जंगलराज रिर्टन पर भी बेफिक्र नीतीश का छोड़ा मीना सिंह सहित डेढ़ दर्जन ब्लॉक स्तर के अध्यक्षों ने JDU का साथ
JDU को तेजस्वी यादव के हाथों गिरवी रखे जाने से खफा पूर्व सांसद मीना सिंह ने दिया इस्तीफा
अध्यक्ष को पत्र लिख दिया इस्तीफा
पटना (ओ पी पांडेय). आरा-विक्रमगंज की पूर्व सांसद मीना सिंह ने शुक्रवार को जेडीयू से इस्तीफा दे दिया. पटना के मौर्या होटल में आयोजित प्रेस-कांफ्रेंस में उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार से मैं कभी जुदा नहीं होना चाहती थी, लेकिन जिस तरीके से उन्होंने जंगल राज के युवराज को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया है, बिहार की जनता डर गई है, आम-आवाम को पुराने दौर की वापसी दिख रही है, ऐसे में जेडीयू के साथ मेरा रहना नाइंसाफी होगा.
मीना सिंह ने कहा कि इस फैसले के पहले उन्होंने अपने राजनैतिक जीवन का पूर्ण आकलन किया. उन्होंने कहा कि उनके पति अजीत कुमार सिंह कांग्रेस में थे, लेकिन बिहार को जंगल राज से मुक्त कराने की लड़ाई में वे नीतीश कुमार के साथ आए. फिर बिहार को आतंक राज से मुक्ति मिली. इसके बाद आप सभी को पता है कि मेरे सांसद पति की असामयिक मौत एक सड़क दुर्घटना में हो गई. फिर, नीतीश कुमार को बिहार की जनता ने सेवा करने का मौका दिया. हमने पूरी निष्ठा के साथ जेडीयू की हर लड़ाई में अपनी सहभागिता निभाई.
मीना सिंह के अनुसार 2014 में भी वे नीतीश कुमार के साथ रहीं, जबकि बहुत सारे लोग उन्हें छोड़ कर दरकिनार हो गए. उन्होंने कहा कि आगे के किसी चुनाव में नीतीश कुमार को उनकी याद भले नहीं आई हो, लेकिन जेडीयू को वे कभी नहीं भूलीं. उन्होंने कहा कि 2015 में भी बिहार में महागठबंधन बना, लेकिन आम-अवाम को इसलिए चिंता नहीं हुई क्योंकि पूरी मजबूती से नेतृत्व नीतीश कुमार के पास ही रहा. जब भ्रष्टाचार के छींटे सहयोगी दल पर लगे, तो बिना देर किए नीतीश कुमार ने नाता तोड़ लिया.
मीना सिंह ने कहा कि आज की स्थिति दूसरी और बहुत ही भयावह है. जब से बिहार में महागठबंधन की सरकार बनी है, पूरे बिहार में अपराधी तांडव कर रहे हैं. हर प्रकार के अपराध की घटनाएं बढ़ी हैं, ऐसा लग रहा है कि 2005 के पूर्व की तरह खास तरह लोगों के खिलाफ पुलिस को कार्रवाई करने से रोक दिया गया है. जनता परेशान है, जंगल राज रिटर्न साफ-साफ दिख रहा है, लेकिन नीतीश कुमार को कोई फिक्र नहीं है.
उन्होंने कहा कि सबसे दुखद पल तो वो रहा, जब नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया. इसके बाद तो मैं विचलित हो गई. मेरे लोग कहने लगे, अब जेडीयू में क्या बचा है. मुझे लगता है, नीतीश कुमार ने जेडीयू के साथियों के सम्पूर्ण संघर्ष को भूला दिया है और पार्टी को विलोपित करने का ही फैसला कर लिया है, वरना जंगल राज के युवराज को वे उत्तराधिकारी नहीं घोषित करते.
पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि आगे वे क्या करेंगी, इसके पहले अपने समर्थकों के साथ बैठक कर विचार करेंगी. बिहार हित में जो मंजूर होगा, उसी रास्ते चलेंगी. मीना सिंह के साथ-साथ आज समता पार्टी के निर्माण काल से पार्टी के सदस्य व प्रदेश सचिव, भोजपुर के पूर्व जिलाध्यक्ष अशोक शर्मा, युवा जेडीयू के प्रदेश सचिव राकेश पाठक, पूर्व जिला महासचिव शिवशंकर सिंह, शाहपुर के प्रखंड अध्यक्ष उमेश चंद्र पांडेय , बिहियां के प्रखंड अध्यक्ष श्रीराम महतो , उदवंतनगर के प्रखंड अध्यक्ष मुकुल कुमार सिंह , संदेश के प्रखंड अध्यक्ष विपिन विश्वास , जेडीयू भोजपुर के वरिष्ठ नेता व गढ़नी के पूर्व प्रखंड अध्यक्ष अवधेश पांडेय, सुरक्षा सेवा प्रकोष्ठ भोजपुर के पूर्व जिलाध्यक्ष रामदयाल सिंह , पंचायती राज प्रकोष्ठ भोजपुर के पूर्व जिलाध्यक्ष रंजन कुमार सिंह समेत बड़ी संख्या में दूसरे नेताओं ने भी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया.
इस्तीफे के बाद राजनीतिक गलियारे में एक बार फिर से हलचल तेज हो गयी है. अटकलों की बाजार गर्म है. विभिन्न पार्टियों से जुड़े लोग उन्हें लुभाने के लिए तैयारी में हैं लेकिन सूत्रों की माने तो चर्चा है कि वे BJP में शामिल हो सकती हैं लेकिन इसके पूर्व अभी आपसी चर्चाओं और मंथन का कई दौर बाकी है.