राजीव नगर के पीड़ितों को हाईकोर्ट ने दिया 5-5 लाख रुपए मुआवजा देने का निर्देश
नेपाली नगर में तोड़े गए मकानों का दें मुआवजा
2000 से ज्यादा परिवार वालों को मिली राहत
2018 से पहले बने मकानों का होगा सेटलमेंट
हाईकोर्ट ने कहा
नेपाली नगर में प्रशासन की कार्रवाई पूरी तरह से गलत है.
लोगों को न नोटिस दिया. ना अपील करने का वक्त दिया.
जिन घरों पर प्रशासन ने कार्रवाई की है वो अतिक्रमणकारी नहीं हैं.
नेपाली नगर के लोगों के लिए ही दीघा स्पेशल सेटलमेंट एक्ट और स्कीम बनी थी. राज्य सरकार ने पालन नहीं किया.
अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया को हाईकोर्ट ने रद्द किया है.
राजीव नगर आवास बोर्ड की जमीन पर बने अवैध अतिक्रमण पर पटना हाईकोर्ट ने गुरुवार को फैसला सुनाया है. आवास बोर्ड और प्रशासन की ओर से लगाई गई याचिका को हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है. न्यायधीश संदीप कुमार की बेंच ने तोड़े गए मकान के बदले पांच-पांच लाख मुआवजा देने का निर्देश दिया है. साथ ही 2018 के पहले बने हुए मकानों का सेटलमेंट करने का निर्देश भी जारी किया है. याचिका पर करीब चार महीने पहले न्यायधीश संदीप कुमार की बेंच में सुनवाई पूरी हो गई थी. कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था. लंबे इंतजार के बाद गुरुवार को कोर्ट ने फैसला सुनाया.
इससे 400 एकड़ में रहे रहे 2000 से ज्यादा परिवार वालों को राहत मिली है.21 जुलाई 2022 को जिला प्रशासन की टीम नेपाली नगर में अतिक्रमण हटाने पहुंची थी. टीम का कहना था कि लोगों को नोटिस दे दिया गया है. सभी अवैध कब्जा बनाकर रह रहे हैं. वहीं लोगों का कहना था कि हमें कोई नोटिस नहीं दिया गया है. हम यहां कई सालों से रह रहे हैं. इसके बाद भी नेपाली नगर की 40 एकड़ की जमीन को कब्जे में लेने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी. पुलिस की कार्रवाई का लोगों ने विरोध किया था. पुलिस और अतिक्रमणकारियों के बीच झड़प भी हुई थी. कई पुलिसकर्मी भी घायल हो गए थे. इस पूरे मामले को लेकर राजीव नगर थाने में दो अलग-अलग केस दर्ज किए गए थे.
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