ऐसे फैसलों से लोक सेवकों के मनोबल में गिरावट आती है
लोक व्यवस्था कमजोर होती है और प्रशासन के न्याय का मजाक बनता है
सेंट्रल आईएएस एसोसिएशन ने गोपालगंज के पूर्व डीएम जी कृष्णैया की नृशंस हत्या के दोषियों को रिहा करने के बिहार सरकार के फैसले पर गहरी निराशा जताई है. एसोसिएशन ने कहा कि नियमों में संशोधन कर लोक सेवक की हत्या के आरोप में दोषी को कम जघन्य श्रेणी में फिर से क्लासिफाई नहीं किया जा सकता.
आईएएस एसोसिएशन ने कहा कि एक मौजूदा वर्गीकरण में संशोधन, जो कर्तव्य पर एक लोक सेवक के सजायाफ्ता हत्यारे की रिहाई की ओर ले जाता है, न्याय से वंचित करने के समान है. ऐसे फैसलों से लोक सेवकों के मनोबल में गिरावट आती है, लोक व्यवस्था कमजोर होती है और प्रशासन के न्याय का मजाक बनता है. हमारा सरकार से अनुरोध है कि वो जल्द इस फैसले पर पुर्निविचार करे.
वहीं, बाहुबली नेता के जेल से रिहा होने पर बिहार में बयानबाजी तेज है. भाजपा खुलकर कुछ नहीं कह रही है लेकिन 26 अन्य कैदियों के छोड़ने का विरोध कर रही है. इसी क्रम में भाजपा विधान मंडल दल के नेता विजय सिन्हा ने मंगलवार को बयान जारी कर अपनी प्रतिक्रिया दी.विजय सिन्हा ने कहा कि सरकार का यह कदम दुर्भाग्यपूर्ण है. आनंद मोहन को राजनीतिक कारणों से तत्कालीन सरकार द्वारा फंसाया गया था, उनकी रिहाई स्वागत योग्य है. सरकार को उनसे मांफी मांगनी चाहिए, लेकिन उनकी आड़ में अन्य 26 अपराधियों की रिहाई सूची में नाम देखकर बिहार के लोग स्तब्ध हैं. सिन्हा ने कहा कि साल 2016 में जेल मेन्युअल में संशोधन आनंद मोहन पर बदले की भावना से कार्रवाई करने के लिए की गई थी. उसी संशोधन का परिणाम है कि सम्पूर्ण सजा काटने के बाद भी उनकी रिहाई नहीं हुई.
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