सहारा-सेबी फंड में 24,000 करोड़ रुपये जमा
लोगों को मिलेंगे सहारा में जमा पैसे
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एक्शन
सहकारिता मंत्रालय ने लगाई थी अर्जी
उत्तर भारत के लोगों का फंसा है अधिक पैसा
साल 2009 में शुरू हुआ था विवाद
सहारा में निवेश करने वाले 10 करोड़ निवेशकों को आज बड़ी खुशखबरी मिलने जा रही है. केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाहने 18 जुलाई यानी मंगलवार को सहारा रिफंड पोर्टल लॉन्चकिया हैं. इस पोर्टल के जरिए सहारा में निवेश करने वाले निवेशकों के पैसे वापस मिलेंगे. इस रिफंड पोर्टल के जरिए उन निवेशकों के रकम वापस मिलेगी, जिनके निवेश की मैच्योरिटी पूरी हो चुकी है. रिफंड पोर्टल पर निवेश के पैसे की वापसी से जुड़ी सभी जानकारियां उपलब्ध हैं .
अमित शाह ने पोर्टल लॉन्च के कार्यक्रम में कहा कि लगभग चार करोड़ लोगों को शुरुआती तौर पर फायदा होगा. सहारा रिफंड पोर्टल के जरिए पारदर्शी तरीके से 5000 करोड़ रुपये निवेशकों को वापस मिलेंगे. उन्होंने सहारा को लेकर कहा कि कई साल कोर्ट में केस चला, मल्टी एजेंसी सीजर हुआ, नरेंद्र मोदी की सरकार ने ऐसे हालात में निवेशकों के हितों को लेकर पहल रिफंड पोर्टल के जरिए की है.
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जब निवेशकों की परेशानी समझ कर काम करें, तो ये हमारे लिए गौरव की बात है. जिन्होंने निवेश किया है, उनके पैसों को वापस करने से कोई नहीं रोक सकता. ये बहुत बड़ी शुरुआत है, पारदर्शिता के साथ करोड़ों लोगों को उनकी गाढ़ी कमाई वापस मिलने की शुरुआत हो गई है.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ये एक्शन देखने को मिल रहा है. देशभर के लाखों निवेशकों के करोड़ों रुपये सहारा इंडिया में फंसे हुए हैं. लोग अपने निवेश की रकम की वापसी का इंतजार कर रहे हैं. सहारा इंडिया में निवेश की मैच्योरिटी पूरा होने के बावजूद भी अभी तक लोगों के पैसे वापस नहीं मिल रहे हैं.
सहारा ग्रुप की सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी, हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड और स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड के पास पैसे जमा करने वाले इंवेस्टर्स को राहत दिलाने के लिए सहकारिता मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर की थी. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 5,000 करोड़ रुपये सीआरसीएस को ट्रांसफर करने का आदेश दिया था.
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जिन निवेशकों ने सहारा में पैसा निवेश किया है, उन्हें सबसे पहले ये चेक करना होगा कि उनका पैसा किस को-ऑपरेटिव में लगा है. फिर उससे जुड़े अपने सारे दस्तावेज जुटाने होंगे. इस प्रोसेस में सहारा के एजेंट की क्या भूमिका होगी. इस बारे में पोर्टल पर जानकारी उपलब्ध होगी. सरकार के इस कदम से निवेशकों में पैसे वापसी को लेकर एक उम्मीद जागेगी. सहारा-सेबी फंड में 24,000 करोड़ रुपये जमा हैं. साल 2012 में ये फंड बना था. सहारा इंडिया में सबसे ज्यादा बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश से निवेशक हैं. कुछ लोगों ने अपनी सारी गाढ़ी कमाई सहारा इंडिया में जमा कर दी थी. अब वो दर-दर भटक रहे हैं. निवेश की अवधि पूरी जाने के बाद भी पैसे वापस नहीं मिलने से कई राज्यों में लगातार सहारा इंडिया के खिलाफ निवेशकों का गुस्सा फूट रहा है.
सहारा का ये विवाद साल 2009 का है. जब सहारा की दो कंपनियां सहारा हाउसिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड और सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन ने अपना आईपीओ लाने लाने की पेशकश की. आईपीओ के आते ही सहारा की गड़बड़ियों की पोल खुलने की शुरुआत हो गई. सेबी के सामने ये बात आ गई कि सहारा ने गलत तरीके से 24,000 करोड़ की रकम जुटाई थी. इसके बाद जब जांच शुरू हुई तो सेबी ने अनियमितता पाई गई थी.
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