सोमवार को आता है सबसे ज्यादा हार्ट अटैक,रहें सावधान

By pnc Jun 11, 2023




क्यों होती है यह “ब्लू मंडे” की घटना

अध्ययन में हुआ खुलासा,सर्कडियन लय से लिंक है हार्ट अटैक

रॉयल कॉलेज ऑफ सर्जन्स के डॉक्टरों ने 10,528 मरीजों के डेटा का विश्लेषण किया

शरीर की नींद या जागने का चक्र के रूप में जाना जाता है सर्कडियन लय

हार्ट अटैक एक गंभीर मेडिकल इमरजेंसी है जिसमें दिल के मांसपेशियों को खून पहुंचाने वाली मुख्य धमनी (कोरोनरी धमनी) में रुकावट आ जाती है. यह रुकावट आमतौर पर खून का थक्के द्वारा होती है जो धमनी को ब्लॉक कर देता है.हार्ट अटैक एक गंभीर मेडिकल इमरजेंसी है जिसमें दिल के मांसपेशियों को खून पहुंचाने वाली मुख्य धमनी (कोरोनरी धमनी) में रुकावट आ जाती है. यह रुकावट आमतौर पर खून का थक्के द्वारा होती है जो धमनी को ब्लॉक कर देता है, जिसके परिणामस्वरूप हृदय के एक भाग को खून सप्लाई की अवधि में आवश्यक ऑक्सीजन की कमी हो जाती है. यदि इस स्थिति का तुरंत इलाज नहीं किया जाता है, तो यह मांसपेशियों के डैमेज या मृत्यु का कारण बन सकता है. हाल ही में हुए एक अध्ययन से चौंका देने वाली बात सामने आई है. अध्ययन से पता चला है कि सोमवार को सबसे गंभीर दिल का दौरा पड़ने की संभावना अधिक होती है. बेलफास्ट हेल्थ एंड सोशल केयर ट्रस्ट और आयरलैंड में रॉयल कॉलेज ऑफ सर्जन्स के डॉक्टरों ने 10,528 मरीजों के डेटा का विश्लेषण किया. इसमें उन्होंने पाया कि सप्ताह के शुरुआत यानी सोमवार को सबसे ज्यादा घातक दिल का दौरा पड़ा.

4 जून को ब्रिटिश कार्डियोवैस्कुलर सोसाइटी में अध्ययन प्रस्तुत करने वाले डॉक्टरों ने एसटी-सेगमेंट एलिवेशन मायोकार्डियल इंफार्क्शन (एसटीईएमआई) का अध्ययन किया, जो तब होता है जब एक प्रमुख कोरोनरी धमनी पूरी तरह से ब्लॉक हो जाती है. आयरलैंड में 2013 और 2018 के बीच अस्पताल में भर्ती हुए लोगों में एसटीईएमआई हार्ट अटैक की दर में बढ़ोतरी सोमवार को उच्चतम दरों के साथ देखी गई. रविवार को अपेक्षा से अधिक एसटीईएमआई की दरें भी थीं. अब तक, वैज्ञानिक पूरी तरह से यह समझाने में असमर्थ रहे हैं कि यह “ब्लू मंडे” घटना क्यों होती है. पिछले अध्ययनों ने सुझाव दिया है कि दिल का दौरा सोमवार को होने की अधिक संभावना है और यह सर्कडियन लय से जुड़ा हुआ है. इसे शरीर की नींद या जागने का चक्र के रूप में जाना जाता है. ब्रिटिश हार्ट फाउंडेशन के चिकित्सा निदेशक प्रोफेसर सर नीलेश समानी ने कहा कि उनका अध्ययन डॉक्टरों को इस घातक स्थिति को बेहतर ढंग से समझने में मदद कर सकता है ताकि हम भविष्य में और अधिक जीवन बचा सकें.

मंडे ब्लू नहीं कॉजी मंडे चाहते हैं, तो सप्ताह की कुछ इस तरह करें प्लानिंग

वीकएंड के बाद सोमवार को जब हमें ऑफिस जाना पड़ता है, तो मंडे ब्लू, फियर डे और न जाने कौन-कौन सा उपमा देते हैं. यदि आप भी चाहती हैं कि सप्ताह की शुरुआत सुकूनदेह हो, तो यहां एक्सपर्ट के बताये सिर्फ 5 टिप्स को फ़ॉलो करें.

सोमवार के दिन आपको अपने ऊपर बहुत अधिक स्ट्रेस नहीं लेना चाहिए

यदि हम अगले सप्ताह की तैयारी को लेकर एंग्जाइटी फील करते हैं, तो यह बहुत सामान्य सी बात है. आपने क्रिकेट में देखा होगा कि जो बैट्समैन क्रीज़ पर आते ही ताबड़तोड़ रन बनाने लगते हैं, वे जल्दी आउट हो जाते हैं. वहीं धीमी शुरुआत करने वाले टिक कर खेलते हैं और अंत में बढ़िया स्कोर बनाते हैं. कुछ ऐसा ही है, ऑफिस जाने से पहले हमारे अगले सप्ताह की तैयारी . यदि आप शांत मन से धीमी शुरुआत करेंगी, तो मंडे ब्लू कहने की कभी जरूरत ही नहीं पड़ेगी. आप इस दिन को कॉजी मंडे कहेंगी.  सायकोथेरेपिस्ट डॉ. सानिया बेदी अपने इन्स्टाग्राम पोस्ट में इसके बारे में विस्तार से बता रही हैं.

क्यों अनुभव होते हैं मंडे ब्लूज

-स्मिता सिंह 

मंडे ब्लूज़ नकारात्मक भावनाओं का एक समूह है, जिसका अनुभव वर्किंग वीक की शुरुआत में मिलता है. यह काम पर जाने और अपना वर्कवीक शुरू करने के डर का एहसास है. आमतौर पर इसके कारण एम्प्लोई सोमवार की सुबह उदास महसूस कर सकते हैं. वे नहीं चाहते हैं कि वीकएंड समाप्त हो. वे अपने काम को लेकर उत्साहित महसूस नहीं करते हैं. अमेरिकन फेडरेशन ऑफ़ लेबर संस्था द्वारा कराए गये सर्वे के अनुसार, जिस ऑफिस में काम का दवाब अधिक रहता है, बॉस और एम्प्लोई रिलेशन सही नहीं रहता है या ऑफिस में अत्यधिक वर्क प्रेशर रहता है, तो उस कंपनी में मंडे ब्लूज का एहसास अधिक होता है. यहां हैं एक्सपर्ट के बताये टिप्स, जिससे आरामदायक सोमवार का एहसास हो सकता है.

1. शुरुआत करें धीमी

डॉ. सानिया कहती हैं, ‘यदि आप सोच रही हैं कि मंडे को ऑफिस पहुंचकर धमाका करना है या कुछ विशेष हासिल करना है, तो अपनी सोच को विराम दें. सोमवार के दिन आपको अपने ऊपर बहुत अधिक स्ट्रेस नहीं लेना चाहिए. इससे आप जल्दी थकान अनुभव करने लगेंगी और नेक्स्ट डे आप चाहकर भी अधिक काम नहीं कर पाएंगी. इसलिए सोमवार को धीमी शुरुआत करें. किसी हल्के-फुल्के काम को इस दिन निपटाएं.

2, पूरे सप्ताह के लिए लक्ष्य बनाएं

आपको पूरे सप्ताह क्या-क्या करना है? कौन कौन से कार्य को सप्ताह के अंत तक पूरा करना है, यह पहले से तय कर लें. फ्राइडे को नेक्स्ट वीक की प्लानिंग और लक्ष्य बना लें. कुछ कार्य एकाएक आ जाते हैं, पर उनकी संख्या नाम मात्र की होती है.प्लानिंग कर लेने के बाद फिर आपको इस बात की चिंता नहीं रहती है कि अगले दिन के काम के लिए तैयारी करनी पड़ेगी. प्लानिंग को हमेशा डेट देकर अपनी डायरी या फोन के प्लानर में नोट कर लें.

3. अपने प्रति दयालू बनें

आप पहले दिन ही थका हुआ महसूस कर रही हैं और लो फील कर सकती हैं. इसके लिए बहुत चिंतित नहीं हों. अपने प्रति दयालू बनें. खुद को समय दें. रिलैक्स होकर अपनी सीट से इधर-उधर टहलें. अपनी पसंदीदा पेय (नारियल पानी) पीयें. अपनी साँसों पर 5 मिनट ध्यान दें. निश्चित तौर पर यह सब करने के बाद आप तरोताजा फील करेंगी.

4 .सप्ताह भर के भोजन की प्लानिंग पहले कर लें

भोजन का भी प्रभाव हमारे मन और तन पर पड़ता है. सोमवार से शुक्रवार तक बहुत तला-भुना, डिब्बाबंद भोजन, गैसी फ़ूड को अवॉयड करें. इन सभी भोजन का न सिर्फ गट हेल्थ, बल्कि माइंड पर भी पड़ता है. ये आपको सुस्त और आलसी बना सकते हैं. कई रीसर्च बताते हैं कि तला-भुना भोजन आपको अधिक लो फील कराते हैं. वहीं ताज़ी और रंग-बिरंगी सब्जिय आपके मन को उत्साह से भर देती हैं.

5 ,कपड़ों की तैयारी

कपड़े के रंगों का चयन भी हमारे मूड को बना या बिगाड़ देता है. सोमवार को हमेशा चटख रंग के कपड़े पहनने की कोशिश करें. डार्क ग्रीन कलर हमें नई उमंग और एनर्जी से भर देता है. सनडे को यह योजना बना लें कि अगले एक सप्ताह तक आपको किस कलर और कौन से परिधान पहनने हैं. शरीर के अंदरूनी हिस्सों तक हवा नहीं पहुंचने और ब्लड सर्कुलेशन सही तरीके से नहीं होने के कारण टाइट ड्रेस आपका काम करने से मन ऊबा देते हैं. इसलिए आरामदायक कपड़े पहनने की कोशिश करें.

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