्हा, डॉ. एस. के. रूंगटा, डा. मदन मोहन द्विवेदी, गुरुचरण सिंह, डॉ. अर्चना सिंह, सलील भारती, नाथूराम, सुधीर मिश्रा, गुरुचरण सिंह आदि मौजूद थे.

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By pnc

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