महज 36 घंटे में चढ़ाई पूरी करने वाली पहली भारतीय महिला बनी
सहरसा की लक्ष्मी झा को यह कीर्तिमान बनाने में भाजपा के पूर्व सांसद आरके सिन्हा का था सहयोग
एवरेस्ट बेस कैंप पहुंचने वाली बनी थी बिहार की पहली बेटी लक्ष्मी
भाजपा के पूर्व सांसद ने आर के सिन्हा ने दी बधाई और शुभकामनाएं
रवीन्द्र भारती
दुनिया का सबसे ऊँचा माउंट किलिमंजारो पर्वत शृंखला पर बिहार की बेटी लक्ष्मी तिरंगा फहराया कर दुनिया भर की महिलाओं को सन्देश दिया कि महिलायें ठान लें तो कोई भी काम कर सकती है .अंतराष्ट्रीय महिला दिवस पर लक्ष्मी झा ने भारत का तिरंगा लहरा कर एक कीर्तिमान अपने नाम स्थापित किया. सात मार्च को उन्होंने चढ़ाई शुरू की और आठ मार्च को तिरंगा फहरा कर सफलता हासिल की.उन्होंने यह काम सिर्फ 36 घंटे में पूरा कर दुनिया की पहली महिला बनने का कीर्तिमान अपने नाम किया .
इस अभियान की शुरुआत में पूर्व सांसद आर के सिन्हा ने फ्लैग ऑन कर उसने अभियान को राष्ट्रीय ध्वज दे कर शुरू किया था. बिहार के सहरसा ज़िले के बनगाँव की रहने वाली लक्ष्मी झा साउथ अफ्रीका के माउंट किलिमंजारो पर्वत की 19341 फीट ऊँची चोटी पर आठ मार्च महिला दिवस के दिन पहुंची.
इस सम्बन्ध में में पूर्व सांसद आरके सिन्हा ने कहा कि लक्ष्मी की यात्रा में होने खर्च और प्रशिक्षण का खर्च वे खुद वहन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि लक्ष्मी जब माउंट एवरेस्ट की बेस कैंप पर पहुंची थी उसके पहले से मैं इनकी प्रतिभा को जानता हूँ। उनको इस उपलब्धि पर हर संभव सहायता करने की घोषणा भी की थी आज के दिन लक्ष्मी झा को इस अभियान के लिए भेज कर मैं खुद भी गौरव की अनुभूति कर रहा हूँ मेरी यह कोशिश रही है कि कोई भी प्रतिभा पैसे के अभाव में कुंठित न हो उन्हें एक सम्मान के साथ जीवन में कुछ करने का अवसर मिलना चाहिए बिहार के लोगों की जिम्मेवारी है सरकार की जिम्मेवारी है पर कोई राह नहीं दिखता तो बच्चे मेरे पास आते है उन्हें मैं हर संभव मदद करता हूँ । पूर्व सांसद आर के सिन्हा ने कहा कि अवसर ट्रस्ट पढ़ाई लिखाई के लिए समर्पित संस्थान है यहाँ से भी बच्चे निशुल्क पढ़ाई कर के आई आई टी और यूपीएसी जैसी परीक्षाओं में जातें है और अपने प्रदेश का नाम रौशन करते हैं। लक्ष्मी झा को माउंट किलिमंजारो पर्वत पर चढ़ाई कर भारतीय झंडा फहराने के लिए बहुत बहुत शुभकामनाएं और बधाई देता हूँ.
माउंट किलिमंजारो पर्वत चौथी सबसे प्रमुख चोटी है। 1889 में शिखर पर पहुंचने वाले पहले लोग हैंस मेयर और लुडविग पर्त्शेलर थे । यह किलिमंजारो नेशनल पार्क का हिस्सा है और एक प्रमुख चढ़ाई ट्रेकिंग है। इसके सिकुड़ते ग्लेशियरों और लुप्त हो रहे बर्फ क्षेत्रों के कारण यह कई वैज्ञानिक अध्ययनों का विषय रहा है। अपने पर्वातारोही अभियान को सच करने निकली बिहार के सहरसा की पर्वतारोही लक्ष्मी झा ने कहा कि पूर्व सांसद आर के सिन्हा जी ने वैसे समय पर हमारी मदद की है जब मेरे इस अभियान के लिए सारे दरवाजे बंद नजर आ रहे थे उन्हें मैं मैं विशेष आभार व्यक्त करती हूँ.
बिहार के सहरसा जिले की रहने वाली लक्ष्मी झा ने एक नया कीर्तिमान स्थापित कर बिहार ही नहीं बल्कि पूरे देश का नाम रौशन किया है दरअसल, मूल रूप से सहरसा के बनगांव की रहने वाली लक्ष्मी झा ने मात्र 9 दिनों के अंदर नेपाल स्थित माउंट एवरेस्ट बेस कैंप और नेपाल के काला पत्थर पर तिरंगा लहराकर नाम रोशन कियाथा लक्ष्मी झा एवरेस्ट बेस कैंप तक पहुंचने वाली बिहार की पहली बेटी बनी है उन्हें ये सफलता बहुत संघर्ष के बाद मिली है जिसमें उनकी मां सरिता देवी का काफी सहयोग रहा है लक्ष्मी झा के इस उपलब्धि को लेकर परिवार में खुशी का माहौल है बता दें कि लक्ष्मी झा सहरसा जिले के बनगांव की रहने वाली है और इनके पिता का नाम स्व बिनोद झा है जिनकी 17 वर्ष पहले ही मौत हो चुकी है लक्ष्मी झा 4 भाई बहन में सबसे छोटी है पिता की मौत के बाद रोजी रोटी का कोई सहारा नहीं होने के कारण उनकी मां काफी मेहनत से अपने चार बच्चों का लालन पालन करती रही और सभी बच्चों को पढ़ाया लिखाया. लक्ष्मी ने मैट्रिक और इंटर के बाद बीए पास की,अपनी पढ़ाई जारी रखी और वो एवरेस्ट पर चढ़ने को लेकर तैयारी करने लगी जहां उन्होंने अपना नामांकन उत्तराखंड के पर्वतारोही नेहरू इंस्टीट्यूट में करवाया, सहयोग और मार्गदर्शन से वो आगे बढ़ी.