कलाकारों ने किसानों की बदहाली व दुःख को नाटक में बयां किया

फुलवारी शरीफ,(अजीत). सर्वमंगला सांस्कृतिक मंच के साप्ताहिक नुक्कड़ नाटक की श्रृंखला में महेश चौधरी द्वारा लिखित एवं निर्देशित “किसानों की बदहाली” की प्रस्तुति फुलवारीशरीफ वाल्मी में की गई.

नाटक की शुरुआत सौरभ राज के स्वरबद्ध गीत- जो देता है खुशहाली जिसके दम से है हरियाली, आज वही बर्बाद खड़ा है देखो उसकी बदहाली बहुत बुरी हालत है ईश्वर धरती के भगवान की…. से की गई.




किसानों की दर्द भरी दास्तां को नाटक के जरिए दिखाया गया कि एक किसान बून्द-बून्द पसीना बहाकर खेत में सिंचाई और बुआई करता है.इस बीच उसे प्राकृतिक आपदा के तौर पर कभी सुखार तो कभी बाढ़ से फसल को बचाने के लिए कशमकश करनी पड़ती है. सूदखोर साहूकार किसान की सारी खुशी छीन कर संपत्ति पर कब्जा कर लेता है.साहूकार के चंगुल से निकलने के लिए किसान राजनीतिक व सामाजिक रहनुमाओं से भी गुहार लगाते हैं लेकिन उससे कहीं से भी कोई सहायता नहीं मिलती और आखिरकार कर्ज में डूबा वह किसान जिंदगी की जंग हार जाता है.

नाटक के कलाकार- महेश चौधरी, सौरभ राज, अमन, करण, नमन, मिथिलेश कुमार पांडेय, रंजन, कामेश्वर प्रसाद आदि थे.

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