114.97 करोड़ की लागत से बन रहा है घाट
श्रद्धालुओं को सभी मूलभूत सुविधाएं एवं सहूलियत उपलब्ध होंगी
गंगा नदी के बायें तट पर बन रहा है घाट
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बेगूसराय जिले के सिमरिया धाम में 114.97 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होनेवाले गंगा नदी के बायें तट पर सीढ़ी घाट एवं सौंदर्यीकरण कार्य का शिलापट्ट अनावरण कर कार्यारंभ किया. इस दौरान मुख्यमंत्री ने मोक्षदायिनी माँ गंगा की पूजा-अर्चना कर उन्हें नमन किया. इस दौरान पुरोहितों द्वारा गंगा आरती की गई.निरीक्षण के क्रम में अधिकारियों को निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सिमरिया तट पर गंगा नदी का फ्लो निरंतर बनी रहे और यहां श्रद्धालुओं को हर समय गंगा जल की उपलब्धता आसानी से हो, इसके लिए आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करें. सिमरिया धाम काफी प्रसिद्ध और यह लोगों के आस्था का स्थल है. यहां सिर्फ स्थानीय लोग ही नहीं बल्कि बड़ी संख्या में उत्तर बिहार और नेपाल से भी श्रद्धालु पहुंचते हैं. आज कार्यारंभ किया जा रहा है, हम चाहते हैं कि यह काम जल्द से जल्द पूरा हो.
नवंबर 2024 में यहां श्रद्धालुओं द्वारा किये जाने वाले स्नान से पहले यह काम पूरा हो जाये. इसके लिए जितने पैसे की जरूरत होगी, राज्य सरकार उपलब्ध कराएगी. उन्होंने कहा कि योजना में रिवर फ्रंट का विकास, स्नान घाट के पास चेंजिंग रूम का निर्माण, स्नान घाट के समानांतर सुरक्षा व्यवस्था, गंगा आरती के लिए विनिर्दिष्ट स्थल का निर्माण, धार्मिक अनुष्ठान के लिए मंडप का निर्माण, श्रद्धालुओं के बैठने की व्यवस्था एवं लैंडस्केपिंग, शौचालय परिसर, धर्मशाला परिसर, शेडेड कैनोपी, वाच टावर, पाथ-वे एवं प्रकाशीय व्यवस्था का निर्माण शामिल है. इस काम के पूर्ण हो जाने पर सिमरिया गंगा घाट पर स्नान, मुंडन और धार्मिक अनुष्ठान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं एवं साधु-संतों को काफी सहूलियत होगी.
कार्यारंभ के पश्चात मुख्यमंत्री ने सिमरिया धाम स्थल पर सौंदर्यीकरण कार्य के शिलान्यास के पश्चात् पत्रकारों से बातचीत की. मुख्यमंत्री ने कहा कि हम तो बहुत दिन से सोच रहे थे कि इसका निर्माण कार्य जल्द पूर्ण हो. यहां भक्त और पर्यटक दूर-दूर से आते हैं, उन्हें किसी प्रकार की कोई दिक्कत न हो इसको ध्यान में रखते हुए काम किया जा रहा है. इस स्थान पर आस पास के रहने वाले लोग ही नहीं बल्कि दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं. अंतिम संस्कार के लिए जो लोग यहां आते हैं उन्हें उस स्थल तक जाने के लिए अलग से रास्ता होगा ताकि उन्हें किसी प्रकार की असुविधा न हो. सौंदर्यीकरण कार्य में राशि की कमी नहीं होगी. हरिद्वार की तर्ज पर सिमरिया धाम विकसित होगा.
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