नई शिक्षक नियमावली में संशोधन के लिए एक साथ आई वामपंथी पार्टियां

1 मई को शिक्षक मनाएंगे मजदूर दिवस आयोजित होगी संकल्प सभाएं

नई नियमावली में बिना शर्त सभी शिक्षकों को समायोजित करने की मांग




5 मई को पटना में होगा शिक्षक सम्मेलन

पटना।। बिहार विद्यालय अध्यापक नियमावली 2023 के लागू होने के बाद से ही उसका विरोध जारी है. शिक्षक आए दिन नियमावली के विरोध में धरना प्रदर्शन कर अपना आक्रोश प्रकट कर रहे हैं तो वही दूसरी ओर बिहार सरकार को समर्थन दे रही वामपंथी पार्टियां भी नियमावली में संशोधन के लिए एकजुट हो चुकी हैं. शुक्रवार को देर शाम तक 11 नंबर विधायक आवास पर शिक्षक संघों की बैठक बिहार शिक्षक संघर्ष मोर्चा के बैनर तले आयोजित की गई.

मोर्चा के संरक्षक एवं पालीगंज विधानसभा के विधायक संदीप सौरभ ने बताया कि बिहार के मुख्यमंत्री से मिलकर उन्हें पहले ही स्थिति से अवगत करा दिया गया है साथ ही हमने उन्हे केरल एवं दिल्ली के भांति रेगुलर प्रशिक्षण के माध्यम से शिक्षकों के स्किल डेवलपमेंट करने का सुझाव प्रस्तुत किया है एवं उनके समक्ष बिना शर्त सभी नियोजित शिक्षकों को नई नियमावली में समाहित करने की मांग किए हैं संदीप सौरव ने बताया कि वामपंथी दलों के साथ हमने बैठक करके भी एकराय बना लिया है की यह नियमावली चार लाख शिक्षकों के हित में नहीं है तथा इसमें से परीक्षा वाली शर्तों को हटाया जाना चाहिए इतना ही नहीं आगे भी हम अन्य पार्टियां यथा हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा, कांग्रेस राजद एवं जदयू के भी नेताओ से मिलकर इसपर चर्चा की जाएगी एवं उनका समर्थन लिया जाएगा. आगे 1 मई को बिहार के सभी शिक्षक मजदूर दिवस मनाते हुए संकल्प लेंगे तथा 5 मई को पटना में शिक्षक महासम्मेलन का आयोजन किया जाएगा.

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By dnv md

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