पटना, 29 मार्च( ओ पी पाण्डेय). फाल्गुन के बाद बदले मौसम के मिजाज से अभी लोगों को राहत मिली नही कि मौसम ने फिर से अपना तेवर बदलने का संकेत दिया है. इन संकेतों को जान मौसम विभाग ने लोगों को 1 अप्रैल तक सचेत रहने का सलाह दिया है.

मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो राज्य में 30 मार्च की शाम 5 बजे से भारी गर्जन के साथ बारिश शुरू हो जाएगी. प्रदेश के अधिकतर हिस्सों में 10 से 50 मिलीमीटर तक बारिश की संभावना जताई गई है. ऐसे में सबसे ज्यादा सतर्क किसानों को रहने की जरूरत है क्योंकि बारिश के साथ-साथ ठनका और ओलावृष्टि की घटनाएं जब होती हैं तो आसमानी आफत के दौरान सबसे ज्यादा घटनाएं किसानों के साथ घटती है.




मौसम विभाग ने देश के कई हिस्से में होने वाले इस बदलाव के बारे में लोगों को आगाह करते हुए उन्हें सचेत रहने की सलाह दी है. बुधवार यानि 29 मार्च की रात से उत्तर पश्चिम भारत में वर्षा/आंधी/ओलावृष्टि का एक नया दौर शुरू होने की चेतावनी है.

मौसम के बदले इस मिजाज में 30 और 31 मार्च, को बिहार, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और सिक्किम में बारिश,तूफान या दोनों गतिविधि की एक साथ संभावना जताई जा रही है.

अगर मौसम ने ये करवट ली तो किसानों पर आफत का कहर बरपेगा क्योंकि अभी रबी फसल की कटाई का समय है ऐसे में अभी भी ये रबि फसल इस बार देर से लगने के कारण पूरी तरह हर जगह तैयार नही हैं. अगर बारिश होती है तो इन फसलों को काफी नुकसान हो सकता है. मौसम विभाग की तरफ से जारी यह पूर्व सूचना किसानों को उनके फसल को बचाने के उपाय के लिए तो अच्छी है पर यदि जमीनी सच्चाई को देखें तो क्या खुले आसमान ने नीचे हजारों बीघे में फैले किसान की यह फसल कैसे बचाई जाए. अगर आसमान से इस बारिश को रोकने के लिए त्रिपाल की सोचें तो संभव नही है इतने बड़े खेतों के ऊपर यह आवरण किसान डाल सकें. बस खेतों में वे इस दौरान न जाकर जिंदगी को बचाने की सतर्कता बरतें बाकि प्रकृति कैसे उन्हें पुनः जीवन जीना सिखाएगी ये तो आगे का समय तय करेगा.

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