दरभंगा में दिखा जेडीयू में अंदरूनी कलह का क्लाइमैक्स




राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के सामने पार्टी के दो गुटों ने किया जोरदार हंगामा

नाराज ललन सिंह मंच से उतरे और कार्यकर्त्ताओं के बीच जा बैठे

ललन ने कहा कर्नाटक में विपक्ष को जीत देकर जनता ने पेश की नजीर

शनिवार 13 मई 2023 का दिन इंडिया के विपक्ष के लिए भाग्यशाली साबित हुआ जब बीजेपी की कर्नाटक विधानसभा चुनाव में हार हुई. विपक्ष को एकजुट करने का बीड़ा उठाने वाले नीतीश की पार्टी जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के लिए वही दिन खुशनुमा होने के बदले घोर कसैला साबित हुआ.

दरभंगा में आयोजित जेडीयू के कार्यकर्त्ता सम्मिलन में शिरकत करने आए ललन सिंह के सामने ही अली अशरफ फातमी गुट और संजय झा गुट के नेताओं ने अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष और वहां मौजूद आम कार्यकर्त्ताओं का लोक लिहाज छोड़ शक्ति प्रदर्शन किया. हंगामा, नारेबाजी और मर्यादाओं की तिलांजलि के कारण काफी देर तक अफरातफरी का आलम रहा. दिनों से चल रहे आपसी खटपट का विद्रूप क्लाइमैक्स देख ललन सिंह हैरान रह गए. उनकी नाराजगी इतनी बढ़ गई कि वे मंच से नीचे उतर आए और कार्यकर्ताओं के बीच जाकर एक कुर्सी पर बैठ गए.

असल में पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री अली अशरफ फातमी का ये शो ऑफ स्ट्रेंथ था. उनके करीबी समर्थक फातमी के जयकारे वाले नारे ही नहीं लगा रहे थे बल्कि उनने तख्तियां भी लहराईं. इसे देख बिहार सरकार में वरिष्ठ मंत्री संजय झा के समर्थकों ने भी नारे लगाए. कई कार्यकर्त्ता कहते सुने गए कि फातमी ने 7 मई को सर्किट हाउस में पार्टी की हुई जिला कार्यकारिणी की बैठक में मिले अपमान का बदला ले लिया.

दरअसल विवाद की वजह दरभंगा लोकसभा सीट के लिए दावेदारी की है. फातमी और संजय झा जेडीयू की तरफ से दरभंगा से चुनाव लड़ना चाहते हैं. काफी समय से संजय झा विभिन्न सरकारी विकास योजनाओं को पूरा करने के लिए सक्रिय हैं. सरकारी अमलों से उन्हें मिलने वाली अहमियत और खास प्रोटोकॉल से आम जनों में संकेत जा रहा है कि जेडीयू उन्हें बड़ा पॉलिटिकल जिम्मेदारी देना चाहती है. 7 मई को हुई बैठक में जब वे शामिल होने पहुंचे तो पार्टी समर्थकों के एक तबके ने — दरभंगा का सांसद कैसा हो.. संजय झा जैसा हो — के नारे लगाए. इस पर बैठक में मौजूद फातमी उबल पड़े और नारेबाजी का विरोध किया.

थोड़थाम हुई लेकिन 11 और 12 मई को पोस्टरबाजी ने साफ कर दिया कि मामला आगे बढ़ चला है जिसकी परिणति 13 मई को ललन सिंह के सामने घटित हुई. पोलो ग्राउंड में हुए इस सम्मिलन के दौरान जब ललन सिंह गुस्से में मंच से नीचे आकर बैठ गए तो मंच पर खड़े फातमी और संजय झा सहित अन्य नेताओं ने नारेबाजी रोकने की अपील की.. व्यवस्था बहाल करने की कार्यकर्त्ताओं से गुहार लगाई. ललन सिंह को मनाने की कोशिश की गई. लेकिन जब वे नहीं माने तो संजय झा मंच से उतर कर राष्ट्रीय अध्यक्ष के बगल में जाकर बैठ गए. ये दृश्य देख फातमी ने अपने बेटे फराज फातमी को झटपट ललन सिंह के पास बैठने को भेज दिया. अन्य नेता भी नीचे आकर बैठ गए. काफी मान मन्नौवल के बाद ललन सिंह मंच पर गए और कार्यकर्त्ताओं को संबोधित किया.

देर तक वे उन्हें नसीहत देते रहे कि अब से पार्टी की बैठकों में सिर्फ नीतीश कुमार के समर्थन में नारे लगेंगे.. और किसी नेता के पक्ष में नारा नहीं लगेगा. उन्होंने याद दिलाया कि ये चुनाव का वक्त नहीं है जबकि पार्टी को मजबूत करने की कवायद है. लिहाजा नीतीश के अलावा जेडीयू जिंदाबाद के नारे लगाए जाएं.

आखिर में बतौर जेडीयू राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने पीएम मोदी पर निशाना साधा. कर्नाटक में विपक्ष की जीत को लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत करार दिया. साल 2024 के आम चुनाव में बीजेपी को धूल चटाने के लिए कमर कस लेने को कहा. उन्होंने कहा कि बीते एक दशक में बीजेपी सिर्फ बात करती आई है.. काम नहीं करती. मूल समस्याओं के समाधान की ओर उसका ध्यान नहीं है.

संजय मिश्र,दरभंगा

By pnc

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