जेडीयू के दो नेताओं की महत्वाकांक्षा के कारण पोस्टर वॉर
दरभंगा लोकसभा सीट के लिए नेताओं में मचा है घमासान
दरभंगा के सियासी अखाड़े में नया मोड़ आया है. लोकसभा चुनाव में यहां की सीट की दावेदारी को लेकर सत्ताधारी दल जेडीयू के दो नेताओं की महत्वाकांक्षा के कारण पोस्टर वॉर छिड़ गया है. 7 मई को जो स्क्रिप्ट लिखी गई उसकी प्रतिध्वनि लगातार सुनाई दे रही है. राजनीति की समझ रखने वाले मानते हैं कि पार्टी को ये कसैला स्वाद आने वाले समय में पीते रहना पड़ेगा. इस विवाद के दो पात्र हैं बिहार सरकार के मौजूदा मंत्री संजय झा और पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री अली अशरफ फातमी.
शनिवार 13 मई को दरभंगा के पोलो ग्राउंड में जेडीयू का कार्यकर्त्ता सम्मिलन आयोजित है और इससे पहले ही इन दोनो कद्दावर नेताओं के समर्थकों ने पोस्टर वॉर के जरिए शक्ति प्रदर्शन की कोशिश की है. किसी पोस्टर में संजय झा की तस्वीर गायब है तो किसी पोस्टर में फातमी की. किसी में दोनों हैं तो एक की बड़ी तो दूसरे की छोटी तस्वीर डिस्प्ले की गई है.
असल में विवाद 7 मई को सर्किट हाउस में हुए जिला कार्यकारिणी की बैठक में हुई जब संजय झा के बैठक में आने पर उनके समर्थकों ने — दरभंगा का सांसद कैसा हो.. संजय झा जैसा हो — के नारे लगाए. उस वक्त बैठक में अली अशरफ फातमी मौजूद थे. उन्होंने इस नारेबाजी पर कड़ा प्रतिवाद किया. यहां तक इशारा कर दिया कि दरभंगा सीट के लिए वे प्रबल दावेदार हैं. उस समय जैसे तैसे गर्मी को शांत किया गया. लेकिन ये विवाद रह रह कर उठ रहा है. संजय झा को नीतीश का बायां हाथ माना जाता है. जबकि फातमी पूर्व में आरजेडी में रह चुके हैं. इस बीच विपक्षी दलों को एकजुट करने के लिए नीतीश चले गए ओडिशा. उनके साथ जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और मंत्री संजय झा भी गए. ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक ने ललन और संजय को नजर अंदाज किया.
जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और बिहार सरकार के वरिष्ठ मंत्री संजय झा की उड़ीसा में बड़ी किरकिरी हुई. वहां के सीएम नवीन पटनायक ने उन्हें एक किनारे बैठा दिया और खुद नीतीश को दूसरे किनारे ले जाकर बातें की. भोजन कराने के समय भी ललन और संजय के साथ ऐसा ही व्यवहार हुआ.
जेडीयू के युवा पीढ़ी के सशक्त नेता अल्लन खान ने कहा कि साल 2024 के आम चुनाव की तैयारी का आगाज देश की तमाम पार्टियां कर चुकी हैं. बिहार के गठबंधन सरकार में शामिल और सीएम नीतीश की पार्टी जेडीयू भी अपने वर्कर में ऊर्जा भरने खातिर 13 मई 2023 को पोलो ग्राउंड में कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित करने जा रही है. पार्टी के कद्दावर नेताओं के बीच कही जा रही किसी खींचतान में ज्यादा कुछ पढ़ने की जरूरत नहीं है. हम वर्कर हैं और ऐसी किसी चर्चा का हमारे लिए कोई महत्व नहीं. महागठबंधन की तरफ से जिस दल के नेता को भी मैदान में उतारा जाएगा हम उन्हें जिताने के लिए मिहनत करेंगे. किसी नेता में महत्वाकांक्षा होना कोई बुरी बात नहीं.
कोई भी पॉलिटिकल वर्कर ऐसा ही कहेगा. लेकिन खटास की बात तो जगजाहिर है. इस सम्मेलन के जरिए एक गुट ओडिशा में अनदेखा किए जाने और उस झेंप को मिटाने की पूरी कोशिश करेगा वहीं दूसरे गुट को वहां के वाकए से तसल्ली मिली है और उनका मनोबल बढ़ा होगा.उधर, सियासी गलियारों में चर्चा है कि कीर्ति आजाद भी दावेदारी में हैं. ममता बनर्जी बिहार में एक सीट मांग रही हैं. आरजेडी नेता ललित यादव भी नजर गड़ाए हुए हैं.
संजय मिश्र, दरभंगा